नगर निगम के पास नहीं शहर में लगी हजारों होर्डिग्स का आंकड़ा
निगम में महज 334 होर्डिग्स का रजिस्ट्रेशन, शहर में लगी करीब तीन हजार
कमाई में भी पिछड़े, 1 करोड़ के टारगेट के मुकाबले एक चौथाई इनकम
BAREILLY:
शहर की सड़कों, चौराहों से निकलकर शॉपिंग मॉल तक में अवैध होर्डिग्स का कारोबार जिस तेजी से फल फूल रहा है, उतनी ही तेजी से नगर निगम के खजाने में वसूली का ग्राफ भी गिर गया। बेतरतीब तरीके से पाट दी गई होर्डिग्स से शहर की तस्वीर बदसूरत हुई सो अलग। निगम से बिना मंजूरी के सड़कों व चौराहों पर लगी इन होर्डिग्स पर हाईकोर्ट के फैसले के बाद अवैध की मुहर भी लगी। बावजूद इसके निगम की ओर से न तो इन्हें हटाने की कार्रवाई कामयाब रही और न ही इनसे वसूली कर खजाने को बढ़ाया गया। जिससे शहर कि विकास को सहायता मिल सके। अंदरखाने में होने वाली सांठ-गांठ ने जिम्मेदारों की जेबें तो गर्म की, लेकिन निगम की इनकम के नाम सूखा ही रहा।
शहर भर में होर्डिग्स का कब्जा
शहर में अवैध होर्डिग्स का कारोबार निगम की नाक के ठीक नीचे फलने के बावजूद आला अफसरान और जिम्मेदारों को नहीं दिखा। शहर के चौकी चौराहा, अयूब खां चौराहा और शहामतगंज चौराहा पर ही शहर भर में फैले होर्डिग्स के जंगल की बानगी नजर आ जाती है। सिविल लाइंस, धर्मकांटा चौराहा, डीडीपुरम, मॉडल टाउन, प्रेमनगर, बदायूं रोड, कोहारापीड़ से निकलकर होर्डिग्स का जंगल पीलीभीत रोड, सीबीगंज व परसाखेड़ा इंडस्ट्रियल एरिया तक फैल गया है।
महज फ्फ्ब् होर्डिग्स का रिन्यूअल
शहर में निगम की सीमा के अंदर ही अनुमान के मुताबिक करीब फ् हजार से ज्यादा होर्डिग्स लगे हैं। वहीं पोस्टर, बैनर और छोटे कटआउट का कोई हिसाब ही नहीं है। नियमानुसार कोई भी होर्डिग निगम की मंजूरी और उसकी जानकारी में ही दी गई साइट्स पर ही लगाई जा सकती है। इसके बदले में निगम को मिलने वाली आमदनी बजट में विज्ञापन मद में दिखाई जाती है। लेकिन शहर में हजारों की शक्ल में दिखने वाले होर्डिग्स निगम के रेंट विभाग के रजिस्टर में महज फ्फ्ब् का आंकड़ा ही छू पाए हैं। क् अप्रैल ख्0क्ब् से फ्क् जनवरी ख्0क्भ् तक रेंट विभाग महज इतने ही होर्डिग्स का रिन्यूअल कर सका है।
सपना रहा एक करोड़ का टारगेट
निगम के सालाना बजट में विज्ञापन मद में एस्टीमेटेड आय क् करोड़ रुपए रखी गई है। जिसमें शहर भर में लगने वाली होर्डिग्स से इनकम शामिल है। साल ख्0क्ब्-क्भ् में भी निगम ने बजट में विज्ञापन मद में इतनी ही रकम टारगेट की। लेकिन रेंट विभाग के जिम्मेदार पहली छमाही यानि फ्क् सितंबर ख्0क्ब् तक इस मद में महज 7.भ्क् लाख रुपए की आमदनी कर पाए। जो टारगेट की गई रकम का महज 7.भ् फीसदी ही रहा। वहीं जानकारों के मुताबिक जनवरी ख्0क्भ् तक यह वसूली बढ़कर करीब ख्0 लाख के करीब ही रही। जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में निगम ने विज्ञापन से फ्ख्.7क् लाख रुपए की वसूली की थी। लेकिन इस बार यह आंकड़ा इतना होता भी नहीं दिख रहा।
उगाही ने फैलाया जंगल
निगम के जिम्मेदार महज सरकारी आंकड़ों में होर्डिग्स से वसूली में सुस्त नजर आए हैं। असल में पूरे शहर में फैले अवैध होर्डिग्स के एनक्रोचमेंट के पीछे इनकी उगाही की एक्टिविटी ही वजह रही है। पार्षदों से लेकर कार्यकारिणी सदस्यों ने अवैध होर्डिग्स पर अधिकारियों को कई बार आड़े हाथों लिया। पार्षदों ने साफ तौर पर अवैध होर्डिग्स बढ़ने में अधिकारियों की मिलीभगत के आरोप लगाए। जानकारों ने भी माना है कि बिना अधिकारियों की शह और मंजूरी के अवैध होर्डिग्स चार दिन से ज्यादा नहीं लग सकती। होर्डिग्स हटाने के नाम पर जो कभी कभार अभियान चलाए भी गए तो उसमें गुपचुप उगाही कर रेंट वसूली की कवायद दबा दी गई।
कार्रवाई के बावजूद काम नहीं
होर्डिग्स से किराया और जुर्माना वसूली में में बुरी तरह नकारा साबित हुए रेंट विभाग के जिम्मेदारों पर आला अफसरों की फटकार का भी असर नहंी पड़ा। पूर्व नगर आयुक्त उमेश प्रताप सिंह ने अवैध होर्डिग्स पर एफआईआर कराने के निर्देश दिए थे। लेकिन वसूली इंचार्ज ने निगम की ओर से पुलिस थाने में कार्रवाई का लेटर खुद ले जाने के बजाए रजिस्ट्री के जरिए भेज दिया। इस पर पूर्व नगर आयुक्त ने खूब फटकारा भी। वहीं होर्डिग्स से वसूली के अभियान में दो अधिकारियों को सस्पेंड भी किया गया लेकिन इसके बावजूद वे ड्यूटी पर बने रहे और वसूली की रफ्तार पर भी ब्रेक लगे रहे।
निगम के दस्तावेजों में होर्डिग्स
कट आउट म्भ्
यूनिपोल भ्क्
ग्राउंड शेप क्70
पैसेंजर शेल्टर ख्फ्
आईलैंड क्ख्
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शहर में फैले अवैध होर्डिग्स पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। अभियान टीम बनाकर होर्डिग्स हटाने व जुर्माना वसूलने के निर्देश हैं। नए सहायक नगर आयुक्त को इसका जिम्मा दिया गया है। वसूली का ग्राफ बढ़ाने की कोशिश है। - शीलधर सिंह यादव, नगर आयुक्त
शहर में अवैध होर्डिग्स जल्द हटाने के आला अफसरों ने बड़े वादे किए थे। लेकिन होर्डिग्स बरकरार है। बजट में होर्डिग्स व विज्ञापन वसूली की रकम पिछले साल के मुकाबले भी कम रहने की आशंका है। - डॉ। आईएस तोमर, मेयर