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- हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से शासन को भेजा गया था प्रस्ताव

- शहर के फाउंडेशन को दी गई जिम्मेदारी, जल्द शुरू होगी यूनिट

अंकित चौहान, बरेली : यह खबर बरेलियंस के लिए काफी खास है। बच्चों की सेहत सुधारने को अब हेल्थ डिपार्टमेंट नई कवायद करने जा रहा है। शहर में मेंटली चेलेंज्ड बच्चों को अब इलाज के लिए हायर सेंटर के लिए कूच नहीं करना पड़ेगा, जल्द शहर में ही ऐसे बच्चों के इलाज के लिए यूनिट लगाई जाएगी। जिसको लेकर सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।

कोरोना काल में ही भेजा था प्रस्ताव

हेल्थ अफसरों के अनुसार कोरोना काल में ही यूनिट बनाने को लेकर प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, जिसको मंजूरी दे दी गई है। बीते सप्ताह ही शासन की ओर से जल्द से जल्द शहर में यूनिट डेवलप करने का आदेश दिया है। हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से शहर में यूनिट ओपन करने को भूमि की तलाश भी शुरू कर दी गई है। भूमि की तलाश कर उच्चाधिकारियों के आदेश पर जल्द से जल्द यूनिट शुरु कर दी जाएगी।

इनको मिली जिम्मेदारी

शहर से कई डॉक्टर्स ने यूनिट में तैनाती के लिए शासन से गुहार लगाई थी, लेकिन शहर में ईएनटी स्पेशलिस्ट डा। एसएन मेहरोत्रा के साथ अन्य डॉक्टर्स का पैनल रेडी किया जा रहा है जो कि बच्चों को उचित परामर्श के साथ ही इलाज देंगे। जल्द से जल्द हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से ये पैनल रेडी कर लिया जाएगा।

आरबीएसके की टीमें लगाई जाएंगीं

जिले में बाल सुधार के लिए शासन का महत्वपूर्ण कार्यक्रम राष्ट्रीय बाल सुधार कार्यक्रम की टीम का भी इस यूनिट में अहम रोल रहेगा। टीमें डोर टू डोर सर्वे कर बच्चों की गाइड लाइन के अनुपालन में जांच कर चिहिंत करेंगी और परिजनों से बच्चों को यूनिट तक इलाज के लिए लाने के प्रति अवेयर करेंगी।

अभी ये है व्यवस्था

वर्तमान व्यवस्था की बात करें तो अभी लोअर क्लास फैमिली में गर्भावस्था के दौरान ही प्रसूता को उचित देखभाल और खानपान नहीं मिल पाता है, जिसका असर बच्चे के मानसिक विकास पर पड़ता है। समय पर इलाज न मिलने पर बच्चा मानसिक रूप से कमजोर हो जाता है। ऐसे में जब परिजन डॉक्टर के पास पहुंचते तो हालत क्रिटिकल होने उसे हायर सेंटर रेफर करना पड़ता है। डेली बच्चा वार्ड में भर्ती होने वाले बच्चों में कई केस मेंटली चेलेंज्ड के होते हैं।

मानसिक रुप से कमजोर बच्चों के इलाज के लिए शासन की ओर से पहल की जा रही है। शासन की ओर यूनिट बनाने को मंजूरी दे दी गई है। डॉक्टर्स का पैनल बनते ही यूनिट शुरू कर दी जाएगी।

डॉ। एसके गर्ग, सीएमओ।