नगर निगम की करोड़ों की जमीन पर अवैध कब्जे बरकरार
तहसीलदार लेखपाल की नियुक्ति की मांग शासन को जा चुकी है
BAREILLY:
बेशकीमती जमीनों पर बढ़ रहे अवैध कब्जे से नगर निगम के जिम्मेदार एक बार फिर जाग गये हैं। लिहाजा, निगम एडमिनिस्ट्रेशन अपनी संपत्तियों का ब्योरा जुटाने में लग गया है। बोर्ड बैठक में पार्षद इसे लेकर हंगामा मचा चुके हैं। निगम प्रशासन ने अपनी संपत्तियों की देखरेख के लिए एक टीम बनाने का भी प्रस्ताव रखा, लेकिन जमीनी हकीकत इससे उलट होने के चलते अवैध कब्जों का खेल जारी है। जिस पर मेयर डॉ। आईएस तोमर ने अधिकारियों को निगम की संपत्तियों का ब्योरा व इसका रिकॉर्ड मेंटेन करने के निर्देश दिए हैं।
जंक्शन से नंदौसी तक कब्जा
नगर निगम की जमीन पर अवैध कब्जेदारी की शुरुआत जंक्शन से ही शुरू हो जाती है। जंक्शन पर निगम की ओर से बनाए गए करीब भ्0 सरायों पर अवैध कब्जेदारों ने अपने किराएदार बैठा दिए। इसके अलावा खाली जमीन पर करीब म्0 से ज्यादा नए निर्माण कर किराया वसूली का खेल शुरू हुआ। यहां से अवैध कब्जे का सिलसिला सिविल लाइंस, प्रेमनगर, आलोक नगर, पुराना शहर, परसाखेड़ा एरिया सहित नंदौसी गांव तक जारी है। इन कब्जों में निगम की दुकानों, खाली प्लॉट, सड़क किनारे जमीन व खेती लायक जमीन शामिल हैं।
लेखपाल की नियुक्ति की आस
अवैध कब्जेदारों के खिलाफ निगम की ओर से कभी भी कड़ी कार्रवाई नहीं की जा सकी, जिसके चलते निगम की बेशकीमती जमीन पर अवैध कब्जों का सिलसिला जारी रहा। इसी पर नकेल कसने को मेयर ने कुछ महीने पहले निगम में तहसीलदार व लेखपाल की नियुक्ति की जरूरत बताई। इसके लिए प्रशासन व शासन को लेटर भेजकर लेखपाल की नियुक्ति कराने की मांग की। ताकि निगम की जमीन की पैमाइश कराने व संपत्तियों का रिकार्ड रखना आसान हो सके। निगम में सिर्फ दो मानचित्रकार ही तैनात हैं, जिन पर निगम की सारी संपत्तियों का रिकॉर्ड रखने की जिम्मेदारी है। स्टाफ कम होने से निगरानी में होने वाली चूक अवैध कब्जे की वजह बनती है।
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निगम की संपत्तियों का रिकॉर्ड बनाने के निर्देश दिए गए हैं। निगम की ही संपत्तियों की देखरेख के लिए एक लेखपाल व तहसीलदार की नियुक्ति के लिए लेटर भेजा है। संपत्तियों का रिकॉर्ड बनने से अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो सकेगी। - डॉ। आईएस तोमर, मेयर