नगर निगम की 59 दुकानों से कई साल से रेंट वसूली नहीं
नगर आयुक्त के आदेश को बाबुओं ने फाइलों में दबाया
सांठगांठ कर 20 दुकानों को लिस्ट से हटाया, बाकियों से अवैध वसूली
BAREILLY: घोटालों और फर्जीवाड़ों की आंच में झुलस रहे नगर निगम को अब इसके अपने जिम्मेदार लूटने भी लगे हैं। अपनी प्रॉपर्टी से इनकम जुटाने की निगम की कवायद को इसके अपने बाबू ही ग्रहण लगा रहे हैं। शहर में बनी निगम की भ्9 दुकानों से पिछले कई सालों से किराया वसूली का प्रोसेस ठप पड़ा है। पिछले 8 सालों से इन दुकानों से किराया वसूली न होने से निगम को लाखों का नुकसान हो रहा है। नुकसान की भरपाई को निगम की जब नींद टूटी, तो भी इसका अपना स्टाफ किराया वसूलने के बजाए अपनी जेबें भरने में जुट गया। नगर आयुक्त के निर्देशों के बावजूद इन दुकानों से किराया वसूली के प्रोसेस को ठंडे बस्ते में डाल कर मामला दबा दिया गया।
क्म् लाख की वसूली अधर में
शहर में एक दर्जन मार्केट में बनी निगम की इन भ्9 दुकानों से किराया वसूली में जानबूझ कर देरी की गई। पिछले कई सालों से इन दुकानों से किराया वसूली में निगम का टैक्स डिपार्टमेंट सुस्त बना रहा। मार्च ख्0क्ब् तक इन दुकानों से वसूल की जाने वाली रकम क्म्,क्भ्,भ्फ्8 रुपए हो गई है। फाइनेंशियल ईयर खत्म होने में महज कुछ दिन रह गए हैं। ऐसे में निगम ने अपनी वसूली की कवायद को बढ़ाया तो पर इन दुकानों से किराया वसूलने की कोशिशों पर इसके अपनों ने ब्रेक लगा दिए हैं।
तीन हफ्ते से फाइलें दबाई
सालों से इन भ्9 दुकानों की रेंट रिकवरी का मामला दबा होने पर निगम ने इस पर संज्ञान लिया। नगर आयुक्त की ओर से फरवरी में इन सभी दुकानों से बकाया किराया वसूली को लेकर निर्देश भी दिए गए। ख्भ् फरवरी को भ्9 दुकानों की लिस्ट भी टैक्स डिपार्टमेंट को सौंप दी गई जिससे इनसे वसूली की जा सकें। लेकिन तब से अब तक इनमें से एक भी दुकान से न तो किराया वसूली ही हो सकी और न ही कार्रवाई में हो रही देरी पर आला अधिकारियों को कोई सूचना दी गई। इन दुकानों की फाइल दबाकर मामले को फिर से लटका दिया गया।
लिस्ट से ख्0 दुकानें गायब
क्म् लाख की बकाया किराया वसूली के लिए चिन्हित भ्9 दुकानों की लिस्ट में भी निगम के बाबुओं ने हेरफेर कर मोटा मुनाफा कमाया। रेंट व टैक्स डिपार्टमेंट से जुड़े सोर्सेज ने बताया कि बाबुओं ने करीब ख्0 दुकानों के ओनर्स से सांठ गांठ कर इनके नाम लिस्ट से हटा दिए। वहीं बाकी फ्9 दुकानों से भी वसूली की कार्रवाई से बचाने के एवज में अपनी जेबें गर्म कीं। इन दुकानों से अवैध वसूली के चलते निगम को जहां लाखों के रेवेन्यू की चपत लग रही है, वहीं इस घपले के दागी कर्मचारी जांच व कार्रवाई से बचे हुए हैं।
इन मार्केट में हैं दुकानें
आदर्श मार्केट
शास्त्री मार्केट
मोती पार्क मार्केट
लाजपत राय मार्केट
पटेलगंज सब्जी मंडी कुतुबखाना
न्यू सुभाष मार्केट
श्यामगंज मार्केट
सीआई पार्क गैराज मार्केट