गवर्नमेंट स्कूल्स में बच्चों की आई स्क्रीनिंग की सुस्त कवायद पर निदेशालय की चेतावनी

बुजुर्गो और 8-14 साल के बच्चों के 3356 के टारगेट के मुकाबले महज 1604 को लगे चश्मे

सीएमओ ने ली अधिकारियों की बैठक, तय फॉर्मेट पर हर महीने प्रोग्रेस रिपोर्ट भेजने के निर्देश

>BAREILLY:

आंखों की सेहत दुरुस्त रखने और इनकी रोशनी बचाए रखने की सरकारी मुहिम को जिम्मेदार बेनूर करने में जुटे हैं। बुजुर्गो और सरकारी स्कूलों में 8-क्ब् साल के कमजोर आई-साइट वाले बच्चों को नजर का चश्मा लगाने की कवायद बरेली सहित कई जनपदों में सुस्त पड़ी है। बुजुर्गो के मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद और स्कूलों में बच्चों की आंखों की जांच कर उन्हें चश्मे बांटने की सरकार की योजना है। जिसमें घोर लापरवाही बरती जा रही है। इस पर स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर व ज्वाइंट डायरेक्टर की ओर से सभी जनपदों को लेटर भेजकर इस लापरवाही पर फटकार लगाई है। बरेली में भी तय टारगेट के मुताबिक काम न होने और रिपोर्ट न भेजे जाने पर सीएमओ व सीएमएस को भी चेतावनी दी गई है।

ढिलाही पर कार्रवाई की सिफारिश

भारत सरकार व राज्य सरकार की साझा मुहिम के तहत नेशनल ब्लाइंडनेस कंट्रोल प्रोग्राम चलाया जा रहा है। भारत व राज्य सरकार दोनों के लिए यूपी में यह प्रोग्राम न सिर्फ बेहद अहम बल्कि प्राथमिकता में भी आगे है। क्ख् फरवरी को ज्वाइंट डायरेक्टर की ओर से भेजे गए लेटर में कुछ जनपदों की ओर से चश्मा वितरण का अभियान अफेक्टिव न होने पर यह चेतावनी दी है। वहीं कुछ जनपदों से इस मुहिम को पूरा करने में ऑप्टोमेट्रिट या नेत्र परीक्षण अधिकारी की ओर से सहयोग न करने की रिपोर्ट दी गई। इन जनपदों को ऐसी दलील पर नाराज शासन ने फटकार लगाई है। साथ ही मुहिम में लापरवाह जनपदों के जिम्मेदारों के खिलाफ शासन से कार्रवाई की सिफारिश भी की गई है।

बरेली में भ्0 फीसदी भी नहीं रिजल्ट

बरेली जिले में भी सरकारी स्कूलों में 8-क्ब् साल के उम्र के बच्चों की स्क्रीनिंग करने के अभियान में जिम्मेदार नकारा साबित हुए हैं। स्कूलों में बच्चों की आंखों की जांच कर कमजोर रोशनी वाले बच्चों को चश्मा दिया जाना है। साथ ही ऐसे बच्चों की रिपोर्ट सीएमओ ऑफिस को समय समय पर शासन को भेजना है। बरेली के लिए साल ख्0क्ब्-क्भ् में स्कूलों में आई स्क्रीनिंग कर फ्फ्भ्म् बच्चों को चश्मा दिलाने का टारगेट शासन ने तय किया, लेकिन जिम्मेदार जनवरी ख्0क्भ् तक ब्7.79 फीसदी के साथ सिर्फ क्म्0ब् बच्चों की आंखे दुरुस्त रखने को चश्मे बंटवा सके। इस रफ्तार से फ्क् मार्च ख्0क्भ् तक टारगेट के तहत बचे हुए क्7भ्ख् बच्चों को चश्मा बंटवाने की मुहिम पूरी होती नहीं दिखती।

पिछले साल भी पिछड़े रहे

बच्चों की स्क्रीनिंग में फेल रहे सीएमओ ऑफिस के जिम्मेदार बुजुर्गो के मोतियाबिंद के ऑपरेशन करने की मुहिम में इस बार पास रहे। साल ख्0क्ब्-क्भ् में बुजुर्गो के मोतियाबिंद ऑपरेशन के ख्ख्,9भ्भ् के टारगेट के मुकाबले जनवरी ख्0क्भ् तक ही क्9,म्8ब् के आंकड़े को छू लिया गया, लेकिन ख्0क्फ्-क्ब् के रिजल्ट इतने बेहतर नहीं रहा। साल ख्0क्ब्-क्भ् में मोतियाबिंद ऑपरेशन के ख्ख्,9भ्भ् के टारगेट में से महज क्ख्,7ब्0 के ही ऑपरेशन हुए। वहीं स्कूलों में आई स्क्रीनिंग के क्,भ्क्7 के टारगेट में से महज 8ख्ख् जरूरतमंद बच्चों को ही चश्मा पहनाया जा सका। इस साल शासन की ओर से प्रोग्राम में बरती जा रही लापरवाही की चेतावनी पर सीएमओ ने तीन दिन पहले जिम्मेदारों की बैठक बुलाई। जिसमें समय सीमा खत्म होने से पहले ज्यादा से ज्यादा जरुरतमंदों को योजना का फायदा पहुंचाने के कड़े निर्देश दिए गए।

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निदेशालय से इस प्रोग्राम के तहत मंथली रिपोर्ट मांगी है। अधिकारियों की बैठक बुलाकर सभी को जरूरी निर्देश दे दिए गए हैं। इस मुहिम में कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी। तय समय तक ज्यादा से ज्यादा लोगों को योजना के तहत मिल रही सुविधा का लाभ मिलेगा। - डॉ। विजय यादव, सीएमओ