बाबुओं की मिलीभगत, फर्जी एफिडेविट पर मृतक कोटे में पाई सरकारी नौकरी

मां को पहले ही मिल चुकी है नौकरी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने रोकी नियुक्ति

BAREILLY: घोटालों और अनियमितताओं की खान बने नगर निगम में अब फर्जी डॉक्यूमेंट्स पर नौकरी पाने का खेल उजागर हुआ है। निगम के स्वास्थ्य विभाग में मृतक कोटे से एक युवक ने स्थाई नौकरी के लिए आवेदन किया। जबकि युवक की मां पहले से ही निगम में मृतक कोटे से स्थाई कर्मचारी के तौर पर काम कर रही है। नियमों के उलट बाबुओं की मिलीभगत से युवक की फाइल को अपर नगर आयुक्त और नगर आयुक्त से अनुमोदित भी करा दिया गया। लेकिन नियुक्ति लेने जब युवक विभाग पहुंचा तो कंप्लेन पर नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने मामले का फर्जीवाड़ा पकड़ा।

एफिडेविट पर उठे सवाल

निगम में मृतक कोटे पर नौकरी के लिए आवेदन करने वाले मनीष ने क्लर्क पद पर ख्भ् फरवरी को अपना डॉक्यूमेंट्स जमा कराया था। मनीष के पिता श्याम बिहारी की करीब फ् साल पहले मौत हो चुकी है। जिसके बाद मनीष की मां चंद्रमुखी को मृतक कोटे से निगम में वार्ड भ् में स्थाई सफाई कर्मचारी के पद पर नौकरी मिली गई। वहीं भाई को भी कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी मिली। मां को स्थाई नौकरी मिलने के बावजूद मनीष ने निगम के बाबुओं की सांठ गांठ से नौकरी पाने का जुगाड़ लगाया और कामयाब रहा, लेकिन कंप्लेन के बाद फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया और नगर आयुक्त ने युवक की फाइल तलब कर ली है।

बाबुओं की रही मिलीभगत

मृतक कोटे में फर्जी नौकरी दिलाने के मामले में स्वास्थ्य विभाग के बाबुओं की अहम भूमिका है। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। एसपीएस सिंधु ने वार्ड म्,7, व 8 के क्लर्क को तीन दिन में आरोपी युवक के सभी पर्सनल डॉक्यूमेंट अवेलेबल करने का निर्देश दिया है। वहीं इस मामले में स्टेब्लिशमेंट क्लर्क की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

आरोपी मनीष के मृतक कोटे में गलत तरीके से नौकरी पाने की सूचना मेरे संज्ञान में आई है। जिस पर संबंधित बाबू से युवक के सभी डॉक्यूमेंट्स मांगे गए हैं। युवक की नियुक्ति को रोक दिया गया है। आगे की कार्यवाही के लिए नगर आयुक्त को जानकारी दी गई है। - डॉ। एसपीएस सिंधु, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

मृतक कोटे में फर्जी तरीके से नौकरी पाने का प्रकरण मेरे सामने आया है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी से इससे संबंधित सारी फाइलें मंगा ली गई हैं। डॉक्यूमेंट्स और एफिडेविट में दी गई जानकारी की जांच कराई जाएगी। - उमेश प्रताप सिंह, नगर आयुक्त

यह प्रकरण मेरे सामने आया है। नगर आयुक्त से इस बारे में मेरी बात हो चुकी है। इस पूरे मामले में कार्यवाही की जा रही है। अगर एफिडेविट गलत पाया गया तो आरोपी युवक और फाइल का सत्यापन करने वाले बाबुओं पर कार्रवाई होगी। - डॉ। आईएस तोमर, मेयर

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