- वेदर एक्सपर्ट इस वर्ष मिनिमम टेंप्रेचर करीब जीरो डिग्री तक लुढ़कने की जता रहे संभावना
- हाल ही में आए चक्रवाती तूफान और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से लुढ़केगा पारा
BAREILLY इस साल बरसात कम होने के बाद ठंड कम पड़ने के बारे में सोच रहे बरेलियंस को झटका लग सकता है, क्योंकि वेदर एक्सपर्ट के मुताबिक इस साल वेस्टर्न डिस्टर्बेस और चक्रवाती तूफानों की वजह से मिनिमम टेंप्रेचर इस साल मैक्सिमम टॉर्चर देने के मूड बनाए हुए है, जिससे बरेलियंस को रात की ठंड कंपकपाएगी। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि विगत कुछ दिनों पहले अरब की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान के शहर में दस्तक देने के साथ ही मिनिमम टेंप्रेचर करीब तीन डिग्री तक लुढ़क गया। जिसके असर से बरेलियंस को हल्की राहत नसीब हुई। लेकिन एक्सपर्ट की मानें तो पारा लुढ़कने के बाद फिर से नॉर्मल नहीं हुआ, जिससे इस वर्ष मैदानी क्षेत्रों के निवासियों को मिनिमम टेंप्रेचर को सहन करना पड़ सकता है।
जीरो डिग्री तक गिर सकता है पारा
आंचलिक मौसम विभाग के डायरेक्टर डीके गुप्ता के मुताबिक आमतौर बारिश अधिक होने की वजह से हवाओं में नमी अधिक घुलने से पारे में गिरावट दर्ज की जाती है। इस वर्ष बारिश कम होने के बाद भी चक्रवाती तूफानों ने आसमान को साफ कर दिया है, जिससे जमीन की ऊष्मा आसानी से हवाओं के साथ ऊपर उठ जा रही है। ऐसे में आसमान साफ होने से ओस गिरने से हवा नम हो जाएगी। जिससे मिनिमम टेंप्रेचर के ज्यादा लुढ़कने के चांसेज बनेंगे। ऐसे में आमतौर पर ख् से फ् डिग्री तक रहने वाला पारा इस साल जीरो डिग्री के करीब पहुंच सकता है।
किसानों के लिए फायदेमंद
एक ओर बरेलियंस को हांड़ कंपा देने वाली ठंड, रात को कंपकपाएगी। वहीं किसानों के चेहरे पर मुस्कान बिखरने की संभावना है। वेदर एक्सपर्ट डॉ। एचएस कुशवाहा के मुताबिक लुढ़क रहा मिनिमम टेंप्रेचर फसलों की उत्पादकता को बढ़ाएगा। ऐसे में किसानों की ओर से चना, मटर, मसूर और गेहूं की फसलों की बुआई शुरू कर देनी चाहिए, ताकि पड़ने वाली ठंड से फसलों की ग्रोथ और उत्पादकता बढ़ सके। वहीं, नवंबर मंथ में वेस्टर्न डिस्टर्बेस की वजह से बारिश होने की भी संभावना है। जिससे फसलों को पानी की कमी से जूुझना नहीं पड़ेगा।
निकलने लगे वूलेन वीयर्स
हुदहुद के साथ ही पारे के लुढ़कने का सिलसिला शुरू हो चुका है। ऐसे में बरेलियंस ने भी ठंड से लड़ने की पूरी तैयारी कर रखी है। लोगों ने रात में पड़ रही ठंड की वजह से हल्के वूलेन वीयर्स को निकालने शुरू कर दिए हैं। वहीं रात में एसी और पंखों की स्पीड भी कम कर दिए हैं। गौरतलब है कि सुबह मॉर्निग वॉक पर जाने वाले लोगों ने भी मिनिमम टेंप्रेचर के लुढ़कने से वूलेन वियर्स ही पहनकर वॉकिंग पर जाने लगे हैं।