बोर्ड बैठक में दुकानों की नीलामी के प्रस्ताव पर सपा भाजपा पार्षदों में टकराव

महिला पार्षदों ने की बदतमीजी की कंप्लेन, कब्जेदारी के प्रस्ताव शासन को भेजा

BAREILLY: फ्राइडे को निगम की बोर्ड बैठक में दुकानों की नीलामी और रिजर्वेशन को लेकर एक बार फिर सपा भाजपा पार्षद एक दूसरे से भिड़ पड़े। प्रस्ताव पर मोशन लेने के बावजूद मेयर डॉ। आईएस तोमर के इसे मंजूर किए जाने के खिलाफ भाजपा पार्षद नेता विकास नेता ने विरोध जताया। जिस पर मेयर और पार्षद नेता के बीच जबरदस्त बहस हुई। इस बीच सपा पार्षदों के बीच में विवाद को हवा देने से मामले ने तूल पकड़ लिया। मेयर के सामने ही दोनो पक्षों के पार्षद एक दूसरे से भिड़ पड़े। जिस पर नाराज भाजपा पार्षदों ने बैठक का बहिष्कार करने की धमकी दी। मेयर के समझाने पर पार्षद शांत हुए और बैठक को अंजाम दिया जा सका।

महिला पार्षदों ने दिखाई नाराजगी

बैठक में हुए हंगामे पर महिला पार्षदों ने भी मेयर से अपनी नाराजगी जताई। हंगामे के दौरान भाजपा की महिला पार्षदो ने मेयर की मेज तक आकर इस अव्यवस्था के लिए अपना विरोध जताया। पार्षद शालिनी जौहरी ने मेयर से सदन में अपने सवाल नहीं सुनने के आरोप लगाए। साथ ही अगली बार निगम की बैठक में इस तरह से अव्यवस्था होने पर घर बैठे ही प्रस्तावों पर मंजूरी दिए जाने की बात कही। महिला पार्षदों ने बैठक की गरिमा बनाते हुए साथी पार्षदों से व्यवस्था की मांग की।

सफाई व रोड कटिंग को लेकर कंप्लेन

बैठक में पार्षदों ने अपने वार्डो में खराब सफाई व्यवस्था व सफाई कर्मचारियों के मौजूद न होने की कंप्लेन की। इस पर मेयर ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी से किस आदेश के तहत सफाई कर्मचारियों को हटाने की बात पूछी। साथ ही निर्देश दिया कि जिन वार्डो में सफाई के लिए स्टाफ नहीं वहां ठेके पर सफाई कराने के निर्देश दिए। वहीं रोड कटिंग की वजह से होने वाली दिक्कतों व दुर्घटनाओं को रोकने के लिए दोनों एक्सीईएन को कार्रवाई के निदर्1ेश दिए।

कब्जेदारी का प्रपोजल शासन को भेजा

बोर्ड बैठक में तिलक इंटर कॉलेज फील्ड मार्केट की दुकानों की नीलामी वाले प्रपोजल पर हंगामे के बाद इसे फिलहाल रद्द कर दिया गया। मेयर ने इस प्रपोजल को अगली बैठक में रखने और इससे जुड़े सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को पढ़ने के बाद ही मंजूरी देने की बात कही। वहीं निगम की दुकानों पर मालिकाना हक में बदलाव के लिए लाए गए प्रपोजल में पांच सुधार किए गए। साथ ही भाजपा पार्षदों की आपत्ति के बाद इसे मंजूरी के लिए शासन को भेजने का फैसला लिया गया।