केमिस्ट शॉप 2000 और फार्मासिस्ट सिर्फ 782

सिटी में केमिस्ट शॉप्स 2000 से ज्यादा और फार्मासिस्ट की संख्या सिर्फ 782 है। यह हकीकत खुद बयां की है बरेली के औषधि निरीक्षक ने। ऐसे में सवाल उठता है कि 1218 मेडिकल स्टोर कौन चला रहा है। जाहिर है यहां डॉक्टर्स के पर्चे पर नौसिखिए ही आपको दवाएं बेच रहे हैं। आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना पर फूड सेफ्टी एंड ड्रग अथॉरिटी (एफएसडीए) ने खुद जो जानकारी मुहैया कराई है वह बेहद चौंकाने वाली है.आलम यह है कि सिटी में दर्जनों केमिस्ट शॉप्स ऐसी भी हैं, जिनकी कमान दूसरे डिस्ट्रिक्ट में रहने वाले फार्मासिस्ट के हाथ में है। इस खुलासे के बाद इस बात का अंदाजा लगाना शायद मुश्किल नहीं कि बरेलियंस की सेहत से किस कदर खिलवाड़ किया जा रहा है।

RTI के तहत मांगी थी detail

पूर्व पार्षद राजेश तिवारी ने एफएसडीए से आरटीआई के तहत सिटी में केमिस्ट शॉप्स और रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट की डिटेल मांगी थी। यही नहीं निश्चित शॉप किस फार्मासिस्ट के नाम से रजिस्टर्ड है, इसकी जानकारी भी उन्होंने मांगी थी। एफएसडीए के जवाब के मुताबिक सिटी में 782 रजिस्टर्ड शॉप्स है, जिन पर फार्मासिस्ट मौजूद है। हालांकि, केमिस्ट एसोसिएशन के अनुसार, शहर में 2000 से ज्यादा केमिस्ट शॉप्स हैं।

और दूसरे जिले के Pharmacist

नियमानुसार एक फार्मासिस्ट एक से अधिक केमिस्ट शॉप्स पर मेडिसिन नहीं बेच सकता है। अगर वह ऐसा करता पाया जाता है, तो कार्रवाई का प्रावधान है। अब अगर सिटी की बात की जाए तो यहां दर्जनों ऐसे केमिस्ट शॉप्स हैं, जिनके फार्मासिस्ट दूसरी डिस्ट्रिक्ट के हैं। मसलन रामपुर गार्डन के पास चल रहे मृणाल मेडिकल स्टोर को आजमगढ़ के फार्मासिस्ट और माल गोदाम रोड पर मैसर्स भोला मेडिकल हॉल को लखीमपुर के फार्मासिस्ट चला रहे हैं। वहीं उमेर मेडिकल स्टोर पर तैनात फार्मासिस्ट धरमवीर गुप्ता बस्ती डिस्ट्रिक्ट के हैं। सत्सुधा मेडिकोज पर जनीकुमार बोस हरदोई डिस्ट्रिक्ट के हैं। ये तो सिर्फ एक नजीर है विभाग द्वारा प्रोवाइडेड लिस्ट में ऐसी शॉप्स की फेहरिस्त लंबी है।

एक shop पर address दो

एफएसडीए भले छापेमारी और कार्रवाई का दम भरता हो, मगर दम की हवा इसी बात से निकल जाती है कि रजिस्टर्ड केमिस्ट शॉप की जो लिस्ट प्रोवाइड की गई है। उसमें एक शॉप विनीत मेडिकल हॉल को हॉस्पिटल परिसर में रनिंग शो किया गया है, जबकि असलियत में ये शॉप साहूकारा में संचालित हो रही है। इतना ही नहीं लिस्ट में एक शॉप रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट उपेंद्र नाथ मिश्र के नाम पर तो दूसरी लिस्ट में वहीं शॉप फार्मासिस्ट हर नारायण अग्रवाल के नाम पर दर्शाई गई है। केमिस्ट शॉप का साइज 10 स्क्वायर मीटर से कम नहीं केमिस्ट शॉप का मिनिमम स्टेंडर्ड साइज 10 स्क्वायर मीटर से कम नहीं हो सकता है। सिटी में कोहाड़ापीर, डेलापीर, पुराना शहर, साहूकारा, सहित शहर में कई हिस्सों में ऐसी शॉप्स की कमी नहीं है, जिनका साइज 10 स्क्वायर मीटर से कम है। जबकि एफएसडीए डिपार्टमेंट यही मानकर चल रहा है कि शहर में ऐसी शॉप्स है ही नहीं।

