बरेली (ब्यूरो)। प्रेमनगर स्थित नारी निकेतन केंद्र पूरी तरह से बदहाल हो चुका है। बिल्डिंग के लिंटर से मैटेरियल टूटकर गिर रहा है। यह बात 21 मई को डीएम शिवानंद द्विवेदी, एसएसपी रोहित सिंह सजवाण और डिप्टी सीपीओ के निरीक्षण में सामने आई। इसके बाद नारी निकेतन में रहने वाली सभी 200 संवासिनी को डीएम ने ममता आश्रय गृह हरूनगला में शिफ्ट करने का निर्देश नगर निगम को दिया। अब अफसरों के निरीक्षण के करीब 30 दिन यानि एक माह बीत चुका है लेकिन अभी तक बदहाल हो चुके नारी निकेतन में रहने वाली संवासिनियों को ममता आश्रय गृह में शिफ्ट नहीं किया गया है। इससे साफ है कि जिम्मेदारों को नारी निकेतन में रहने सवांसिनियों की चिंता नहीं है। या फिर कोई हादसे का इंतजार है।
लगभग 200 रह रहीं महिलाएं
प्रेमनगर थाना के सामने बने नारी निकेतन में जिले की ही नहीं बल्कि अदर जिलों के की सवांसिनी और लड़कियां रह रहीं हैं। जिनमें मासिक मंदित से लेकर बेसहार महिलाएं भी हैं। कुछ तो ऐसी भी महिलाएं हैं जो पूरी तरह से दूसरों पर ही निर्भर करती हैं। उन्हें खुद के बारे में पता तो होना ही दूर की बात हैं। वह यह तक नहीं जानती कि वह क्या कर रहीं हैं। वहीं कुछ ऐसी भी महिलाएं भी हैं। जो पूरी तरह से बेसहारा हैं। उनका नारी निकेतन के अलावा कोई अन्य ठिकाना नहीं हैं।
कभी भी हो सकता है हादसा
नारी निकेतन की छत से सीमेंट टूटकरा गिर रहा है। स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि सरिया भी दिखाई देने लगीं हैं। ऐसे में बारिश का मौसम भी नजदीक है। इसके बाद भी इस बात पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कि यदि इस बिल्डिंग के कारण कोई हादसा होता है तो जिम्मेदार कौन होगा।
अव्यवस्थाओं की भरमार
नारी निकेतन में रहने वाली संवासिनी की हालत भले ही बेहतर हो लेकिन वहां रहने वाली किशोरियोंं और महिलाओं को मानसिक मंदित महिलाओं के साथ रख दिया है। हालांकि मानसिक मंदित महिलाओं के लिए हरूनगला में ममता आश्रय गृह बना हुआ है लेकिन नारी निकेतन में भी मानसिक मंदित महिलाएं है जिस कारण सामान्य महिलाएं खुद भी ठीक महसूस नहीं कर पाती हैं।
मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है। आप इस मामले में जिला प्रोवेशन अधिकारी से बात कीजिए। इसके साथ ही यह नगर निगम में भी नहीं आता है।
अभिषेक आनंद, नगर आयुक्त
नारी निकेतन बिल्डिंग की हालत ठीक नहीं है इसीलिए डीएम ने वहां रहने वाली सवांसिनी को हरूनगला आश्रय गृह में शिफ्ट करने के लिए निर्देश दिए थे। लेकिन अभी तक शिफ्ट नहीं किया गया है। मैं तो यही कहूंगी कि सवांसनियों को बारिश से पहले ही शिफ्ट कर दिया जाए तो ठीक है।
नीता अहिरवार, डिप्टी सीपीओ