(बरेली ब्यूरो)। जिस बच्ची को उसके पैरेंट्स ने बीच राह में फेंक दिया था। अब उसी बच्ची के जीवन की राह में उसका हाथ थामने के लिए लोग आगे आ रहे हैं। फ्राइडे को शहर में
झाडिय़ों में नवजात बच्ची पड़ी मिली थी। जिसे ई रिक्शा चालक की सूचना पर पीआरवी में तैनात पुलिस कर्मियों ने चाइल्ड हेल्पलाइन की सहायता सेे जिला महिला अस्पताल में भर्ती करा दिया था। उसके बाद से बच्ची की सेहत में सुधार हो रहा है। वहीं डॉक्टर्स का कहना है कि जल्द ही उसे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। अब उस बच्चे को गोद लेने के लिए भी तमाम लोग आने लगे हैं।
गोद लेने के लिए करना होगा इंतजार
न्यायापीठ बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष दिनेश चंद्रा के मुताबिक अभी बच्चे को गोद नहीं लिया जा सकता। अस्पताल से जब उनकी सुपुर्दगी में बच्ची आएगी तब उसे बॉर्न बेबी फोल्ड में रखा जाएगा। जहां बच्चे की देखभाल होगी उसके बाद न्यूजपेपर में इसका एडवरटाइजमेंट देकर प्रयास किया जएगा कि इसके मां बाप ही आएं और अपने बच्चे को ले जाएं, चार माह इंतजार करने के बाद ही बच्चे को गोद देने की प्रक्रिया शुरू होगी।
गोद लेने की ये है प्रक्रिया
सेंट्रल अडाप्शन रिसोर्स अथॉरिटी यानी कारा की वेवसाइट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा, उसके बाद आवश्यक कागज अपलोड होंगे। जिसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा दत्तक माता पिता के गृह का अध्ययन करेेंगें, संस्था द्वारा केयरिंग्स में रिपोर्ट अपलोड की जाएगी। कारा ऑनलाइन रेफरल करेगा। उसके बाद माता पिता द्वारा रेफरल को सुरक्षित करना, कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल करना। फिर कोर्ट द्वारा पारित अंतिम दत्तक आदेश, जन्म प्रमाण पत्र जारी होते ही दत्तक ग्र्रहण की प्रक्रिया पूर्ण हो जाती है।
दूध पी रही बच्ची
जिला महिला अस्पताल के डॉक्टर्स के मुताबिक बच्ची स्वस्थ हैं, वह अब दूध पी रही है। जल्द ही वह पूरी तरह से स्वस्थ हो जाएगी। जब उसे एडमिट कराया गया था। तब उसका वजन काफी कम था, पहले वह सुस्त भी थी
वर्जन
बच्ची अब पहले सेे स्वस्थ है। जल्द ही उसे डिस्चार्ज किया जाएगा। स्टाफ के द्वारा बच्ची की देखभाल अच्छे से की जा रही है।
-डॉ। अल्का शर्मा, सीएमएस, जिला महिला अस्पताल