आवारा सांडों को बंद रखने के लिए नहीं है कांजी हाउस

कई साल से निगम की आवारा सांड पकड़ने की मुहिम बंद

BAREILLY: शहर की सड़कों पर मौत बनकर घूम रहे आवारा सांडों पर नगर निगम का भी जोर नहीं चलता है। इन सिरफिरे आवारा सांडों को काबू में करने की निगम की कोशिश और कवायद दोनों ही नाकाम रही हैं। पिछले लंबे अर्से से आवारा सांडों को पकड़ने की निगम की कोई मुहिम रंग नहीं लाई, जिसका खामियाजा जब तब बेगुनाह लोगों को चोटिल होकर या फिर अपनी जान की कीमत देकर चुकाना पड़ता है। बरेली शहर में अक्सर ट्रैफिक जाम, एक्सीडेंट्स और कई परेशानियों का सबब बने इन सांडों को काबू में रखने की योजनाओं पर भी कभी अमल नहीं किया गया। वहीं आवारा कुत्तों और बंदरों सहित अवैध डेयरीज की शक्ल में शहर को बर्बाद कर रही वजहों पर भी निगम हाथ पर हाथ धरा ही बैठा है।

न कांजी हाउस, न सिस्टम

लोगों के लिए खतरा बने इन आवारा जानवरों को रखने के लिए निगम के पास कांजी हाउस ही नहीं है। करीब क्ख् साल पहले ही निगम का इकलौता कांजी हाउस बंद हो गया। इसके बाद से आवारा जानवरों को पकड़ने की निगम की मुहिम भी ठंडी पड़ने लगी। वहीं निगम के स्वास्थ्य विभाग के पास आवारा जानवरों को पकड़ने वाला कैटल दस्ता भी सिर्फ कागजों में ही अपनी वर्किंग और परफॉर्मेस दिखा रहा है। कांजी हाउस बंद होने के बाद कभी कभार कोई सांड पकड़ा भी गया तो उसे सराय तल्फी में बने गौशाला में ही बंद रखने की व्यवस्था की गई।

अवैध डेयरीज पर भी नकेल नहीं

निगम शहर को साफ रखने में एक और बड़े मोर्चे पर पूरी तरह नाकाम साबित हुआ। शहर में चल रही अवैध डेयरीज को हटाने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर निगम की ओर से सारी कार्रवाई कागजी जंग तक ही सिमटी रही। दो बार निगम की ओर से अवैध डेयरी संचालकों की लिस्ट बनाकर उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया पर उसके बाद की कार्यवाही पर अधिकारियों ने सुस्ती पकड़ ली। इससे शहर की सड़कों पर सुबह शाम मवेशियों का रेला बेधड़क और बेतरतीब तरीके से निकलता है, जिससे राहगीरों को दिक्क्त होती है।

आवारा बंदरों को शहर से बाहर करने और कुत्तों का बंध्याकरण करने का काम तो हो रहा है। आवारा सांड को पकड़ने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा सके हैं। इस पर जल्द ही कदम उठाए जाएंगे।

- डॉ। एसपीएस सिंधु, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

आवारा सांड को पकड़ने के लिए निगम के अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए जाएंगे। इस पर जल्द ही सख्त कार्रवाई की जाएगी। कांजी हाउस बंद होने के बाद गौशाला में आवारा सांड को रखा जाता है। अक्सर नगर निगम सीमा से जुड़े गांवों से इन सांडों को छोड़ दिया जाता है।

- डॉ। आईएस तोमर, मेयर