- मर्चेट नेवी कर्मी का बेटा दो दिन से गायब, अपहरण की रिपोर्ट

-दो बार मोबाइल ऑन हुआ, लखीमपुर खीरी मिली लोकेशन

बरेली : यदि आपके बच्चे के मोबाइल में ऑनलाइन गेम फ्री फायर है, तो डिलीट करा दें। यहां सातवीं कक्षा का छात्र इसके चक्कर में गलत हाथों में फंस गया। गेम के दौरान छात्र पहले कुछ रुपये खो बैठा। इस बीच संपर्क में आए युवकों ने अपहरण कर लिया। पुलिस जांच में जुटी तो कई सुराग हाथ लगे हैं। छात्र की अंतिम लोकेशन लखीमपुर खीरी मिली है, जिसके बाद एक टीम वहां भेजी गई है। लेकिन उसका पता नहीं लगा। जांच के दौरान पता लगा कि छात्र श्रावस्ती में रहने वाले जिस दोस्त के साथ ऑनलाइन गेम खेलता था उसी के साथ उसके घर चला गया था। मंडे रात पुलिस उसे लेकर श्रावस्ती से बरेली के लिए रवाना हो गई।

कोचिंग के लिए गया था

मर्चेट नेवी में मोटरमैन अंचल प्रकाश की तैनाती मुंबई में हैं। यहां आरसी एंक्लेव में परिवार के साथ रहते हैं। अवकाश में आए तो पता चला कि 13 साल का बेटा वरदान उर्फ वंश मोबाइल पर फ्री फायर गेम खेलता है। उन्होंने कई बार डांट लगाई तो चोरी-छिपे खेलने लगा। रविवार शाम साढ़े छह बजे वह बैग लेकर कोचिंग को निकला मगर, लौटा नहीं। देर रात को ही स्वजन ने बारादरी थाने में अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया।

घर के आसपास घूमते युवक का बाइक नंबर नहीं मिला

स्वजन ने पड़ोसियों के सीसीटीवी कैमरे देखे तो पता चला कि वरदान के निकलने से पहले एक अनजान युवक कई बार घर के पास आया था। उसकी बाइक का नंबर कैमरे में नहीं दिख रहा। माना जा रहा है कि इसी युवक ने उसका अपहरण कर लिया।

दो बार ऑन हुआ मोबाइल फोन

रविवार रात 9.51 बजे वरदान का मोबाइल फोन कुछ देर के लिए ऑन हुआ, उस समय लोकेशन फतेहगंज पूर्वी थी। सोमवार सुबह लखीमपुर खीरी की मिली। बारादरी थाने से टीम वहां पहुंची मगर मोबाइल इस बीच बंद होने से ट्रेस नहीं हो सका।

ऑनलाइन पढ़ाई के लिए दिया फोन

वरदान राधा माधव पब्लिक स्कूल में पढ़ता है। पिछले साल कोरोना संक्रमण के बाद से स्कूल बंद हुए तो ऑनलाइन कक्षाएं शुरू हो गई। इसी के लिए स्वजन ने वरदान को स्मार्ट फोन खरीदकर दिया था। फोन हाथ में आया तो वह ऑनलाइन गेम का लती हो गया।

ऑनलाइन गेम में फंसाने वाला गिरोह

स्वजन का कहना है कि उसे बहकावे में लेकर कोई अपने साथ ले गया है। हालांकि अभी रुपये की मांग नहीं की गई है। पुलिस का कहना है कि ऑनलाइन गेम के जरिये पूरा गिरोह है, जोकि बच्चों को गुमराह कर वसूली करता है। इसकी तह तक जाने का प्रयास हो रहा है।

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गेम से गलत हाथों तक कैसे पहुंचा

फ्री फायर गेम में 50 लोग एक साथ ऑनलाइन खेल सकते हैं। एक-दूसरे से परिचय व चैटिंग भी हो जाती है। पुलिस के अनुसार गेम खेलने वाले कुछ युवकों ने उससे हारने पर रुपये की वसूली शुरू कर दी थी। छात्र ने मां से दो-तीन बार में तीन-तीन हजार रुपये लिए थे।

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बच्चे की तलाश में टीम लगी हुई है। प्रकरण के पीछे किसी गिरोह का हाथ लग रहा है।

-रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी