सुभाषनगर के टेंपो ड्राइवर सुखबीर की हत्या की थी
पुलिस सुखबीर के हत्यारे का नहीं पता कर पाई थी
BAREILLY: सुभाषनगर पुलिस मर्डर के हर केस में अपराधियों के नजदीक होने का दावा तो करती है लेकिन उन्हें पकड़ नहीं पाती। ऐसे ही टेंपो ड्राइवर सुखबीर के मर्डर में पुलिस अपराधी को पकड़ना तो दूर उसके बारे में पता तक नहीं लगा पायी। लेकिन आरोपी ने खुद ही कोर्ट में सरेंडर कर अपना गुनाह कबूल कर पुलिस की वर्किंग पर ही सवाल खड़े कर ि1दए हैं।
क्क् जुलाई को हुई थी हत्या
सुभाषनगर में टेंपो ड्राइवर सुखबीर की क्भ् जुलाई को हत्या कर दी गई थी। पांच दिन बाद उसकी सनइया में खेत में चेहरा जली हुई लाश मिली थी। पत्नी ने इस मामले में अपने भाई मुन्नालाल, मामा वीरेंद्र और नरेंद्र के खिलाफ ऑनर किलिंग के चलते हत्या की एफआईआर दर्ज करायी थी। पुलिस ने इस मामले में गैराज मिस्त्री राजेंद्र से पूछताछ की थी। इस मामले में एक बात निकलकर सामने आयी थी कि सुखबीर किसी जीजा जी के फोन आने के बाद कहीं चला गया था लेकिन जीजा जी कौन थे इस बारे में किसी को कुछ नहीं पता था।
शक था पर नहीं जुटा पायी सबूत
पुलिस की जांच में भी शक जीजा जी पर ही जा रहा था लेकिन पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी। ट्यूजडे को सुखबीर के जीजा धर्मेद्र ने कोर्ट में सरेंडर कर अपना गुनाह कबूल कर लिया। कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया। तब पता चला कि जीजा जी तो सुखबीर का असली जीजा धर्मेद्र ही है। हालांकि अभी मर्डर करने की वजह का पता नहीं चल पाया है।
नहीं पता चला मिथलेश के हत्यारे का
वहीं सुभाषनगर में बीते ट्यूजडे को की गई मिथलेश की हत्या के मामले में भी पुलिस के हाथ खाली हैं। पुलिस की जांच तो तेजी से शुरू हुई थी लेकिन अब जांच धीमी पड़ती जा रही है। सुभाषनगर में एक और मर्डर होने से पुलिस फिंगर प्रिंट का भी मिलान नहीं करवा पाई। पुलिस ने शक के आधार पर हिरासत में लिए गए बहू और बेटे को भी छोड़ दिया है।