बरेली(ब्यूरो)। श्री राम मूर्ति स्मारक इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज (एसआरएमएस आईएमएस) में गुरुवार को नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) का रीजनल सेंटर स्थापित किया गया। मेडिकल एजूकेशन टेक्नोलॉजी के लिए एनएमसी ने यूपी में सिर्फ दो रीजनल सेंटर बनाए हैं जिसमें एक केजीएमयू तो दूसरा एसआरएमएस आईएमएस को चुना है। एनएमसी के अंडर ग्रेजुएट मेडिकल एजूकेशन बोर्ड की प्रेसिडेंट डॉ.अरुणा वी। वानिकर ने इसका इनॉग्रेशन।
संस्कृति को दी जा रही वरीयता
रीजनल सेंटर के इनॉग्रेशन के बाद मुख्य अतिथि डॉ। अरुणा वी। वानिकर ने कहा कि अपनी भाषा और अपना देश की नीति अपनाने से आज चीन दुनिया की विश्व शक्ति बना हुआ है। लेकिन हमने अपनी भाषा और संस्कृति को नहीं अपनाया। हम आज तक कांप्लेक्स में जी रहे हैं। इसी कांप्लेक्स को दूर करने के लिए नई शिक्षा नीति लागू की गई है।
आगे बढऩे के लिए बताया जरूरी
समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित अंडर ग्रेजुएट मेडिकल एजूकेशन बोर्ड के सदस्य डॉ। विजयेंद्र कुमार ने कहा कि एनएमसी के पास मेडिकल एजूकेशन टेक्नोलॉजी के लिए रीजनल सेंटर बनाने के लिए 94 आवेदन आए थे। इनमें से दस को एनएमसी ने मेडिकल एजूकेशन टेक्नोलॉजी का रीजनल सेंटर बनाया। यूपी में सिर्फ दो मेडिकल संस्थान केजीएमयू और एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज हैं।
एसआरएमएस ट्रस्ट के चेयरमैन देव मूर्ति ने रीजनल सेंटर को उपलब्धि के साथ बड़ी जिम्मेदारी बताया। उन्होंने कहा कि नई चुनौतियों पर विजय हासिल करना एसआरएमएस की खूबी है। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। एसबी गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत किया। संचालन डीन यूजी डॉ। नीलिमा मेहरोत्रा ने किया। आईएमएस के डायरेक्टर आदित्य मूर्ति, एथिकल कमेटी के चेयरमैन डॉ। अतुल अग्रवाल, डीन पीजी डॉ। पीएल प्रसाद ने किया, रीजनल सेंटर की कोआर्डिनेटर डॉ। बिंदू गर्ग, सुभाष मेहरा, गुरु मेहरोत्रा, रुहेलखंड मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डॉ। दिग्विजय सिंह, कार्यवाहक मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ.पियूष कुमार, प्रोफेसर रिंटू चतुर्वेदी, डॉ। एलएस मौर्य, डॉ। कृष्ण गोपाल आदि उपस्थित रहे।
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