सीएमएस ने ओपीडी शुरू होने से पहले रजिस्टर जांचे

लेटलतीफ डॉक्टर्स के सुबह 8 बजे तक आने के निर्देश

BAREILLY:

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में इलाज के लिए जुटने वाले दूर दराज से आए मरीजों को 'जमीन के भगवानों' के दर्शन अब समय पर हो सकेंगे। मरीजों को हॉस्पिटल की ओपीडी में सुबह 8 बजे आने पर ही डॉक्टर्स से इलाज मिलना संभव होगा। हॉस्पिटल के नए सीएमएस डॉ। डीपी शर्मा ने ओपीडी समय पर ही शुरू होने और मरीजों को इलाज मिलने की ढीली व्यवस्था चुस्त करने की कवायद कर दी है। सीएमएस ने अपने डॉक्टर्स को ओपीडी शुरू होने के तय समय तक ही अपने केबिन में पहुंचने का 'मेसेज' दिया है। जिससे समय पर ओपीडी पहुंचने के बाद भी मरीजों को डॉक्टर्स के आने की राह न ताकनी पड़ी।

औरों से पहले सीएमएस

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में सीएमएस के तौर पर अपनी नई जिम्मेदारी संभाल रहे डॉ। डीपी शर्मा ओपीडी को लेकर काफी गंभीर हैं। ओपीडी देरी से शुरू होने की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए सीएमएस ट्यूजडे को सुबह 7.45 बजे ही हॉस्पिटल आ पहुंचे। सीएमएस ने रजिस्टर चेक किया और 8 बजे तक आने वाले डॉक्टर्स की मौजूदगी परखी। इसके बाद उन्होंने ओपीडी का जायजा लिया और मरीजों को मिलने वाले इलाज की व्यवस्थ्ा देखी।

देरी से शुरू होती हैं ओपीडी

हॉस्पिटल में आम दिनों में ओपीडी शुरू होने का समय सुबह 8 बजे और बंद होने का समय दोपहर 2 बजे है। सुबह जल्द इलाज और दवा मिलने की उम्मीद में दूर दराज के इलाकों से सैकड़ों मरीज 8 बजे से पहले ही कतार में खड़े हो जाते हैं। लेकिन कई डॉक्टर्स के समय पर न आने से उन्हें मायूस होना पड़ता है। ज्यादातर डॉक्टर्स 8.15 से 8.30 तक अपने केबिन में जिम्मेदारी संभालते हैं। जिससे कई बार लाइन में खड़े मरीजों में पहले दिखाने को लेकर विवाद भी होता है।

ताकि समय पर आएं डॉक्टर्स

ओपीडी समय पर शुरू हो इसके लिए सीएमएस ने डॉक्टर्स को अनुशासन का पाठ पढ़ाने के बजाए खुद समय से पहले आना शुरू किया है। सीएमएस ने बताया कि ओपीडी का समय शुरू होने से पहले सुबह 7.45 बजे ही वह ऑफिस आकर सभी डॉक्टर्स की उपस्थिति रजिस्टर चेक करेंगे। जिससे ओपीडी के डॉक्टर्स तय समय तक आकर मरीजों का इलाज शुरू करें।

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निजी हॉस्पिटल ने दिखाया डेंगू का डर

पीलीभीत के एक मरीज को बताया सस्पेक्टेड डेंगू का मरीज

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में खून की जांच में नहीं मिले लक्षण

BAREILLY:

निजी हॉस्पिटल्स में एक बार फिर डेंगू का डर मरीजों पर भारी पड़ रहा है। बदलते मौसम के बीच सामान्य बुखार भी मरीजों में डेंगू के डंक के तौर पर दिखाया जा रहा है। बीते कुछ सालों में अपने खौफ से ज्यादा प्राइवेट हॉस्पिटल्स में कमाई को लेकर डेंगू का पहलू देखने में आया है। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल ऐसा ही एक और केस देखने को मिला है। निजी हॉस्पिटल में डेंगू का संभावित मरीज करार दिया हुआ एक आदमी डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में अपना इलाज करा रहा है। लेकिन हॉस्पिटल में मरीज की खून की जांच में अब तक डेंगू का कोई लक्षण नहीं मिला है.

ब् दिन से है एडमिट

पूरनपुर पीलीभीत के रहने वाले अशोक कुमार गुप्ता को बुखार आने पर परिजनों ने पास के ही एक निजी हॉस्पिटल में इलाज के लिए दिखाया। हॉस्पिटल में इलाज व जांच के दौरान अशोक गुप्ता को सस्पेक्टेड डेंगू होना बताया गया। इससे घबराए अशोक के परिजनों ने उसे बरेली डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में चार दिन पहले एडमिट कराया। हालांकि हॉस्पिटल में खून की जांच में डेंगू के किसी भी तरह का लक्षण नहीं पाया गया।

लाइजा टेस्ट की तैयारी

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में डेंगू की शुरुआती जांचों में किसी भी तरह के लक्षण न दिखने के बाद मरीज का एलाइजा टेस्ट कराने की तैयारी है। जिससे मरीज को तसल्ली हो सके। डॉक्टर्स ने बताया कि निजी हॉस्पिटल में प्लेटलेट्स कम होने का हवाला देते हुए डेंगू होने की बात कही गई थी। जबकि प्लेटलेट्स आमतौर पर बुखार की स्थिति में भी कम हो जाते हैं। लेकिन कई बार निजी हॉस्पिटल आम बुखार में भी मरीज को डेंगू का डर दिखा देते हैं।

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ओपीडी समय पर शुरू हो इसके लिए डॉक्टर्स को कहा गया है। मैं खुद जल्दी आकर उपस्थिति रजिस्टर चेक कर रहा हूं। ओपीडी समय पर शुरू हो तो मरीजों को भी राहत मिल और अफरातफरी भी न हो। हॉस्पिटल में एडमिट मरीज की खून की जांच में डेंगू के लक्षण नहीं पाए गए हैं। - डॉ। डीपी शर्मा, सीएमएस