बरेली में गरजे मोदी, कहा-गुजरात के शेर को रोकने का दम यूपी सरकार में नहीं

BAREILLY: मीडिया के बीच अपनी ब्रांडिंग हो या फिर रैलियों में क्षेत्रीय लोगों को अपने मोहपाश में बांधना। भाजपा के पीएम कैंडीडेट नरेंद्र मोदी इस कला में बखूबी माहिर हैं। ट्यूजडे को बरेली में महानगर कॉलोनी के ग्रांउड में भारत विजय रैली में भारी भीड़ के समक्ष उन्होंने अपने सेंटरीमेंट्स और इमोशंस का कुछ इस अंदाज में मुजाहिरा किया कि सभी कायल हो गए। अपने आधे घंटे के भाषण में जहां एक तरफ मोदी ने जिन खासियतों से बरेली सुर्खियां बटोर चुकी है उन्हीं सुर्खियों को अपनी प्रेजेंटेशन और कम्यूनिकेशन स्किल्स की चाशनी से विरोधियों को कटघरे में खड़ा किया। दूसरी तरफ प्रदेश सरकार को भी ललकारा। बस फर्क इतना था कि इस बार उन्होंने भ्म् इंच के सीने की बजाय गुजरात के शेर का सहारा लिया। बोले, मैंने यूपी सरकार गुजरात शेर दिए, सोचा थ दम आ जाएगा, लेकिन शेर को रोकना इनके बस में नहीं।

रायबरेली से बेहतर है बरेली

रायबरेली की तुलना में बरेली को बेहतर बताते हुए उन्होंने कांग्रेस खासकर सोनिया गांधी पर धावा बोला। उन्होंने कहा कि दिल्ली में बैठे दिग्गज नेताओं को रायबरेली तो नजर आता है लेकिन बरेली को भुला दिया जाता है। बरेली लोकसभा कैंडीडेट के समर्थन में बोलते हुए कहा कि एक तरफ रायबरेली का हाल देखो और दूसरी तरफ संतोष गंगवार का किया हुआ काम । मशहूर गाना झुमका गिरा रे बरेली में पर चुटकी लेने के साथ सभी प्रमुख पार्टियों को ललकारते हुए कहा कि अब बरेली में झुमका नहीं 'सबका' गिरेगा। यहां सबका से आशय सपा, बसपा और कांग्रेस से था। उन्होंने कहा कि गुजरात में इंटरनेशनल लेवल पर पतंग महोत्सव मनाया जाता है। लेकिन इसका श्रेय बरेली को देते हुए कहा कि 90 परसेंट मांझा तो बरेली का ही यूज होता है। गुजरात में पतंगबाजी फेमस होने के बाद विदेशी पतंगे बाजार में आने लगीं। लेकिन रिसर्च के बाद योजना की बदौलत पतंग के उद्योग को फ्0 करोड़ से भ्00 करोड़ रुपए के कारोबार तक पहुंचाया। लेकिन चीन के मांझा बाजार में आने के बाद बरेली का यह लघु उद्योग दम तोड़ रहा है। लोग बेरोजगार हुए हैं लेकिन लखनऊ में बैठे नेताओं ने इसके बारे में नहीं सोचा।

गुजराती शेर से बच के रहना

भ्म् इंच के सीने की बात पर सुर्खियां बटौर चुके मोदी ने इस बार एक और शिगुफा छोड़ते हुए प्रदेश सरकार को खुलेआम ललकारा। उन्होंने कहा कि अखिलेश सरकार के मांगने पर हमने उन्हें शेर दिए। सोचा कुछ दम इनमें भी आ जाएगा। लेकिन गुजराती शेर को संभालना उनके बस का रोग नहीं है। डर लगा तो तय किया कि शेर को पिंजड़े में ही रखा जाए। उन्होंने अपने चुटीले अंदाज में कहा, नेताजी अपने पूरे परिवार के साथ गुजरात आईए और देखिए हमारे यहां शेर बेखौफ जीता है पिंजरे में बंद नहीं।

मांफी मांगी तो प्रॉमिस भी लिया

रैली में करीब सवा दो घंटे लेट पहुंचने पर उन्होंने विनम्रता का परिचय देते हुए बरेली वासियों से मांफी मांगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली एयरपोर्ट पर मैं मैं बैठा रहा। लेकिन हेलीकॉप्टर को उड़ने की परमीशन नहीं दी। मेरी देरी से कड़ी धूप में जो आपको पीड़ा हुई है उससे मुझे भी पीड़ा होती है। मैं माफी चाहता हूं। मैं वादा करता हूं कि आप के ताप की तपस्या को बेकार नहीं जाने दूंगा, बस आप यूपी की सभी सीटें एनडीए की झोली में डालने का वादा करें।

घोषणा पत्र को बताया 'धोखा पत्र'

कांग्रेस के घोषणा पत्र को उन्होंने धोखा पत्र करार दिया। कांग्रेस ने ख्00ब् में हर परिवार के नौजवान को रोजगार देने की बात कही। इस बार क्0 करोड़ यूथ्स को इंप्लॉयमेंट देने का वादा किया है। उन्होंने सभी से पूछा क्या आपको दिल्ली सरकार ने रोजगार दिया। उन्होंने कहा कि मर जवान मर किसान अब कांग्रेस का नारा बन गया है। आतंकवादी जवानों का सिर काटकर ले जाते हैं, दिल्ली सरकार चुप रहती है। युद्ध में जितने जवान नहीं मरते उससे ज्यादा तो किसान आत्महत्या कर रहे हैं। उन्होंने पब्लिक का आह्वान करते हुए कि आपने कांग्रेस को म्0 वर्ष तक मौका दिया मुझे म्0 महीने दीजिए। शासक को मौका दिया अब सेवक को दीजिए। नामदारों को अवसर दिया अब कामदारों को दीजिए।