-टैक्स फर्जीवाड़े के दोषी सीटीओ पर शासनादेश के बावजूद कार्रवाई नहीं

-पूर्व सीटीओ के खिलाफ एफआईआर के सरकारी आदेश निगम के ठेंगे पर

-सवा महीने बाद भी मामले से जुड़ी फाइलों की जांच का दिखावा जारी

BAREILLY: नगर निगम के पूर्व सीटीओ राकेश कुमार सोनकर का जलवा पद से हटने के बावजूद बरकरार है। टैक्स फर्जीवाड़े और घपलों में बड़े कीर्तिमान बनाने वाले पूर्व सीटीओ के खिलाफ शासन के दिए आदेश भी बौने साबित हो रहे। टैक्स मामले में फर्जीवाड़ा व सरकारी पैसे का गबन करने के आरोप में दोषी करार सीटीओ के खिलाफ नगर निगम प्रशासन एफआईआर कराने में कतरा रहा है। निगम को आर्थिक नुकसान पहुंचाने और अधिकारियों को गलत तथ्य देने के आरोप में फंसे सीटीओ के खिलाफ शासन ने ब् फरवरी ख्0क्भ् को एफआईआर कराने के आदेश दिए थे। लेकिन पूर्व सीटीओ के रुतबे का असर ही है कि निगम प्रशासन इस मामले में सरकारी आदेश को भी पिछले सवा महीने से ठेंगा दिखाने में हिचक नहीं रहा।

म्भ् लाख का किया हेरफेर

पूर्व सीटीओ पर नगर निगम को करीब म्भ् लाख रुपए के टैक्स का नुकसान पहुंचाने का आरोप पाया गया था। सस्पेंड होने से पहले से पूर्व सीटीओ के खिलाफ जनता से लेकर जनप्रतिनिधियों तक ने गड़बडि़यों के संगीन आरोप तक लगाए थे। पूर्व सीटीओ के खिलाफ गड़बडि़यां मिलने पर पूर्व नगर आयुक्त उमेश प्रताप सिंह ने पूर्व सीटीओ के खिलाफ एक जांच रिपोर्ट ब् जून ख्0क्ब् को शासन को भेजी थी। इस रिपोर्ट में सीटीओ को कर्मचारी नगर कॉलोनी के ख्97 भवनों में टैक्स निर्धारण करने में नगर निगम अधिनियम के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था। जिसके चलते निगम को म्भ्.ब्क् लाख रुपए का तगड़ा रेवेन्यू लॉस उठाना पड़ा।

धारा ब्ख्0 में होना था मुकदमा

शासन को भेजी गई जांच रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र था कि पूर्व सीटीओ ने तत्कालीन नगर आयुक्त को ख्7 फरवरी और फ् मार्च ख्0क्फ् की आख्या रिपोर्ट में गलत बयानबाजी कर गुमराह करने की कोशिश की थी। जिसके बाद प्रमुख सचिव नगर विकास अनुभाग 7 की ओर से मौजूदा नगर आयुक्त भेजे गए लेटर में सीटीओ को सरकारी धन का गबन, वित्तीय अनियमितता और निगम को आर्थिक नुकसान पहुंचाने का दोषी करार दिया गया। शासन की ओर से यह तक साफ किया गया कि सीटीओ के खिलाफ धोखाधड़ी के तहत धारा ब्ख्0 और सरकारी धन के नुकसान की धाराओं में एफआईआर कराएं। साथ ही सीटीओ के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में शासन को तुरंत जानकारी दें।

जांच के नाम पर लटकाया मामला

पूर्व सीटीओ को निगम से सस्पेंड किए जाने के बाद उन्हें डीएम ऑफिस से अटैच्ड कर दिया गया। लेकिन एफआईआर की कवायद लटकी रही। पूर्व सीटीओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने से पहले उन टैक्स मामलों से जुड़ी फाइलों की जांच कराने का शिगूफा छोड़ा गया। नगर आयुक्त शीलधर सिंह यादव ने मामले को गंभीर बताते हुए कार्रवाई से पहले पूरी जांच कराने और फाइलों का निस्तारण करने की बात कही थी। लेकिन सवा महीने बीतने के बावजूद न तो जांच हुई और न ही सीटीओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश हुए। जानकारों के मुताबिक पूर्व सीटीओ की मजबूत पकड़ के चलते इस मामले में जानबूझ की देरी की जा रही।

-----------------

शासनादेश के तहत पूर्व सीटीओ के खिलाफ फिलहाल एफआईआर कराने के निर्देश नहीं दिए गए हैं। आरोपों से जुड़े मामले व फाइलों की जांच चल रही है। जांच में फाइलों का निस्तारण होने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।

- शीलधर सिंह यादव, नगर आयुक्त