-सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट चलाकर शहर के कूड़े की दिक्कत सुलझने की उम्मीद
-गलियों में कंस्ट्रक्शन, डोर टू डोर मुहिम, वेंडिंग जोन बनाया जाना नए साल में शुरू
BAREILLY: नए साल के आने में हफ्ते भर का इंतजार ही रह गया है। पुराने साल को अलविदा कहने और नए साल को सलाम करने का जश्न फिर जोरों पर होगा। नए साल पर बेहतरी की दुआ होगी और अच्छा होने की उम्मीदें भी। इस बार लोगों के साथ ही बरेली शहर को भी नगर निगम से बेहतरी की उम्मीद है। गुजर रहे साल पर विकास और नई जनसुविधाओं की जो बुनियाद नगर निगम ने रखी। वह नए साल पर अमलीजामा पहनने को तैयार है। शहर के कूड़े से फसलों की पैदावार बढ़ाने का सपना हो, शहर गलियों को भी विकास की शक्ल देने की योजना या फिर सड़क पर दुकान लगाकर परिवार पालने वाले गरीबों को स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट के तहत उनका हक देने की तैयारी। निगम पर इस बार शहर की सिर्फ उम्मीदें नहीं, बल्कि सुनहरी उम्मीदें टिकी हैं। जो पूरी होने पर विकास की राह में किसी मील के पत्थर से कम न होगी।
फिर शुरू होगा बंद प्लांट
शहर के विकास में सबसे बड़ी अड़चन कूड़े की समस्या को लेकर है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का बंद होना निगम और शहर दोनों के लिए बड़ा झटका साबित हुआ। लेकिन साल के खत्म होने से पहले ही शासन स्तर की बैठक में इस परेशानी के जल्द सुलझने की राह दिखने से नई उम्मीद जगी है। पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से प्लांट को प्राधिकार पत्र जारी होने की उम्मीदों से शहर की कूड़े की सबसे बड़ी समस्या सुलझेगी। जिसके बाद कूड़े से कंपोस्ट बनाने का राह भी खुलेगी। खुद निगम के लिए नए साल में प्लांट को दोबारा शुरू करना प्रियॉरिटी लिस्ट में सबसे पहले है।
पार्को को नई जिंदगी
शहर के दम तोड़ चुके पार्को को संजीवनी देने के लिए निगम ने इस साल ऐसी पहल की जो इससे पहले कभी न हुई। निगम ने शहर में अपने क्0ख् छोटे बड़े पार्को को रेनोवेट करने और उन्हें संवारने के लिए पहली बार क् करोड़ रुपए खर्च किए हैं। कई पार्को को रेनोवेट कराने और उनमें हरियाली बिछाने की कवायद शुरू हो चुकी है। वहीं नए साल से निगम ने पार्को के लिए ख् करोड़ रुपए का बजट जारी करने का फैसला लिया है। इसके अलावा गांधी पार्क, सीआई पार्क, दामोदर पार्क और गोविंद बल्लभ पंत पार्क को म्.फ्भ् करोड़ रुपए से संवारा जा रहा है। नए साल पर शहर की जनता के लिए अपने पार्को को एक नए रूप में देखने की उम्मीदें पूरी होती दिख रही हैं।
डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन पूरे शहर में
कॉलोनी में घरों से कूड़ा लेकर सीधे ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाने की निगम की योजना का आगाज हो चुका है। लेकिन गुजर रहे साल में इसे महज एक ही वार्ड तक शुरू किया जा सका। निजी एजेंसी के सहयोग से घरों से कूड़ा लेने और शहर की सड़कों व डलावघरों को साफ रखने की निगम की यह मुहिम नए साल में सारे शहर में शुरू हो ऐसी उम्मीदों को पंख लग गए हैं। इस मुहिम के जरिए निगम ने पहली बार अन्य निकायों के लिए भी एक नजीर पेश करने की कोशिश की है। जिसे जनता ने भी सराहा है।
शहर की गलियों का रेनोवेशन
शहर के समग्र विकास में वार्डो को डेवलेप करने करने की मुहिम अधूरी है, जब तक शहर की गलियों को विकास का आईना न दिखाया जाए। पुराने शहर की ज्यादातर कॉलोनी व गलियां कई साल से बदहाल पड़ी है। नए साल पर निगम का ध्यान शहर की इन्हीं बदहाल गलियों को संवारने की और इनके कंस्ट्रक्शन की है। गलियों की सड़क के निर्माण के साथ ही टूटी नाली बनवाने और पानी की पाइपलाइन दुरुस्त करने की योजना है। जिससे विकास की बातें लोगों को घर की चौखट लांघते ही दिखने लगे।
यह भी हैं सुनहरी उम्मीद की राह में
क्- शहर में चौराहों के ब्यूटिफिकेशन की कवायद तेज हुई। सड़कों पर नए डिवाइडर और उनमें पौधारोपण कर हरियाली बढ़ाने के साथ ही शहर को खूबसूरत लुक देने की कोशिश।
ख्- शहर में बेतरतीब खड़े होने वाले ऑटो के लिए अलग से पार्किंग बनाने की योजना इसी साल शुरू होने की उम्मीद।
फ्- यूआईडीएसएएमटी के तहत बरेली में 78 करोड़ रुपए की पेयजल योजना के पूरा होने की उम्मीद। फिलहाल गड़बड़ी के आरोप के चलते काम रुका। योजना में शहर में क्7 ओवरहेड टैंक और ख्9 ट्यूबवेल बनेंगे। जिससे बरेली की पानी की किल्लत दूर होगी।