जंक्शन से कचहरी चौराहे तक पीपीपी मॉडल के तहत नए बने डिवाइडर में रंग रोगन शुरू

35 हजार की लागत वाले 25 डिजाइनर इलेक्ट्रिक पोल्स लगे, लगेंगी नई डिजाइनर लाइट

बीजेपी ने उठाए निर्माण पर सवाल, कहा खामियां छुपाने को रंग दिया सत्ताधारी पार्टी के रंग से

BAREILLY: शहर को संवारने व सजाने की कवायद में चल रहे विकासकार्यो में सरकारी रुपया लगे या न लगे पर मौजूदा सरकार का रंग जरूर लग रहा है। जंक्शन से कचहरी चौराहे तक नगर निगम की ओर से पीपीपी मॉडल के तहत रोड संवारी जा रही हैं। रोड पर नए डिवाइडर भी बनाए गए हैं। हालंाकि नए डिवाइडर के निर्माण से ही इन पर भी विवाद शुरू हुआ लेकिन यह एक अलग मुद्दा है। ताजा चर्चा डिवाइडर पर चढ़ रहे रंगों को लेकर है। जंक्शन से कचहरी तक बनाए गए नए डिवाइडरों पर सूबे में सत्ताधारी पार्टी के रंगों की छाप दिखाई पड़ रही है। गहरे लाल और हरे रंग से रंगे गए यह डिवाइडर निगम के कामकाज पर चढ़े सत्ताधारी पार्टी सपा के रंग का खुलासा कर रहे हैं।

चल रहा ब्यूटिफिकेशन वर्क

पीपीपी मॉडल के तहत जंक्शन से कचहरी चौराहे तक रोड के ब्यूटिफिकेशन की जिम्मेदारी प्रकाश आ‌र्ट्स नाम की कंपनी को दी गई है। इसके तहत रोड पर नए डिवाइडर बनाए गए हैं। उन पर महंगे डिजाइनर इलेक्ट्रिक पोल्स भी लगाए गए हैं, जिनकी कीमत करीब फ्भ् हजार रुपए प्रति पोल है। साथ ही नए इलेक्ट्रिक पोल्स पर डिजाइनर लाइट्स भी लगाई जानी हैं। वहीं रोड के किनारे राहगीरों के बैठने के लिए बेंच भी लगाई जानी है। कंपनी करार के तहत क्0 साल तक एडवरटाइजिंग पोल्स पर होर्डिग्स का चार्जेस वसूलेगी और निगम को उसके हिस्से की फीस चुकाने के बाद मुनाफा अपने पास रखेगी।

निर्माण पर उठे हैं सवाल

जंक्शन से कचहरी चौराहे तक बने नए डिवाइडर देखने में भले ही बेहतर लग रहे हो, लेकिन इनके निर्माण पर सवालिया निशान लगाए गए हैं। भाजपा दल की पूर्व महिला पार्षद सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने पुराने डिवाइडर के ऊपर ही नए डिवाइडर बनाने के आरोप लगाए हैं। साथ ही ठेकेदार के निर्माणकार्य की जांच कराए जाने को लेकर कमिश्नर से कंप्लेन भी की गई। भाजपा ने निगम के अधिकारियों के इस घटिया निर्माण में मिलीभगत के भी आरोप लगाए हैं।

खामियों को ढकने वाला 'रंग'

नगर निगम की रोड पर बने सरकारी डिवाइडर पर खास पार्टी के रंग से मिलते जुलते रंगों का यूज किया जाना भाजपा नेताओं को महज इत्तेफाक नहीं लग रहा। भाजपा पार्षद दल के नेता विकास शर्मा ने डिवाइडर पर सपाई रंगरोगन को गड़बडि़यों पर कार्रवाई से बचने के लिए उठाया गया कदम बताया। पार्षद नेता ने निगम को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि डिवाइर के घटिया निर्माण में ठेकेदारों के साथ ही निगम के अधिकारी भी मिले हुए हैं। इस रोड का ब्युटिफिकेशन पीपीपी के तहत हो रहा न कि समाजवादी पार्टी मॉडल के तहत।

लोकायुक्त से करेंगे कंप्लेन

डिवाइडरों पर सपाई रंगों की चढ़ रही परतों से नाराज भाजपा ने इस पूरे मामले में अब विरोध का मन बना लिया है। डिवाइडर निर्माण में क्वालिटी वर्क न होने और इसकी कंप्लेन पर ठेकेदार के खिलाफ जांच न किए जाने से भाजपा पार्षद पहले ही नाराज है। अब सरकारी डिवाइडरों को सत्ताधारी पार्टी को अर्पित किए जाने से भड़के भाजपा पार्षद इस पूरे मामले में नगर आयुक्त शीलधर सिंह यादव को भी घेरने के मूड में हैं। भाजपा पार्षद दल के नेता ने पूरे मामले में अनियमितता बरते जाने पर नगर आयुक्त के खिलाफ लोकायुक्त से कंप्लेन की बात कही है।

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नए डिवाइडर पर सपाई रंग अमान्य है। यह पीपीपी मॉडल के तहत बने डिवाइडर हैं न कि समाजवादी मॉडल के तहत। अधिकारियों, कंपनी व ठेकेदार की गड़बडि़यों को छुपाने के लिए सत्ताधारी पार्टी का रंग लगाया जा रहा है। हर बात की एक सीमा होती है, नगर आयुक्त अगर नहीं चेते तो लोकायुक्त से उनकी कंप्लेन करेंगे।

- विकास शर्मा, पार्षद नेता, भाजपा

डिवाइडर पर लगाया जा रहा रंग किसी पार्टी का रंग नहीं है। न ही उन रंगों को यूज करना कोई अपराध है। मेयर, कार्यकारिणी व अन्य जिम्मेदार लोगों की ओर से इन रंगों को यूज करने पर मंजूरी दी गई है। एक्सपर्ट ने अपने मुताबिक डिवाइडर का निर्माण व रंगरोगन कराया है।

- शीलधर सिंह यादव, नगर आयुक्त