- मार्केट में दूध और मावा की भारी डिमांड से मिलावट खोरी का सज गया बाजार
- होली सेलीब्रेशन में 45 हजार किलो मावा और करीब डेढ़ लाख लीटर दूध के खपत की संभावना
BAREILLY: होली का नाम आते ही जुबान पर लजीज पकवानों का स्वाद आना लाजमी है। घरों में बनाए जा रहे स्वादिष्ट पकवानों की खुशबू से पूरा घर भर जाता है, लेकिन पकवानों संग खुशियों के रंग में मिलावट का तड़का भंग डालने का काम भी कर सकता है। दरअसल घरों में पकवानों की तैयारियां शवाब पर होने के साथ ही मिलावटखोरों की तैयारियां भी पीक पर हैं। मुनाफे को और ज्यादा रंगीन बनाने के लिए कारोबारियों की ओर से सिंथेटिक मावा और दूध की सप्लाई शुरू होने लगी है। सोर्सेज की मानें तो इस बार होली सेलीब्रेशन में ब्भ् हजार किलो मावा और करीब क् लाख ब्0 हजार लीटर दूध के खपत होने की संभावना है।
खपत को मिलावटखोरी करेगी पूरी
त्योहारी सीजन में लोगों की सेहत भगवान भरोसे है। वहीं, फूड सेफ्टी एंड ड्रग अथॉरिटी मिलावटी सामान पर नकेल कसने के लिए रेडी है। इस बाबत करीब पिछले हफ्ते भर से डिपार्टमेंट की ओर से मिलावट खोरी पर लगाम लगाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। अभियान में मावा मार्केट और दूध की डेयरियों से करीब ख्0 सैंपल भर कर चेक करने के लिए लखनऊ भिजवा दिया गया है।
यूं बनाता है मिलावटी मावा
मिलावटी मावा तैयार करने के लिए पिसे हुए आलू, शकरकंद, आरारोट, बेकिंग पाउडर, रिफाइंड ऑयल मिलाया जाता है। मिलावटी मावे को असली मावे के साथ मिक्स किया जाता है। उसके बाद इसपर देशी घी के फ्रैग्नेंस डालकर पिंडी बन दी जाती है। इन्हें चिकना दिखाने के लिए रिफाइंड ऑयल लगाया जाता है। सफेदी के लिए आरारोट प्रयोग किया जाता है।
अंधेरे में होता है खेल
सूत्रों के मुताबिक सिटी के बाहरी इलाकों में यह धंधा धड़ल्ले से चल रहा है। शहर में मिलावटी मावे की दुकान सांझ ढलने के बाद खुलने लगती है। सुबह बाजार खुलने से पहले ही बंद हो जाती है। आंवला, भमौरा, देवचरा जैसे इलाकों से इस तरह के मावे की खेप उतारकर मार्केट में सप्लाई की जाती है। एफएसडीए ऑफिसर्स के मुताबिक होली के मौके पर अडल्ट्रेशन की गिरफ्त में मावा ही नहीं, बल्कि नमकीन, एडिबिल ऑयल्स, बेसन आदि भी आते हैं। पैकिंग में होने पर इनकी पहचान होना मुश्किल है।
अधिकारियों के मुताबिक पूर्व में जारी रिपोर्ट में पाया गया कि
- प्योर घी में डालडा
- रिफाइंड ऑयल में मोबिल ऑयल
- पनीर में ड्राई मिल्क और रिफाइंड ऑयल
- स्वीट्स में ड्राई मिल्क, रिफाइंड ऑयल
- गुलाब जामुन में अरारोट और ड्राई मिल्क
- सोनपापड़ी व लड्डू में मेटामिन येलो
- मावा में ड्राई मिल्क, रिफाइंड ऑयल, यूरिया, फार्मालाइन
पहचान करने के तरीके
मावा- दानेदार और चिकना होता है। जबकि सिंथेटिक मावा हाथ में लेने पर चूर-चूर हो जाता है। मावा में टिंचर आयोडीन मिलाने पर बैंगनी कलर देता है।
दूध - इसमें यूरिया और पानी की मिलावट हो सकती है। पानी की मिलावट होगा तो किसी सीधे सरफेस पर पानी बह जाएगा। दूध रुक-रुक कर बहेगा। वहीं यूरिया होने पर पांच एमएल दूध में दो बूंद ब्रोमोथाइमोल मिलाएं। क्0 मिनट में ब्लू कलर आ जाएगा।
चीनी - इसमें चॉक मिलाई जाती है। एक गिलास में चीनी घोल देने पर कुछ देर बाद चॉक तलहटी में चिपक जाएगी।
सिल्वर फ्वॉयल - इसमें एल्युमिनियम की मिलावट हो सकती है। एल्युमिनियम जलाने पर ब्लैक और ग्रे कलर देगा।
शहद - इसमें पानी और चीनी समेत गुड़ का घोल मिलाया जाता है। रूई में शहद डुबाने पर तारनुमा धार नहीं बहेगी।
घी - इसमें डालडा की मिलावट होती है। टेस्ट ट्यूब में हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिलाने के पांच मिनट बाद ऊपरी सतह पर वनस्पति घी दिखाई देगा।
होली के मौके पर मिलावटी खाद्य पदार्थो की बिक्री रोकने के लिए पूरी तैयारी है। शहर की खोया मार्केट से सैंपल भरे जा रहे हैं।
सुनील कुमार, चीफ फूड सेफ्टी ऑफिसर
त्योहारों के मौके पर मिठाइयों व अन्य पकवान बनाने के लिए भारी मात्रा में दूध की खपत होती है। कुछ मिलावटखोर इसका फायदा उठाकर व्यापार मंडल को बदनाम करते हैं। प्रशासन को मिलावट खोरी पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
लल्लू यादव, जिलाध्यक्ष दुग्ध संघ
हमें केवल बदनाम किया जाता है। मावा में फैट कम हो गया है। लेकिन किसी भी प्रकार की कोई मिलावट नहीं की जा रही है। मावा को साफ करने के लिए केवल हाइड्रो का यूज करना पड़ता है।
यूसुफ अली, अध्यक्ष, खोया मंडी कुतुबखाना