-क्लर्क बनकर निगम को चपत लगाता रहा रेंट विभाग का चपरासी

-विज्ञापन वसूली में फर्जीवाड़ा के आरोप में पटल से हटाया गया था

-नगर आयुक्त ने पकड़ा फर्जीवाड़ा, तीन सदस्यीय कमेटी करेगी जांच

<-क्लर्क बनकर निगम को चपत लगाता रहा रेंट विभाग का चपरासी

-विज्ञापन वसूली में फर्जीवाड़ा के आरोप में पटल से हटाया गया था

-नगर आयुक्त ने पकड़ा फर्जीवाड़ा, तीन सदस्यीय कमेटी करेगी जांच

BAREILLY: BAREILLY: निर्माण, स्वास्थ्य और जलकल विभाग के बाद अब नगर निगम का रेंट विभाग भी फर्जीवाड़े की नजीर बन रहा है।

रेंट विभाग में लंबे समय से एक फोर्थ क्लास कर्मचारी पटल बाबू बनकर काम कर रहा था। चपरासी के क्लर्क बनकर काम करने का फर्जीवाड़ा मंडे के उजागर हुआ। नगर आयुक्त शीलधर सिंह यादव ने ही इस फर्जीवाड़े का खुलासा किया। नगर आयुक्त ने क्लर्क बने चपरासी की इस धांधली की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बैठा दी है। कमेटी में अपर नगर आयुक्त, उपनगर आयुक्त और टैक्स सुपरिंटेंडेंट बतौर सदस्य इस फर्जीवाड़े पर अपनी जांच रिपोटर्1 देंगे।

ओवर-राइटिंग से किया खेल

रेंट विभाग में क्लर्क के पद पर तैनात मोहर सिंह के खिलाफ फर्जीवाड़ा करने और धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं। आरोप है कि निगम में मोहर सिंह की नियुक्ति बतौर क्लर्क न होकर फोर्थ क्लास कर्मचारी के पद पर हुई थी। लेकिन आरोपी ने अपनी नियुक्ति पत्र में अपने पद पर ओवर-राइटिंग कर इसे क्लर्क कर दिया। इस तरह विभागीय दस्तावेज या लेटर में ओवर-राइटिंग नियमानुसार गलत है। अगर ओवर-राइटिंग की जाएं, तो रूल्स के मुताबिक संबंधित आला अधिकारी के साइन नीचे होने जरूरी हैं। लेकिन आरोपी कर्मचारी के केस में ऐसा नहीं है। नगर आयुक्त ने जांच कमेटी को आरोपी की सर्विस से जुड़ी सभी जानकारियां देने के निर्देश दिए हैं।

पहले भी हुइर् कार्रवाई

आरोपी कर्मचारी के खिलाफ पहले भी गड़बडि़यों की शिकायतें मिलती रही हैं। मोहर सिंह रेंट विभाग में विज्ञापन से होने वाली आय का ब्योरा रखता था। शहर में लगने वाली तमाम होर्डिग्स से रेंट वसूली का जिम्मा उसी के पास रहा। लेकिन मोहर सिंह पर सांठ-गांठ कर अवैध तरीके से शहर में होर्डिग्स लगवाने के आरोप लगे। लगातार मिल रही शिकायतों पर जांच कराई गई। शिकायतों में सच्चाई मिलने पर नगर आयुक्त ने कुछ दिन पहले ही मोहर सिंह को रेंट विभाग के पटल से बतौर क्लर्क हटा दिया था। आरोपी कर्मचारी के खिलाफ गड़बडि़यों की जांच के दौरान ही उसके खिलाफ नौकरी के फर्जीवाड़े का भी खुलासा हो गया।

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रेंट विभाग के एक कर्मचारी पर चपरासी होते हुए फर्जी तरीके से क्लर्क बनकर नौकरी करने का मामला उजागर हुआ है। इस पर तीन सदस्यीय कमेटी जांच के लिए गठित की है। रिपोर्ट मिलते ही आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। - शीलधर सिंह यादव, नगर आयुक्त