Hospitals के अधिकांश chemist store भी बिना pharmacist के

चिराग तले अंधेरा वाली स्थिति है। शहर में रजिस्टर्ड नर्सिंग होम/हॉस्पिटल 125 से ज्यादा हैं। ये आकड़ा, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का है। हालांकि, सिटी में नर्सिंग होम और हॉस्पिटल्स की संख्या 375 के आस-पास है। सोर्सेज के मुताबिक ज्यादातर नर्सिंग होम और हॉस्पिटल्स के परिसर में केमिस्ट शॉप संचालित हो रही हंै। रूल्स के अनुसार, इनपर भी रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट की मौजूदगी अनिवार्य है। वहीं एफएसडीए के मुताबिक हॉस्पिटल्स में फार्मासिस्ट के गाइडेंस में चल रही शॉप्स की संख्या महज 34 है। ऐसे में 350 से अधिक नर्सिंग होम्स और हॉस्पिटल के मेडिकल स्टोर नौसिखिए चला रहे हैं।

List में ही नहीं है फार्मासिस्ट

आरटीआई के जवाब में जो 782 रजिस्टर्ड शॉप्स की लिस्ट प्रोवाइड की गई है, उसमें भी खामियां कम नहीं है। उदाहरण के लिए 28 पेज की उपलब्ध जानकारी में सीरियल नम्बर 12 की मेसर्स शर्मा मेडिकल हॉल ओर सीरियल नम्बर 29 पर मेसर्स भारत मेडिकल स्टोर को रजिस्टर्ड मेडिसिन स्टोर की लिस्ट में शामिल किया गया है। मगर लिस्ट में फार्मासिस्ट की नियुक्ति नहीं दिखाई गई है।

रजिस्टर्ड होना चाहिए

केमिस्ट स्टोर पर रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट होना चाहिए। जो डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के मुताबिक मरीज या तीमारदार को मेडिसिन दे सके और दवाओं के यूज का शेड्यूल भी गाइड कर दे। फार्मासिस्ट के न होने पर शॉप का संचालन नहीं किया जा सकता है। अगर छापेमारी के दौरान ऐसी शॉप का पता चलता है तो लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान है।  

अजब-गजब तर्क

फार्मासिस्ट को लेकर भले ही बरेली के औषधि विभाग ने ही जानकारी मुहैया कराई हो लेकिन मीडिया तक बात पहुंचने पर ड्रग इंस्पेक्टर का तर्क सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे। इनका कहना है कि हमारे पास स्टाफ की कमी है हो सकता है जवाब में गलत फीडिंग हो गई हो। शायद ड्रग इंस्पेक्टर साहब को इस बात का पता नहीं कि जनसूचना अधिकार के तहत गलत सूचना देने पर दंड का भी प्रावधान है।

बिना फार्मासिस्ट के केमिस्ट शॉप चलाना नियम के खिलाफ है। नियमत: एक शॉप पर एक फार्मासिस्ट का होना जरूरी है। एडमिनिस्ट्रेशन से ऐसी शॉप्स पर छापेमारी के लिए कहा जाता है तो निकट भविष्य में छापेमारी का अभियान चलाएंगे।

- विजय यादव,

सीएमओ

इस नियम के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट में रिट लगाने की तैयारी कर रहे हैं। यह नियम बहुत पुराना है, हम डिमांड करेंगे कि एक्सपीरियंस के आधार पर हमें अपनी मेडिकल शॉप चलाने की परमीशन दी जाए।

- दुर्गेश,

रिटेल केमिस्ट एसोसिएशन

समस्या गंभीर है। ये कमी एक्चुअल में प्रदेश स्तर पर है। फार्मासिस्ट कम है और केमिस्ट शॉप ज्यादा है। हालांकि, गवर्नमेंट का रूल है कि एक्सपीरियंस के आधार पर पुराने केमिस्ट्स को फार्मासिस्ट के समकक्ष माना जाता है। मैं अपने स्तर पर भी डाटा जुटा रहा हूं।

- दिनेश चंद्र रस्तोगी,

डिस्ट्रिक्ट केमिस्ट एसोसिएशन

बतौर फार्मासिस्ट जो भी व्यक्ति अप्वॉइंट किया जाता है, उसका फिजिकल वैरीफिकेशन होता है। अगर बिना फार्मासिस्ट के कोई शॉप रन की जा रही है, तो ये गलत है। हम ऐसी शॉप को अपने स्तर से चिन्हित करते हैं। ऐसी शॉप की जानकारी मिलती है तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।

-मुकेश जैन,

ड्रग इंस्पेक्टर