मुंशी ने मांगे थे दो हजार

रामदुलारी थाना सुभाषनगर के करगैना इटउआ सुखदेवपुर की रहने वाली है। रामदुलारी के मुताबिक करगैना में ही भदौरिया नाम का एक शख्स रहता है। जो लेखपाल लियाकत अली के यहां मुंशी है.  लगभग 15 दिन पहले भदौरिया रामदुलारी के घर आया और उससे लेखपाल का हवाला देकर वोटर आई कार्ड और मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर दो हजार की डिमांड की। उसने रामदुलारी की पड़ोसी पुष्पा से भी सर्टिफिकेट के नाम पर पैसे मांगे। रामदुलारी ने अपनी पड़ोसन के साथ मिलकर रुपए उसे दे दिए। काफी देर तक हंगामा चलने के बाद इसकी खबर तहसीलदार के सिक्योरिटी को लगी तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर आरोपी मुंशी को भगा दिया।

आई नेक्स्ट ने किया था खुलासा

आई नेक्स्ट ने एक स्टिंग ऑपरेशन कर 27 सितम्बर को सिटी में चल रहे वोटर आई कार्ड के कारोबार का भंडाफोड़ किया था। कलेक्ट्रेट कैंपस के ठीक बाहर चंद रुपये के बदले नागरिकता के सौदागर खुलेआम धंधा करते हैं। पूरे नेटवर्क और सरकारी मिलीभगत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश के प्रोटोकॉल मिनिस्टर अभिषेक मिश्र का वोटर आईकार्ड तीन सौ रुपये के बदले ध्ंाधेबाजों ने तैयार दिया था।

जांच के आदेश

आई नेक्स्ट के सनसनीखेज खुलासे के बाद प्रदेश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त उमेश सिन्हा ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए थे। इसके साथ ही बरेली के कमिश्नर के। राममोहन राव ने भी डीएम को जांच करवाने के आदेश दिए थे।

होमगार्ड के जवानों ने भगाया!

रामदुलारी के अनुसार भदौरिया से जब भी वह कागजात मांगती वो जल्द देने की बात कह मामले को टाल देता था। पुष्पा ने बताया कि रोज-रोज की टालमटोली से परेशान होकर दोनों मंडे को तहसील पहुंची। वहां उनको भदौरिया मिला। दोनों महिलाओं ने एक बार फिर उससे वोटर आई कार्ड और मूल निवास प्रमाण पत्र मांगा। भदौरिया द्वारा टाल मटोल करने पर महिलाएं उसपर भड़क गई और उसे जमकर पीटना शुरू कर दिया। मामले की भनक जब तहसीलदार की सुरक्षा में तैनात होमगार्ड के जवानों को लगी तो वो भी मौके पर पहुंच गए। महिलाओं का आरोप है कि होमगार्ड के जवानों ने मुंशी को मौके से भगा दिया।

मेरे संज्ञान में यह मामला है। मैंने इस बाबत जब महिलाओं से पूछताछ की तो उन्होंने न तो मुझे कोई लिखित कंप्लेन दी और न ही मामले की जानकारी। पूरा मामला तहसील के बाहर हुआ है।

-गिरीश कुमार झा, तहसीलदार सदर