सफाई कराने वाली एजेंसी ने दिखाया नगर निगम को ठेंगा
नोटिस के बाद भी 600 के बजाए 150 कर्मचारीदिए सफाई को
तीन दिन में पूरा स्टाफ ने मिलने पर ब्लैक लिस्ट करने की तैयारी
BAREILLY: मानसून दस्तक दे चुका है और नगर निगम अभी तक नालों की सफाई के दलदल में ही फंसा हुआ है। आलम यह कि ट्यूजडे की रात हुई झमाझम बारिश ने आने वाले दिनों में बरेलियंस को होनी वाली परेशानी की झलक दिखला दी। नालों के दलदल में फंसे नजर आ रहे निगम को नोटिस के बाद भाी एजेंसी ने ठेंगा दिखा दिया है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एजेंसी को दी गई कार्रवाई की नोटिस के बाद ट्यूजडे को महज क्भ्0 कर्मचारी पहुंचे। जबकि मंडे को ये आंकड़ा क्70 का था।
सिक्योरिटी जब्त का असर नहीं
शहर के नालों की सफाई के लिए निगम ने करीब भ्म् लाख रुपए के बजट को मंजूरी दी है। जिसमें क्म् लाख रुपए छोटे नालों और ब्0 लाख बड़े नालों की सफाई के लिए मंजूर किए गए। ऑउटसोर्सिग के लिए सभी वार्डो में गंदे नालों की सफाई के लिए एएस इंटरप्राइजेज को ठेका मिला था। एजेंसी को म्00 कर्मचारी सफाई में जुटाने थे। लेकिन नाला सफाई मुहिम के एक हफ्ते से ज्यादा बीतने के बाद भी एजेंसी ने सभी कर्मचारी नहीं दिए। इस पर निगम ने मंडे को एजेंसी के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए भ्0 हजार रुपए की सिक्योरिटी जब्त करने की कार्रवाई की। लेकिन एजेंसी पर असर नहीं पड़ा।
वन फोर्थ स्टाफ ही लगाया
शहर में गंदे नालों की सफाई के लिए करीब 8 दिनों से एजेंसी ने काम शुरू किया है। शुरुआती चार दिनों में एजेंसी की ओर से महज क्क्0 कर्मचारी ही सफाई अभियान में लगाए गए। एजेंसी के सुस्त काम की शिकायत हुई तो सातवें दिन तक आंकड़ा क्70 तक ही पहुंचा। एजेंसी के इस लापरवाही भरे रवैये पर निगम ने नोटिस जारी कर चेताया तो ट्यूजडे को एजेंसी की ओर से सिर्फ क्भ्0 कर्मचारी ही सफाई में लगाए गए। सोर्सेज के मुताबिक, बिना कड़ी कार्रवाई के एजेंसी आने वाले दिनों में भी सभी म्00 कर्मचारी जुटाने में दम नहीं लगाने वाली।
ठेके में भी नियम ठेंगे पर
निगम में नालों की सफाई के लिए टेंडर मांगे गए थे। जिसमें एएस इंटरप्राइजेज का टेंडर पास किया गया। लेकिन एजेंसी को मिले ठेके में भी नियमों की अनदेखी का मामला सामने आया है। वेज बोर्ड के नियमानुसार एजेंसी को सफाई में लगाए गए कर्मचारियों को हर दिन कम से कम ख्ब्0 रुपए का भुगतान करना था। लेकिन टेंडर में एजेंसी ने हर कर्मचारी को क्80 रुपए पर डे का पेमेंट तय किया। सोर्सेज के मुताबिक, इसमें भी एजेंसी कमीशन के नाम पर करीब फ्भ् रुपए लेकर करीब क्ब्ब् रुपए ही कर्मचारियों को भुगतान कर रही है। जो वेज बोर्ड की शर्तो का उल्लंघन है। नगर आयुक्त को लिखित में कंप्लेन की गई, लेकिन निगम ने मामले से पल्ला झाड़ लिया।
तो तीन दिन बाद ब्लैकलिस्ट
एजेंसी की मनमानी पर अफसरों की अब तक रही चुप्पी पर नगर निगम की साख भी सवालों में आ गई। शहर और जनहित से जुड़े सफाई के गंभीर मसले पर निगम की ऐसी लापरवाही हैरान करने वाली रही, सिर्फ नोटिस जारी करने तक सीमित रहे निगम ने किरकिरी के बाद आखिरकार एजेंसी को नोटिस का जवाब देने को तीन दिन का समय दिया है। तीन दिन में एजेंसी की ओर से स्पष्टीकरण न देने और सभी म्00 कर्मचारी नाला सफाई में न लगाने पर उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। वहीं एजेंसी के कर्मचारी अपर नगर आयुक्त या नगर स्वास्थ्य अधिकारी से निर्देश लेकर वार्ड की सफाई में जाएंगे।
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एजेंसी को तीन दिन का समय दिया गया है। तीन दिन में एजेंस ने नेाटिस का जवाब नहीं दिया और अपने सभी म्00 कर्मचारी नालों की सफाई में नहीं लगाए तो उसे निगम में ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। वेज बोर्ड के तहत कर्मचारियों को पेमेंट न करने के लिए एजेंसी जिम्मेदार है।
- शीलधर सिंह यादव, नगर आयुक्त