-करदाताओं को निगम का डबल झटका, गलत बिल पर वसूल रहे बढ़ा टैक्स

-टैक्स जमा होने के बावजूद उसी साल जनता को थमा रहे बढ़ा हुआ बिल

BAREILLY:

केस -क् राजेन्द्र नगर निवासी मीनाक्षी जायसवाल को वित्तीय वर्ष ख्0क्ब्-क्भ् के लिए नगर निगम की ओर से फ् मई ख्0क्ब् को हाउस-सीवर-वॉटर का क्ब्म्8 रुपए का टैक्स बिल भेजा गया। 8 मई को बिल जमा कर दिया गया। बावजूद इसके निगम की ओर से इन्हे फ्क् मार्च ख्0क्भ् को दोबारा ब्787 रुपए का बिल भेज दिया गया। इस बिल में पुराना जमा किया बिल का भुगतान भी एडजस्ट नहीं किया गया। साथ ही नए बिल में मकान का कवर्ड एरिया ज्यादा दिखाया गया।

केस-ख् शास्त्री नगर निवासी मंजू शर्मा को वित्तीय वर्ष ख्0क्ब्-क्भ् के लिए निगम की ओर से मार्च ख्0क्भ् मे हाउस टैक्स का 770 रुपए का बिल जारी किया गया। बिल में कवर्ड एरिया के मुताबिक ज्यादा टैक्स लगाए जाने पर आपत्ति की गई। कंप्लेन पर निगम के टैक्स कलेक्टर ने मौके पर जाकर मकान का कवर्ड एरिया मापकर हाउस टैक्स कैलकुलेट किया तो नया बिल ब्9म् रुपए का हुआ। लेकिन गलती निकलने के बावजूद काउंटर पर रिवाइज्ड बिल के तहत पेमेंट नहीं जमा किया गया।

टैक्स वसूली के लिए नगर निगम की ओर से जनता को जारी किए जा रहे बिलों की यह बानगी भर हैं। बढ़ी दरों पर वसूला जा रहा टैक्स ही नहीं बल्कि बिलों में गड़बडि़यां भी जनता पर दोहरी मार पड़ने जैसी है। फ्क् मार्च बीत गया, लेकिन राहत के लिए निगम का ही आसरा देख रहे करदाताओं की आपत्तियों पर न तो समय से सुनवाई हुई और न ही उनसे वाजिब टैक्स वसूला गया। वहीं अपनी खामियों के उजागर होने के बावजूद ज्यादा से ज्यादा टैक्स वसूली में जुटे निगम ने परेशान करदाताओं को राहत नहीं दी। मजबूरन कई करदाताओं ने क् अप्रैल से क्ख् फीसदी ब्याज लगने की चिंता से गलत बिलों पर भी टैक्स जमा कर दिए।

कवर्ड एरिया में इजाफा

निगम की ओर से जारी किए गए बिलों में कई करदाताओं के भवन का कवर्ड एरिया ज्यादा दिखाया गया है। भवनों का कवर्ड एरिया नापने में क्00 से 800 स्क्वॉयर फीट तक का अंतर है। जिसके चलते बढ़ी दरों पर लगाए गए टैक्स से भी ज्यादा का बिल करदाताओं को परेशान कर रहा। इसके अलावा कई आवासीय भवनों में दुकान दिखाकर भी उन पर रेजिडेंशियल की जगह कॉमर्शियल टैक्स थोप दिया गया। जिससे भ् से क्0 गुना तक टैक्स में बढ़ोत्तरी हो गई।

मेयर हाउस में हो रही कंप्लेन

बढ़ी दरों पर भी टैक्स जमा करने को तैयार करदाता बिलों में गड़बडि़यों को सही कराने के लिए निगम के चक्कर लगाते रहे हैं। मजबूरन परेशान करदाता मेयर हाउस बिलों को दुरुस्त कराने के लिए चक्कर काट रहे। मेयर हाउस में रोजाना ही टैक्स बिलों से जुड़ी गड़बडि़यों की शिकायतें आ रही है।

सेल्फ असेस्मेंट यानि कमाई का सोर्स

बरेली नगर निगम ने ख्00क् में पूरे सूबे में सबसे पहले सेल्फ असेसमेंट की रवायत शुरू की। जिसके तहत जनता को अपना टैक्स खुद कैलकुलेट कर जमा करने का भी ऑप्शन दिया गया। लेकिन नई व्यवस्था शुरू कर अपनी पीठ खुद ही थपथपाने वाला निगम इसके लिए जनता को किसी तरह की ट्रेनिंग न दे सका। निगम के क्.क्फ् लाख रजिस्टर्ड करदाताओं में लगभग आधे भी खुद सही से सेल्फ असेस्मेंट कर टैक्स कैलकुलेट करना नहीं जानते। ऐसे में परेशान करदाताओं के सेल्फ असेसमेंट फॉर्म निगम के ही कर्मचारियों ने भरे। इनमें जो भी गड़बडि़यां हुई वह कर्मचारियों से हुई।

दोनों ओर से दोहरी मार

निगम की गलतियों का खामियाजा भुगतने वाले कई करदाताओं पर असल में दो तरफ से दोहरी मार पड़ी है। बढ़ी दरों और गलत बिल पर फ्क् मार्च तक टैक्स जमा करने वाले करदाताओं पर तो दोहरी मार पड़ी ही। वहीं ऐसे तमाम करदाता जिन्हे मार्च के आखिर में बिल जारी किए गए और उन्होंने गलत बिल पर आपत्ति जताते हुए इसे जमा नहीं किया। वह अप्रैल में बिलों का निस्तारण हो जाने के बावजूद राहत नहीं पाएंगे। दरअसल अप्रैल में बकाया टैक्स भुगतान करने पर उन्हें कुल टैक्स पर क्ख् फीसदी ब्याज भी चुकाना होगा। वहीं निगम ने बोर्ड बैठक में मेयर की ओर से करदाताओं को बकाया टैक्स जमा करने के लिए अप्रैल के शुरुआती भ्-म् दिन ब्याज से छूट देने के निर्देश दिए थे। इसे भी अधिकारियों ने अनसुना कर दिया।

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साल में दो बार अलग-अलग बिल जारी किए जाने के कुछ मामले संज्ञान में हैं। पुराने बिल में किए गए भुगतान भी नए बिल में एडजस्ट न किए जाने पर पड़ताल की जाएगी। जिन लोगों ने फ्क् मार्च तक टैक्स भी जमा नहीं किया उन्हें बिल सही होने पर ब्याज से छूट नहीं मिल पाएगी।

- ईश शक्ति कुमार सिंह, उपनगर आयुक्त

टैक्स के बिलों में जबरदस्त गड़बडि़यां मिली हैं। कवर्ड एरिया नापने में, सही टैक्स लगाने में ही नहीं एक ही ओनर को कई कई बिल जारी करने की गड़बडि़यां है। एजेंसी का काम भी खामियों भरा रहा। अप्रैल की शुरुआत में करदाताओं को छूट मिलती तो निगम की आय बढ़ती।

- डॉ। आईएस तोमर, मेयर