मां के स्वागत के लिए देर रात तक श्रद्धालुओं ने की शॉपिंग
मंदिर और समितियां करेंगी हर दिन महाआरती का आयोजन
BAREILLY:
मां की आराधना कर आशीर्वाद पाने का खास मौका यानि नवरात्र की शुरुआत आज से शुरू होगी। घर और मंदिरों में हर दिन मां के विभिन्न रूपों की पूजा और अर्चना होगी। नवरात्र के अवसर पर मां की अराधना में कोई कमी न रहे इसके लिए श्रद्धालुओं ने देर शाम तक मार्केट में पूजन सामग्री की खरीददारी की। वहीं, व्रत और उपवास धारण करने वाले लोगों ने भी फलाहार आदि की जमकर खरीददारी की। ज्योतिषाचार्यो के अनुसार मां की स्थापना और आराधना परिवार के सभी सदस्य एकजुट होकर करने से काफी शुभ फलदायी रहेगा।
श्रद्धालुओं से पटे रहे बाजार
विधि विधान के साथ मां की आराधना के लिए दिनभर मां के भक्तों ने मार्केट में खरीददारी की। सिविल लाइंस, कुतुबखाना, कोहाड़ापीर, सुभाषनगर, कैंट, शहामतगंज व अन्य एरिया में स्थित शॉप पर लंबी कतारें लगी रहीं। दूसरी ओर सुबह से ही घरों में मां की झांकी को सजाने के लिए परिवार के सभी सदस्य जुटे रहे। झांकी को खूबसूरत तरीके से सजाने का काम देर शाम तक चलता रहा। मार्केट में लोगों ने मां की चुनरी, सिंदूर, पूजा की थाल समेत व्रत उपवास के सामानों खरीदा।
पूजन की थाल
जैसा कि ज्योतिषाचार्य पं। संजय सिंह ने बताया सुबह स्नान के बाद स्वच्छ मन के साथ मां की प्रतिमा को चौकी पर रखने के बाद वस्त्र आदि धारण कराएं। पूजन सामग्री में घी, कपूर, लौंग का जोड़ा, जायफल, नारियल, रोली, सिंदूर, पान का पत्ता, आम के पत्ते समेत अन्य परंपरा के अनुसार सामग्री को रखें। इसके बाद कलश स्थापना हेतु नारियल को पूजन वस्त्र से लपेटकर रखें। आरती के समय पूरे परिवार का होना फलदायी होगा।
कलश स्थापना का मुहूर्त
किसी भी धार्मिक अनुष्ठान में मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। मुहूर्त के अनुसार स्थापना और पूजन करने से जातकों को विशेष फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिषाचार्य पं। संजय सिंह के मुताबिक कलश स्थापना की शुभ मुहूर्त सुबह 8.क्म् बजे से क्क्.ब्0 बजे तक है। ज्योतिषाचार्यो के अनुसार परिवार के साथ मिलकर हवन अनुष्ठान करना काफी फलदायक होगा।
हर दिन होगी महाआरती
श्री महाआरती महोत्सव आयोजन समिति, नाथ नगरी सेवा समिति, हिन्दू वाहिनी, शिव सेना व अन्य सामाजिक कार्यो से जुडे़ संस्था एवं समितियों द्वारा महाआरती का आयोजन किया जाएगा। तो दूसरी ओर सातों नाथों के शिवालयों में भी महाआरती एवं मां का पूजन कार्यक्रम आयोजित होगा। इसके लिए देर शाम तक मंदिरों को पानी से धोकर साफ सुथरा किया गया। व फूलों व अन्य सजावटी सामग्री से मंदिरों को सजाया गया।