गैराज पर वर्चस्व और तेल के काले खेल में दबंगों की घुसपैठ हावी

डीजल घोटाले में नहीं आई रिपोर्ट, गड़बडि़यों पर किसी पर कार्रवाई नहीं

BAREILLY:

नगर निगम में लंबे समय से दबाए जा रहे बड़े घोटाले की आंच ने आखिरकार खूनी अदावत का रूप ले ही लिया। फ्राइडे रात शहर के एक बरातघर में नगर निगम कर्मी राजीव की हत्या इसी घोटाले की ही एक स्याह हकीकत बनी। नगर निगम में लंबे समय से चल रहे डीजल के काला कारोबार के चलते ही किला गैराज समेत अन्य गैराज में वर्चस्व को लेकर दबंगों के बीच अदावत चल रही है। कार्यवाहक सफाईनायक राजीव और आरोपी संजीव सिंह के बीच भी गैराज में डीजल सप्लाई के खेल में वर्चस्व को लेकर पुरानी रंजिश थी। डीजल सप्लाई इस पूरे फर्जीवाड़े की खबर होने के बावजूद नगर निगम प्रशासन इस घोटाले को लेकर चुप्पी बनाए हुए है।

काला कारोबार पर पर्दा

नगर निगम में तेल के काला खेल का पर्दाफाश जनवरी 2015 में हुआ था। जब पहली बार पूर्व नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। एसपीएस सिंधु ने डीजल घोटाले का खुलासा किया था। निगम के गैराजों में कूड़ा उठाने वाले वाहनों में डीजल की ज्यादा खपत दिखाकर बड़ा बजट हड़पा जा रहा था। शुरुआती जांच में ही एक महीने में 50 लाख रुपए के घोटाले की असलियत निकलकर आई। इस पर मेयर डॉ। आईएस तोमर ने मामले की जांच तत्कालीन अपर नगर आयुक्त सच्चिदानंद सिंह को सौंपी। लेकिन न तो अपर नगर आयुक्त के रहते जांच में कोई दोषी सामने आया। न ही उनके तबादले के बाद जांच की कार्यवाही अागे बढ़ी

नगर आयुक्त का किया था घेराव

निगम में डीजल के काला कारोबार पर जब नकेल कसने की कोशिशें हुई तो इसक भी जबरदस्त विरोध हुआ। करीब तीन हफ्ते पहले किला गैराज में कूड़ा वाहनों की तेल पर्ची काटने को लेकर विवाद हुआ था। इस पर राजीव ने कर्मचारियों संग नगर आयुक्त शीलधर सिंह यादव का घेराव कर विरोध जताया था और दबाव डालने की कोशिश की थी। वहीं हत्या के आरोपी सफाईनायक संजीव सिंह का रिकार्ड भी पाक साफ नहीं था। साल 2014 में आरोपी संजीव सिंह ने साथियों संग नगर निगम परिसर में ही कर्मचारी नेता हरिओम को पीटा था और तमंचे के बल पर किडनैप करने की कोशिश की थी।

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