- निगम की डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की योजना को मिली रफ्तार
- कंसल्टेंट एजेंसी के साथ तैयार हो रहा खाका, शहर का सर्वे हुआ पूरा
- शहर को 7 जोन और वार्ड को 2-3 सेक्शन में बांट रोजाना उठेगा कूड़ा
फीगर स्पीक
सुविधा शुल्क की राशि
- 50 रुपए महीना देना होगा लोअर कटेगरी के लोगों को
- 100 रुपए महीना देना होगा मीडिल कटेगरी के लोगों को
- 250 रुपए महीना देना होगा अपर कटेगरी के लोगों को
- 500 से 1000 रुपए तक महीना देना होगा होटल, बारातघर और हॉस्पिटल को
BAREILLY : शहर को ग्रीन सिटी बनाने के लिए पार्को को रेनोवेट कराने की मुहिम के बाद अब नगर निगम क्लीन सिटी की कवायद में जुट गया है। गंदगी और जगह जगह कूड़े से जूझ रहे शहर को निजात दिलाने के लिए निगम की डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन की योजना परवान चढ़ने लगी है। साल की शुरुआत में ही शहर में इसे लागू करने को निगम की मंजूरी मिल चुकी थी। राजधानी लखनऊ से आई कंसल्टेंट एजेंसी के साथ इस योजना को शुरू करने का खाका लगभग तैयार हो चुका है। शहर को जोन वाइज बांटकर डोर टू डोर कलेक्शन का काम होना है। वहीं निगम शहर में अगले महीने के आखिर तक फेज वाइज इस योजना को शुरू करने की तैयारी में है।
7 जोन में बंटेगा शहर
क्ख् लाख से ज्यादा की आबादी वाले बरेली शहर को जोन वाइज बांटकर डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की कवायद शुरू होनी है। कंसल्टेंट एजेंसी की निगम के आला अफसरान के साथ हुई चर्चा के बाद यह बात सामने आई है। निगम और कंसल्टेंट एजेंसी में फिलहाल शहर को 7 जोन में बांटकर कूड़ा उठाने पर सहमति बनी है। हर जोन के लिए अलग से एक टीम बनेगी। इसके अलावा हर जोन के अंदर आने वाले तमाम वार्डो को भी ख्-फ् सेक्शन में बांटा जाएगा, जिससे किसी भी वार्ड में गंदगी न रहे और सफाई व्यवस्था बेहतर हो.
खत्म होंगे डलाव घर
डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की कवायद से शहर में भ्ख् से ज्यादा बने डलावघर एक तरह से खत्म हो जाएंगे। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की मुहिम में घरों से निकला कूड़ा सीधे सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट पर ही जाकर गिरेगा। घरों से डलावघर पर कूड़ा गिराने की कड़ी खत्म किए जाने के बाद शहर में कहीं भी सॉलिड वेस्ट और गंदगी होने की गुंजाइश खत्म हो जाएगी। एजेंसी का स्टाफ रिक्शा के जरिए घरों से कूड़ा उठाकर वाहनों में भरेगा। जहां से वाहन यह कूड़ा सीधे प्लांट में प्रोसेसिंग के लिए रवाना किया जाएगा.
भ्0 से क्000 होगी फीस
डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए निगम की ओर से एजेंसी को हर महीने एक तय पेमेंट अदा करना होगा। वहीं अपने इंफ्रास्ट्रक्चर के अलावा एक ट्रांसपोर्टेशन भी मुहैया कराने पर सहमति बनी है। दूसरी ओर जनता को भी अपने लिए शुरू की जा रही इस सुविधा के लिए हर महीने फीस देनी होगी। निगम की ओर से फीस की दरें भ्0 से लेकर क्000 रुपए तक तय की गई है। लोअर कटेगरी पर भ्0, मिडिल कटेगरी पर क्00 व अपर कटेगरी पर ख्भ्0 रुपए तक हर महीने फीस लगेगी। वहीं होटल, बारातघर व हॉस्पिटल्स को भ्00 से क्000 रुपए तक इस सुविध्ा के लिए देने होंगे।
तो प्लांट बनेगा मुसीबत
शहर को क्लीन सिटी बनाने की योजना में जोर लगा रहे निगम के जिम्मेदारों को उनका अपना ही प्लांट झटका दे सकता है। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के बाद शहर के घरों से निकला सारा कचरा प्लांट में ही प्रोसेस होना है। लेकिन पिछले कुछ महीनों से पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड के एनओसी न देने से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने प्लांट को बंद करने के आदेश दिए हैं। हालांकि निगम उन तमाम आपत्तियों को निपटाने में प्लांट के अंदर ड्रेनेज, लिचेट प्लांट और ग्रीनबेल्ट डेवलेप कर रहा है। जिसकी रिपोर्ट जुलाई के आखिरी हफ्ते में ट्रिब्यूनल को देनी है। इसके बावजूद अगर प्लांट में मानकों के तहत काम न हुआ और एनओसी जारी न होने पर इसे बंद ही रखा गया तो निगम की क्लीन सिटी की कवायद पर भी ब्रेक लग सकते हैं।
डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए शहर का सर्वे पूरा हो चुका है। अगले महीने तक इसे फेज वाइज शहर में शुरू करने की तैयारी है। इस संबंध में एक कमेटी का भी गठन किया जा चुका है। वेडनसडे को अधिकारियों से योजना शुरू करने पर मीटिंग बुलाई गई है।
- डॉ। आईएस तोमर, मेयर