-श्रीराम मूर्ति स्मारक रिद्धिमा में शास्त्रीय संगीत के वाद्ययंत्रों को सहेजा गया

बरेली : ये वही शहर है। जिसने देश को सुरों से सजी राधेश्याम रामायण दी। अब शास्त्रीय संगीत के वाद्ययंत्रों को सहजकर दुनिया के सामने लाने की अनूठी पहल भी बरेली में ही हुई है। जरिया बना है श्री राममूर्ति स्मारक रिद्धिमा। यहां शास्त्रीय संगीत के वाद्ययंत्रों को सहेजा गया है। अब इन्हीं वाद्ययंत्रों को बजाने की कला में हुनरमंद बनाने के लिए रिद्धिमा ने नई पीढ़ी के साथ शुरुआत की है।

नई पीढ़ी के साथ शुरूआत

श्री राममूर्ति स्मारक रिद्धिमा में इंस्ट्रूमेंट म्यूजियम स्थापित किया गया है। जिसमें केरल, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल समेत देश के कोने-कोने से लाकर अब तक सौ से ज्यादा वाद्ययंत्रों को संरक्षित किया गया है। इसमें जोगी सारंगी, रावण हत्था, गुलगुबा, अलगोजा, एकतारा जैसे फोक वाद्ययंत्र के साथ ही विचित्र वीणा, रुद्र वीणा, सरस्वती वीणा, मयूरी वीणा, सुरबहार, दिलरुबा, पखावज, मृदंग, गोपीचंद, कश्मीरी सारंगी, संतूर, सा¨रदा जैसे शास्त्रीय वाद्ययंत्र भी शामिल हैं। इसमें ज्यादातर विलुप्त श्रेणी में हैं। बरेली में अपनी तरह का यह अकेला म्यूजियम है। एसआरएमएस ट्रस्ट के सचिव आदित्य मूर्ति का दावा है कि यह उत्तर प्रदेश का अकेली म्यूजियम है, जहां सभी वाद्य यंत्रों को सहेजा गया है। अब यहां दो सौ से ज्यादा वाद्ययंत्रों को एक ही छत के नीचे लाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एसआरएमएस ट्रस्ट के चेयरमैन देवमूर्ति ने इन्हें संरक्षित करने का संकल्प लिया है।

रिद्धिमा को मिली इंदिरा कला संगीत विवि की मान्यता

श्री राममूर्ति स्मारक रिद्धिमा को इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ (छत्तीसगढ़) से मान्यता मिल गई है। जिसमें यहां संचालित गायन, वादन, फाइन आटर्स, कथक, भरतनाट्यम को चार वर्ष की मान्यता दी गई है। श्री राममूर्ति स्मारक रिद्धिमा सेंटर हेड आशीष कुमार ने कहा कि 18 और 19 सितंबर को दूसरी ऑल इंडिया पें¨टग कंपटीशन होगी। कहा कि यह दो दिवसीय प्रतियोगिता 10 से 16 वर्ष, 17 से 22 वर्ष और 22 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लिए होगी। विजयी प्रतियोगियों को अवार्ड दिया जाएगा। इनकी बनाई पें¨टग्स भी यहां आर्ट गैलरी में प्रदर्शित की जाएंगी।

दिल्ली, मुंबई की टीमें इंद्रधनुष थिएटर फेस्ट में करेगी प्रदर्शन

नवंबर में इंद्रधनुष थिएटर फेस्ट 9 से 14 नवंबर के बीच होगा। जिसमें प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली और मुंबई से टीमें आएंगी। इससे पहले यहां 19 से 24 अक्टूबर के बीच थिएटर वर्कशॉप भी आयोजित की जा रही है। यह वर्कशाप आधुनिक थिएटर की जननी के रूप में पहचान रखने वाली भारतेंदु नाटक एकेडमी की चित्रा मोहन के निर्देशन में होगी। वो वर्कशाप में शामिल होने वालों को ट्रे¨नग देंगी। एक सप्ताह की वर्कशाप में 16 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोग शामिल हो सकेंगे। इसे फाउंडेशन, इंटरमीडिएट, एडवांस और प्रोडक्शन कोर्स जैसे चार पाठ्यक्रमों में बांटा गया है। इसमें पर्सनैलिटी डेवलपमेंट के साथ ही संबंधित कोर्स का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन पाठ्यक्रमों में शामिल होने वाले बच्चों को यहां पर परफॉर्म करने का भी अवसर मिलेगा।