-इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच का फैसला, नामित पार्षद नहीं देंगे वोट
-अधिनियम संशोधन पर 17 सितंबर को शासन व निगम जिम्मेदार देंगे जवाब
BAREILLY: नगर निगम का कार्यकारिणी चुनाव बीतने के बावजूद इस पर सियासी उठापटक जारी है। कार्यकारिणी चुनाव में नामित पार्षदों के मतदान पर सपा-भाजपा में उठी रार पर अब हाईकोर्ट ने भी अपना फैसला दे दिया है। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने संविधान के मुताबिक निगम की बैठकों में नामित पार्षदों के मतदान न करने की रिट को सही ठहराया। कोर्ट ने अपने फैसले में नामित पार्षदों के पास मतदान का अधिकार न होने की बात कही। इस फैसले के बाद नगर निगम के उस संशोधित अधिनियम पर भी सवाल उठ खड़े हुए हैं, जिसके तहत कार्यकारिणी चुनाव में नामित पार्षदों को मतदान का अधिकार दिया गया था।
कार्यकारिणी चुनाव भी घेरे में
ख्7 अगस्त को नगर निगम के कार्यकारिणी चुनाव को लेकर भाजपा पार्षदों ने नगर आयुक्त से लेकर कमिश्नर तक से नामित पार्षदों के मतदान पर रोक लगाने की मांग की थी। जिसके बाद भाजपा पार्षद नेता विकास शर्मा ने संविधान के खिलाफ नामित पार्षदों के मतदान कराने को लेकर हाईकोर्ट में रिट दायर कर दी थी। चीफ जस्टिस डॉ। धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ और जस्टिस दिलीप गुप्ता की डबल बेंच ने ख्8 अगस्त को इस पर अपना फैसला दिया। कोर्ट के फैसले के बाद कार्यकारिणी चुनाव के संवैधानिक अस्तित्व पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
संविधान से उलट संशोधन
नगर निगम ने ख्7 अगस्त को जो कार्यकारिणी चुनाव कराया उसमें उप्र नगर निगम एक्ट क्9भ्9 की धारा म् (क्) के तहत नामित पार्षदों को मदतान की इजाजत दी। इस एक्ट में उप्र अर्बन लोकल सेल्फ गर्वनमेंट लॉज (एक्ट ख्00भ्) के तहत संशोधन कर नामित सदस्यों को निगम की बैठकों में मतदान करने का रास्ता साफ किया, जबकि भारतीय संविधान के आर्टिकल ख्ब्फ् आर के तहत निगम की बैठकों में नामित सदस्य शामिल हो सकते हैं, लेकिन उन्हें मतदान का अधिकार नहीं।
शासन और निगम से मांगा जवाब
संविधान से उलट निगम अधिनियम में किए गए संशोधन पर हाईकोर्ट ने शासन और निगम के जिम्मेदारों से जवाब तलब कर लिया है। कोर्ट ने एडवोकेट जनरल शासन को इस पर अपना जवाब देने को कहा है। साथ ही रिट में शामिल क्फ् अन्य प्रतिवादियों नगर विकास विभाग, मेयर, नगर आयुक्त और क्0 नामित पार्षदों को भी इस मामले में क्7 सितम्बर तक अपना पक्ष रखने को कहा है।
संविधान के तहत नामित पार्षद मतदान में शामिल नहीं हो सकते। अभी कोर्ट का आदेश मिला नहीं है। आदेश मिलते ही जवाब के लिए आगे की कार्यवाही की जाएगी।
- डॉ। आईएस तोमर, मेयर
कोर्ट के फैसले के मुताबिक नामित पार्षद मतदान में शामिल नहीं हो सकते। ऐसे में नगर निगम पर कोर्ट की अवमानना का वाद दायर किया जाएगा।
- विकास शर्मा, भाजपा पार्षद नेता