करेली कागायब दूल्हा मिलने के बाद सुभाषनगर थाना में दूल्हा व दुल्हन पक्ष की हुई पंचायत
दोनों ने अलग-अलग सौंपी थी खर्च की लिस्ट
BAREILLY: अब तक तो इंडिया में दूल्हे के ही रेट लगते थे कि आईएएस है तो भ्0 लाख कैश, इंजीनियर है तो ख्0 लाख दहेज देना होगा। लेकिन सिटी में मंडे को दूल्हा ढूंढने के दाम तय किए जा रहे थे। कोई क्भ्000 रुपये का खर्च होने की बात कर रहा था तो किसी के मुताबिक 8 हजार में ही दूल्हा मिल गया था। फिर एक आवाज आई कि अच्छा चलोआठ हजार ही लगा लेते हैं। कुछ ऐसा ही मोलभाव हुआ सुभाषनगर थाना में, जहां लड़का और लड़की पक्ष के बीच शादी के खर्च का विवाद चल रहा था। मामला करेली में शादी के दिन दूल्हा गायब होने के बाद टूटे रिश्ते का है। दूल्हा मिलने के बाद मंडे को थाना में चौकी इंचार्ज की मौजूदगी में पंचायत लगाई गई थी। करीब दो घंटे की जद्दोजहद के बाद क् लाख म्0 हजार रुपये में समझौता हो गया। अब लड़के वाले को लड़की पक्ष को ब् जुलाई को रुपए देने होंगे। साथ ही लेन-देन का सारा सामान दोनों पक्षों को एक-दूसरे को वापस करना होगा।
शादी से गायब हुआ था दूल्हा
करेली सुभाषनगर में ख्ब् जून को तीन बारातें निकल रही थीं। इसी दौरान दो बारातों में आगे निकलने को लेकर विवाद हो गया था। विवाद इतना बढ़ा की महिलाओं के जेवर लूट लिए गए और धार्मिक स्थल पर पथराव भी कर दिया गया, जिससे पूरे मामले ने धार्मिक विवाद का रूप ले लिया। अधिकारियों व भारी संख्या में फोर्स पहुंचने के बाद मामला शांत हुआ, लेकिन दूसरे दिन इस मामले में एक नया मोड़ सामने आया कि तीसरी बारात का दूल्हा राजकुमार अचानक कहीं गायब हो गया। जब दूल्हा नहीं मिला था तो लड़की पक्ष ने थाना में दहेज के लिए शादी से भागने का आरोप लगाया। थाना पुलिस के द्वारा उचित कार्रवाई ना करने पर परिजनों ने एसएसपी ऑफिस में शिकायत की थी।
इटावा में िमला दूल्हा
सैटरडे को पुलिस को सूचना मिली कि दूल्हा इटावा में एक आश्रम में है। उसके बाद पुलिस परिजनों के साथ इटावा गई और मंडे को लड़के को थाना लेकर पहुंची और फिर दोनों पक्षों को मामले के समझौते के लिए थाना में बुलाया गया। थाना में दोनों और से कुछ नेता लोग भी आए। थाना में ही बनी चौकी में पंचायत लगायी गई। करगैना चौकी इंचार्ज जितेंद्र कुमार बैठे और फिर शुरू हुआ मोलभाव।
कई बार हुई नोक-झोंक
लड़की वालों की तरफ से दी गई लिस्ट में शादी पर फ्,0ख्,ब्भ्7 रुपये खर्च होने के बारे में बताया गया। वहीं लड़के वालों की ओर से डेढ़ लाख रुपये खर्च व ज्वेलरी की लिस्ट दी गई। लड़की वालों ने खर्च में रिश्ता पक्का होने में क्000, रोके में क्क्00, लगन खर्च 7भ्000, बारात-तिलक क्0000, खाना का खर्च एक लाख, टैंट लाइट भ्0000, दूल्हा ढूंढने में खर्च क्भ् हजार रुपये व अन्य लिखे हुए थे। जब दोनों की लिस्ट का मिलान शुरू हुआ तो जमकर बहस हुई। कोई कह रहा था इतना कैसे खर्च हो सकता तो कहीं से आवाज आती कि अरे इसका इतना लगा लो फिर बीच में कोई दरोगा जी को घसीट लाटा कि अरे दरोगा जी आप ही देख लो। साथ आए नेताजी से भी मामले को निपटाने की गुहार लगाई गई। इस दौरान कई बार नोक-झोंक भी हुई। अंत में सभी के द्वारा रुपयों के अलावा दिया गया सारा सामान वापस करने पर सहमति बन गई।