- मृतक की बहन की शिकायत पर पूर्व प्रधान समेत पांच के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज, दो हिरासत में
- पुलिस ने दिया 24 घंटों में गिरफ्तारी का आश्वासन, समर्थकों ने 25वें घंटे में दी कलेक्ट्रेट का घेराव करने की चेतावनी
बरेली। कैंट क्षेत्र में गांव परगवां के नवनिर्वाचित प्रधान इश्हाक की हत्या के बाद गांव में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। प्रधान पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उनकी हत्या की बात फैलते ही उनके समर्थक भी आग बबूला हो उठे थे। 30-40 लोगों ने आरोपी पूर्व प्रधान रतनलाल और मोहर सिंह के घर पर धावा बोलकर तोड़फोड़ कर दी थी। इसके बाद भीड़ को शांत कराकर मृतक के घर के साथ ही आरोपियों के घर पर भी पुलिस तैनात की गई थी। रात में ही पुलिस ने मृतक की बहन की तहरीर पर पांच लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर पूर्व प्रधान और उसके बेटे को गिरफ्तार कर लिया था। अब अन्य आरोपियों की तलाश में दबिशें दी जा रही हैं। वहीं फ्राइडे को शव के पोस्टमार्टम के बाद भी हंगामे जैसा माहौल बना, लेकिन पुलिस ने पीडि़त परिवार को 24 घंटों में ही अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी आश्वासन दिया तो वह शांत हुए। इसके बाद शाम करीब पांच बजे पास के ही कब्रिस्तान में शव को सुपुर्दे खाक किया गया।
प्रधान को लगी तीन गोलियां
थर्सडे शाम परगवां गांव के नवनिर्वाचित प्रधान इश्हाक पत्नी शकीना के साथ कांधरपुर से दवा लेकर बाइक पर लौट रहे थे। खड़ंजे पर आते ही हमलावरों ने उन्हें घेर लिया और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। करीब दो सौ मीटर दौड़ाते हुए गोलियां बरसाईं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई जबकि पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इश्हाक को तीन गोलियां लगने की पुष्टि हुई है। एक गोली गर्दन में सामने से लगकर पीछे निकल गई तो दूसरी हाथ में और तीसरी पीठ की तरफ से मारी गई थी जोकि आगे सीने से निकली है।
समर्थकों ने की तोड़फोड़
प्रधान की हत्या की खबर फैलते ही उनके समर्थकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया था। करीब 30-40 लोगों ने पत्नी शकीना द्वारा बताए गए आरोपी पूर्व प्रधान रतनलाल और मोहर सिंह के घर पर धावा बोल दिया था। समर्थकों ने रतनलाल के घर व मोहर सिंह के ऑफिस में तोड़फोड़ करने के साथ ही यहां खड़ी एक वैगनआर कार के शीशे फोड़ दिए। साथ ही एक ट्रैक्टर में भी तोड़फोड़ की थी। इसके बाद गांव में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई थी। हालांकि पुलिस ने देर रात तक पुलिस ऐसी किसी घटना के होने से इंकार करती रही थी।
25वां घंटा हमारा होगा
पोस्टमार्टम होने के बाद फ्राइडे दोपहर करीब सवा एक बजे इश्हाक का शव गांव पहुंचा तो वहां फिर समर्थकों की भीड़ लग गई। पुरुष नीचे तो महिलाएं छतों के छज्जों पर जुट गईं। इस दौरान इश्हाक के परिवार वालों की कैंट इंस्पेक्टर राजीव सिंह से काफी भी बहस भी हुई। कैंट इंस्पेक्टर ने आश्वासन दिया कि वह 24 घंटे में आरोपियों को गिरफ्तार कर लेंगे। इसके बाद गुस्साये परिजन ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो 25वां घंटा उनका होगा और वह कलक्ट्रेट का घेराव करेंगे। पुलिस के समझाने पर शाम को उन लोगों ने इश्हाक को सुपुर्दे खाक कर दिया।
नमाज पढ़ने को लेकर हुआ था विवाद
इश्हाक के परिजन ने बताया कि पिछले साल भी ईद लॉकडाउन में ही हुई थी। इश्हाक उस समय मथुरा से अपने गांव आ चुके थे और पुलिस ने उन्हें पुलिसमित्र भी बना दिया था। उस वक्त रतनपाल गांव का प्रधान था। उसने लोगों को भड़काकर मस्जिद में सामूहिक नमाज पढ़ने को कहा लेकिन इश्हाक ने इसका विरोध कर दिया और उसकी ऑडियो रिकॉर्डिंग पुलिस को सौंप दी थी। तब से ही रतनपाल उनसे रंजिश मानने लगा था। इस बार इश्हाक ने उसे चुनाव में हराया तो वह बौखला गया था।
सबक सिखाने का ऑडियो वायरल
इश्हाक की हत्या के बाद एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जो चुनाव से पहले का बताया जा रहा है। इसमें पूनम नाम की महिला एक व्यक्ति से बात कर रही है, जो इश्हाक को सबक सिखाने की बात कह रहा है। वह व्यक्ति रतनपाल बताया जा रहा है लेकिन इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है। वहीं गांव में चर्चा है कि रतनपाल ने प्रधानी की शपथ होने से पहले ही सबक सिखाने की धमकी भी दी थी। मगर इश्हाक ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और उन्हें नुकसान उठाना पड़ा।
पांच पर रिपोर्ट, दो गिरफ्तार
इश्हाक के परिवार वालों के मुताबिक शकीना ने बताया कि परगवां निवासी मोहर सिंह, उसका बेटा अनुराग, उसका दामाद भुता के गांव सिंघाई निवासी भगवत पटेल, रतनलाल, उसका बेटा राहुल एवं एक अज्ञात ने उन लोगों पर हमला किया था। मगर इश्हाक की बहन शीवा रानी की ओर से दर्ज कराई रिपोर्ट में सिर्फ पांच लोगों को नामजद किया गया है। इनमें से पुलिस ने रतनलाल और उसके बेटे राहुल को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिशें दे रही है।
विकास कराने को बने थे प्रधान
मृतक प्रधान के चाचा ने बताया कि इश्हाक पिछले साल मथुरा से लौटे थे। वह वहां करीब पांच साल से एक मस्जिद इमाम थे। फिर उन्होंने शादी कर ली। यहां गांव का हाल देखकर उन्होंने प्रधानी का चुनाव लड़ने का मन भी बनाया था। पहली बार में ही 59 वोटों से जीत भी गए थे। वह चार भाई और चार बहनों में सबसे बड़े थे। उनके दो बच्चे हस्सान (5) और माहिरा (3) हैं। चुनाव जीतने के बाद ही उन्होंने गांव में विकास कराने का ऐलान कर दिया था।
मृतक की बहन की तरफ से पांच लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। मृतक की पत्नी का इलाज चल रहा है। गांव में पुलिस फोर्स भी अभी तैनात है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।
रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी