- मर्डर करने के बाद तमंचे के साथ पहुंचा चौकी
BAREILLY: ईट भट्टे पर काम करने गया था या फिर कहीं और। बस इतनी सी बात पर एक दोस्त ने दूसरे को गोली मार दी। दोस्त की गोली मारकर हत्या करने के बाद वह शख्स खुद ही चौकी पहुंच गया और पुलिस के सामने तमंचा व गोली रख दी। वहीं पुलिस दावा कर रही है कि चीता मोबाइल ने आरोपी को भागते हुए पकड़ा। पुलिस इस मामले में पैसों के लेनदेन को भी हत्या की वजह बता रही है।
तीन माह पहले हुई थी शादी
एजाजनगर गौटिया बारादरी निवासी बाबू ईट भट्टे पर काम करता था। उसके पिता का नाम लियाकत है। वह मूलरूप से नौरंगाबाद बदायूं का रहने वाला था। तीन महीने पहले शबीना से उसकी शादी हुई थी। उसके बाद वह काम के सिलसिले में कहीं और चला गया। करीब ख्0 दिन पहले वह फिर से एजाज नगर गौटिया में वापस आ गया था। पड़ोस में रहने वाले वसीम उस्मानी से ढाई साल से दोस्ती था। परिजनों ने बताया कि कुछ दिनों पहले बाबू का वसीम से झगड़ा हो गया था। इसी के चलते वसीम ने उनके बेटे की हत्या कर दी। वहीं आरोपी वसीम, बाबू के एक रिश्तेदार से भी शादी करना चाहता था, जिसको लेकर भी दोनों में मनमुटाव हाे गया था।
मिली जिंदा कारतूस
एसपी सिटी के अनुसार वेडनसडे सुबह चीता फ्म् मोबाइल पर तैनात पुलिसकर्मी मनोज शर्मा व अशोक गश्त कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें तुलसी मैदान के पास से एक युवक नंगे पैर तेजी से भागते हुए दिखा। चीता के सिपाहियों ने बताया कि युवक घबराया हुआ था। उसे रोककर पूछा और सर्च किया तो उसके पास से फ्क्ख् बोर का तमंचा और एक जिंदा कारतूस मिल गई। इस पर उन्हें खुशी हुई कि किसी बदमाश को पकड़ लिया है, लेकिन जब उससे खोखा के बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसने तुलसी मैदान में किसी को गोली मार दी है। वह लोग उसे तुरंत थाना ले गए और फिर मौके पर गए और बाबू को आटो से डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
चंद्रपुर चलने की दी थी धमकी
वहीं हत्यारोपी वसीम का कहना है कि करीब क्0 दिन पहले दोस्त होने के नाते उसने बाबू से कहा कि वह ईट भट्टे पर गया था या फिर कहीं और। इस बात पर बाबू नाराज हो गया और उसके साथ जमकर गाली-गलौच की। बाबू रोजाना उसे चंद्रपुर में चलने और देख लेने की धमकी दे रहा था, जबकि वसीम लगातार माफी मांग रहा था। ट्यूजडे रात भी उसने बाबू को गले लगाकर माफी मांगी थी, लेकिन बाबू ने फिर भी उसे देख लेने की धमकी दी थी। इसी के चलते वेडनसडे सुबह वह साहिल जिम के पास बाबू से मिला और उसे चंद्रपुर चलने के लिए कहा। रास्ते में वह उसे तुलसी नगर के ग्राउंड में ले गया और कहा कि अब बता और उस पर तमंचा तान दिया। इस पर भी बाबू डरा नहीं और कहा कि उसके जैसे बहुत देखे हैं और गालियां दी इस पर उसे गुस्सा आ गया और सीने में गोली मार दी। यहां से वह सीधे जगतपुर चौकी पहुंचा वहां पर दो सिपाही मौजूद थे। उसने सिपाहियों को तमंचा व कारतूस दीं और हत्या के बारे में बता दिया। वसीम ने बताया कि उसने तमंचा एक साल पहले बदायूं से बाबू की मदद से ही खरीदा था।