-मानचित्रकार व जेई ने स्वाले नगर में निगम की जमीन पर कब्जा न होने की रिपोर्ट दी

-विवाद को बढ़ने से रोकने को जल्दी पैमाइश करा तहसील में दर्ज कराने की तैयारी

BAREILLY: नगर निगम की एक और संपत्ति पर अवैध कब्जे पर जिम्मेदार पर्दा डालने की तैयारी में हैं। स्वाले नगर में सरिया फैक्ट्री के पीछे निगम की जमीन पर भूमाफिया के कब्जे को जिम्मेदार नकार रहे हैं। निगम के आला अफसरान और जिम्मेदार कब्जे वाली जमीन को नगर निगम की न बताकर निजी संपत्ति बता मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं। जबकि निगम के पुराने जानकार इसे सीधे तौर पर मिलीभगत करार दे रहे। जानकारों का कहना है कि सरिया फैक्ट्री के पीछे की जमीन निगम की ही है, जिसे सालों तक कूड़ा डंप करने के इस्तेमाल में लाया जाता रहा। लेकिन सांठ गांठ के बाद इसे भूमाफियाओं को हथियाने की खुली छूट दे दी गई।

निजी जमीन पर कूड़ा कैसे

स्वाले नगर पर सरिया फैक्ट्री के पीछे निगम की जमीन पर प्लांट बनने से पहले कई साल तक कूड़ा डाला जाता रहा। सोर्सेज के मुताबिक प्लांट के शुरू होने से कुछ पहले ही इस जमीन पर कूड़ा गिराना बंद कर दिया गया। अगर यह जमीन निगम की न होकर निजी संपत्ति थी, तो आखिर इतने साल तक इस पर कूड़ा कैसे डंप किया जाता रहा। सवाल यह भी है कि निजी संपत्ति का मालिक इतने साल तक अपनी जमीन पर कूड़ा गिराने और इसे बर्बाद करने पर भी चुप क्यों रहा। उसने निगम के खिलाफ कंप्लेन क्यों न की।

पैमाइश क्यों न कराई जमीन की

निगम की जमीन पर भूमाफियाओं के कब्जे के खुलासे पर मेयर व अपर नगर आयुक्त ने मानचित्रकार व जेई को मौके पर मुआयने के लिए भेजा। जेई-मानचित्रकार ने कब्जाई गई जमीन निगम की न होने और निगम की जमीन सेफ होने रिपोर्ट दी। हालांकि जेई व मानचित्रकार ने अधिकारियों के सामने उस एरिया में निगम की जमीन के प्वाइंटस की जानकारी होने से इंकार किया। वहीं निगम की जमीन की पैमाइश तक नहीं कराई गई है और न ही यह तहसील के रिका‌र्ड्स में दर्ज है। सवाल यह भी है कि निजी संपत्ति के नजदीक निगम की जमीन होने की सूरत में भी इसकी इतने साल तक पैमाइश क्यों न कराई गई।

खाली जमीन पर विकास क्यों नहीं

सरिया फैक्ट्री के पीछे की जमीन को निजी संपत्ति बताने के निगम के दावे एक और जगह सवालों के घेरे में है। जानकारों का कहना है कि अगर जमीन किसानों या निजी संस्था की ही होती तो रामपुर रोड हाइवे के नजदीक होने के बावजूद इस पर डेवलेपमेंट क्यों न हुआ। वहीं इस जमीन पर कई फैक्ट्री और एजेंसिया होने के बाद भी कोई बिजनेस लैंड, अपार्टमेंट्स या कॉमर्शियल यूज की एक्टिविटी क्यों न हुई। जानकार भूमाफियाओं के सियासी कनेक्शन के चलते इस जमीन पर भी शहर में निगम की संपत्ति पर अन्य अवैध कब्जों की तरह कोई कार्रवाही न होने की आशंका जता रहे।

शहर से बाहर होने के चलते पूरा मामला संज्ञान में नही है। उपनगर आयुक्त को जमीन का दौरा करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। रिपोर्ट मिलने पर आगे कार्यवाही होगी। जेई मानचित्रकार की रिपोर्ट की समीक्षा होगी। निगम की संपत्तियों पर अवैध कब्जों के मामलों में एक एक कर कार्रवाई की जा रही है। - शीलधर सिंह यादव, नगर आयुक्त