-नगर निगम ने बिना टेंडर कोटेशन के ही खरीद ली हाइमैक्स लाइट

-बाजार के अनुमानित कीमत से दोगुनी पर खरीदी गई 50 लाइट

-मेयर ने लगवाई गई लाइटों की जांच कराने के दिए निर्देश, मांगी रिपोर्ट

BAREILLY:

नगर निगम जब मौका मिलता है, फर्जीवाड़ा करने से चूकता नहीं है। ताजा मामला निगम की प्रकाश विभाग की ओर से देखा जा रहा है। क्योंकि शहर के अंधेरे को दूर करने को निगम की ओर से लगाई गई हाईमैक्स लाइट में प्रकाश विभाग की ओर से अनियमितता बरती गई है। विभाग के अफसरों ने रोक के बावजूद करीब भ्0 हाईमैक्स लाइट की खरीद फरोख्त की। इसमें भी जिम्मेदारों ने बिना टेंडर शुरू कराए चहेती एजेंसी से लाखों की लागत से लाइटें खरीद ली। मामले का खुलासा होने पर मेयर डॉ। आईएस तोमर ने प्रकाश विभाग अधीक्षक जितेन्द्र उपाध्याय से इस अनियमितता पर रिपोर्ट तलब की ली है। वहीं विभाग की ओर से लगाई लाइटों का सत्यापन कराने के निर्देश ि1दए हैं।

बिना टेंडर खरीद

प्रकाश विभाग की ओर से शहर के प्रमुख चौराहों, सड़कों और जरूरतमंद वार्डो में उजाला करने के लिए हाईमैक्स लाइट खरीद ली गई। नियमानुसार सामान की खरीद फरोख्त के लिए विभाग की ओर से टेंडर शुरू किए जाने थे। कम बोली वाली एजेंसी से ही लाइट खरीदने का ठेका लिया जाना था। लेकिन विभाग की ओर से लाखों रुपये की लागत वाली लाइट की खरीद के लिए टेंडर ही नहीं खोले गए। इसके बजाए अधिकारियों ने नगर आयुक्त से जरूरत दिखाकर कोटेशन पर ही खरीद की मंजूरी ले ली।

दोगुने दाम पर खरीद

प्रकाश विभाग ने हाईमैक्स लाइट खरीदे जाने के लिए एक ही एजेंसी को चुना। अनियमितता सिर्फ यहीं नहीं थमी। विभाग ने बाजार के अनुमानित मूल्य से दोगुनी कीमत पर यह लाइट खरीदी। विभाग ने हर एक हाईमैक्स लाइट की खरीद पर 80 हजार रुपये खर्च किए। ऐसे में भ्0 की तादाद में खरीदी गई इन लाइटों की कुल कीमत लगभग ब्0 लाख रुपये के ऊपर आई। जबकि कुछ साल पहले निगम की ओर से हाईमैक्स लाइट की कीमत मौजूदा कीमत से आधे रेट पर खरीदी गई। जानकारों ने बताया कि हाईमैक्स लाइट के पोल और लाइट का कुल खर्च ब्0-ब्भ् हजार रुपये के बीच रहा। दोगुनी कीमत पर लाइट की खरीद पर मेयर भी सकते में आ गए और उन्होंने अधिकारियों से जवाब मांगा।

कहां लगाई लाइट, दिखाओ

विभाग की गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद मेयर और नगर आयुक्त ने संज्ञान लिया है। निगम के पैसे की बर्बादी पर नाराज मेयर ने प्रकाश विभाग अधीक्षक से पूरी खरीद की रिपोर्ट तलब कर ली है। उन्होंने रोक के बावजूद बिना टेंडर प्रक्रिया लगवाई गई हाइमैक्स लाइट का सत्यापन मांगा है। मेयर ने नाराजगी जताते हुए पूछा कि जब पुरानी खराब लाइटों की मेंटनेंस नहीं हो सकी तो, सोडियम लाइट की जगह हाईमैक्स लाइट की खरीद कैसे की गई। मेयर ने इसके लिए अफसरों को जिन जगहों पर लाइट लगी है वहां का निरीक्षण कराने के निर्देश ि1दए हैं।

खामी के बावजूद खरीद

बतातें हैं कि हाईमैक्स लाइट महंगी होने के अलावा हाई मेंटनेंस मांगती है। पिछले दफा निगम की ओर से यह लाइटें लगवाई गई, लेकिन जल्द ही इनके खराब होने और सही न हो पाने की दिक्कते सामने आई। ऐसे में निगम ने इन लाइट की खरीद पर फिलहाल रोक लगाते हुए सोडियम लाइट लगवाने को प्राथमिकता दी। मेयर ने अधीक्षक से खरीद पर सवाल किए तो वह कोई ठोस जवाब न दे सके।

-

प्रकाश विभाग की ओर से करीब दोगुने कीमत पर हाईमैक्स लाइट की खरीद की गई। बिना टेंडर की गई खरीद पर जवाब तलब किया गया है। लगवाई गई लाइट की रिपोर्ट मांगी गई है। - डॉ। आईएस तोमर, मेयर