BAREILLY: आम बजट इकोनॉमिक प्लेटफॉर्म पर देश को न केवल मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइड करता है बल्कि देश का हर वर्ग चाहे वह नौकरीपेशा हो, बिजनेसमैन हो, यूथ या फिर मजदूर वर्ग, की दिशा और दशा भी तय करता है। सभी आम व खास की नजरें इसी पर टिकी होती हैं, आखिरकार उनकी फ्यूचर प्लानिंग की दिशा काफी हद तक आम बजट पर निर्भर होती है। बजट के बाद बरेली के सभी वर्गो में इसको लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। इस बात से हर किसी ने इत्तेफाक रखा कि बजट में मोदी इंफ्लुएंस की झलक साफ थी। सर्विस टैक्स तो अभी हर वर्ग को चोट पहुंचाएगी लेकिन लॉन्ग टर्म में यही चोट मरहम का काम करेगी।

फाइनेंस मिनिस्टर वर्सेज होम मिनिस्टर

INext ने सैटरडे को यूनियन बजट पर एक डिस्कशन सेशन ऑर्गनाइज किया। जिसमें कोशिश की गई कि हर वर्ग को शामिल किया जाए। बजट को लेकर फाइनेंस मिनिस्टर वर्सेज होम मिनिस्टर्स के बीच लंबी चर्चाओं का दौर चला। फाइनेंस मिनिस्टर जहां एक तरफ बजट की बारीकियों को सबके समक्ष रख रहीं थी तो दूसरी तरफ हर वर्ग के होम मिनिस्टर्स उसके पॉजिटिव व निगेटिव इफेक्ट पर अपना पक्ष साझा कर रहे थे। फाइनेंस मिनिस्टर की भूमिका में जहां लाल बहादुर शास्त्री की असिस्टेंट प्रोफेसर स्वाति गुप्ता थीं तो होम मिनिस्टर्स पैनल में डॉक्टर, गवर्नमेंट सर्विसपर्सन, हाउस वाइफ, प्राइवेट सर्विसपर्सन, सीनियर सिटीजन और स्टूडेंट रहे।

सर्विस टैक्स की मार ने कम कर दी खुशी

बजट में इनकम टैक्स का स्लैब न बढ़ाए जाने को लेकर जहां एक तरफ सभी के चेहरे पर खुशी झलक रही थी तो दूसरी तरफ सर्विस टैक्स की मार ने इस खुशी पर थोड़ा पर्दा डालने का काम किया। होम मिनिस्टर्स ने तो इसे आम आदमी के जेब पर डाका डालने वाला कदम बताया। एजुकेशन, हेल्थ सर्विस, इंश्योरेंस, होम लोन, बैंकिंग, ऑनलाइन टिकट, आउंटिंग, होटल्स व रेस्टोरेंट में खाना समेत सभी सर्विसेज महंगी हो जाएंगी। जो सीधे तौर पर आम आदमी की जेब को हल्की करेगी। हालांकि, फाइनेंस मिनिस्टर ने इसके लॉन्ग टर्म फायदे को गिनाए।

म नहीं मोदी बजट बताया

भले ही यह आम बजट था लेकिन सभी ने एक सुर में इसे मोदी इंफ्लुएंस वाला बजट बताया। फाइनेंस मिनिस्टर और होम मिनिस्टर्स, हर किसी ने यही कहा कि इसमें मोदी का विजन साफ झलक रहा है। फाइनेंस मिनिस्टर ने साफ कहा कि भले ही सर्विस टैक्स की मार का शोर ज्यादा है लेकिन यही चोट लॉन्ग टर्म में उपचार का काम करेगा। इसके दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे। देश का इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद होगा, राजस्व बढ़ेगा, भावी योजनाओं के लिए कैपिटल आएगा, फिजिकल डेफिसिट कम होगा, नए रोजगार सृजित होंगे, कॉरपोरेट सेक्टर को इनवेस्टमेंट के लिए मोटिवेशन मिलेगा। दूसरी तरफ होम मिनिस्टर्स ने भी इस बात से इंकार नहीं किया कि इसके लॉन्ग टर्म फायदे हो सकते हैं लेकिन यह इंप्लिमेंटेशन पर डिपेंड करता है, क्योंकि फ्यूचर इज ऑलवेज ब्लैक।

वूमेन सिक्योरिटी की भी रही चिंता

होम मिनिस्टर्स ने वूमेन सिक्योरिटी का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया। उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई कि बजट में वूमेन सिक्योरिटी को तरजीह नहीं दी गई। न कोई नई योजना लागू की गई और ना ही इसको लेकर अलग से फंड जारी किया गया। वहीं फाइनेंस मिनिस्टर ने इस बजट को समग्र बताया। उनके अनुसार इसमें कृषि क्षेत्र पर भी खास तवज्जो दी गई है। उन्हें बीज पर सब्सिडी दी जाएगी। जिससे अनाज की पैदावार ज्यादा हो सके।