सुभाषनगर में बुजुर्ग की जलने व दम घुटने से गई जान

कमरे में क्वॉयल जलने से लगी आग

BAREILLY: अगर आप रूम में मॉसक्विटो क्वॉइल जलाकर निश्चिंत होकर सोते हैं तो अलर्ट हो जाएक्योंकि एक क्वॉइल आपकी जान भी ले सकती है। छोटी सी लापरवाही बड़ी दुर्घटना में बदल सकती है। सिटी में संडे ऐसा ही मामला सामने आया। सुभाषनगर में क्वॉयल जलाकर सो रहे बुजुर्ग की आग लगने व दम घुटने से मौत हो गई। बुजुर्ग घर में अकेले ही सो रहा था।

दमे की थी बीमारी

65 वर्षीय किशोरी लाल वीरभट्टी सुभाषनगर में रहते थे। उन्हें दमे की बीमारी के साथ चलने-फिरने में भी प्रॉब्लम थी। उनके परिवार में पत्‍‌नी श्यामवती व चार बेटे हैं। सैटरडे किशोरी लाल रूम में क्वॉयल जलाकर सो रहे थे। सुबह उनकी बहन विद्या देवी पहुंची तो देखा कि कमरे की कुंडी खुली है और कमरे में चारपाई व रजाई जली हुई है। थोड़ी ही दूर पर किशोरी की डेडबॉडी भी पड़ी हुई थी। सूचना पर परिजन व पुलिस पहुंची। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज ि1दया है।

अकेले थ्ो घर में

किशोरी की पत्‍‌नी श्यामवती ने बताया कि उनकी बहू पूनम ने उनके फैमिली परदहेज की रिपोर्ट कर दी है इसलिए पुलिस के डर से वह लोग घर से बाहर रह रहे थे। किशोरी लाल अकेले घर में थे। उनकी देखरेख करने विद्या देवी आ जाया करती थीं। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

Bareillians ! be alert

इस घटना को देखकर बरेलियंस को अलर्ट होने की जरूरत है। कई रिसर्च में भी सामने आया है कि एक मॉसक्विटो क्वॉयल क्00 सिगरेट से होने वाले नुकसान के बराबर है। वहीं दमा के मरीज के लिए यह ज्यादा घातक है क्योंकि इसके जलने से कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस बनती है। इससे सफोकेशन की वजह से दम घुट जाता है और लोगों की जान भी जा सकती है।

न बातों का रखें ध्यान

डॉ। जे के भाटिया ने बताया कि लोगों को क्वॉइल जलाने से पहले कई तरह की सावधानी बरतनी चाहिए।

-पहले तो क्वॉयल जलाना अवॉइड ही करना चाहिए।

-अगर जलाते भी हैं तो ध्यान रखें कि आसपास में कोई कपड़ा या ज्वलनशील वस्तु ना रखी हो।

-कमरे में वैंटीलेशन की व्यवस्था होनी चाहिए।

-दमे के मरीज को इसे बिल्कुल नहीं जलाना चाहिए।