शासन नामित पार्षदों पर विवाद
नगर निगम कार्यकारिणी चुनाव में 70 वाड्र्स के सभी पार्षदों के अलावा शासन से नामित 10 पार्षदों को भी पोलिंग में शामिल करने का फैसला लिया गया। इससे नाराज नेता विपक्ष भाजपा पार्षद विकास शर्मा ने सदन में मेयर से इसे संविधान के तहत गलत ठहराया जिस पर हाईकोर्ट में स्टे होने की बात कही। लेकिन मेयर ने नगर निगम एक्ट में संशोधन किए जाने और कोर्ट में स्टे वैकेट किए जाने का हवाला देते हुए सभी 10 पार्षदों को पोलिंग में शामिल किए
जाने का फैसला किया।
इससे नाराज एक अन्य भाजपा पार्षद छंगामल मौर्या ने टेबल पर खड़े होकर विरोध जताया तो जवाब में सपा पार्षदों ने उनका घेराव कर मिसबिहेव किया। भाजपा पार्षद विकास शर्मा ने इस पूरे घटनाक्रम को साजिश करार दिया। साथ ही इसके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही।