पेशेंट को रात भर बाहर गेट पर ही रूकवा रहे जिम्मेदार
ट्रांजिट विभाग में ठहरने की व्यवस्था मगर पड़े रहे ताले
BAREILLY: शहर के मेंटल हॉस्पिटल में इलाज के लिए आ रहे पेशेंट्स की भले ही अच्छी होने की उम्मीेदें देर से पूरी हो हो रही हो, लेकिन यहां एडमिट होने के लिए कईयों की आस तोड़ी जा रही है। दूर दराज के एरिया से मेंटल हॉस्पिटल में शाम भ् बजे के बाद पहुंचना किसी लापरवाही से कम नहीं। वजह शाम भ् बजे के बाद पहुंच रहे पेशेंट्स व उसके साथ आए परिजनों को हॉस्पिटल के अंदर एंट्री ही नहीं दी जा रही। उनके सामने या तो वापस लौट जाने और शहर में कहीं ठौर तलाशने की चुनौती है। या फिर रात भर गेट पर ही समय काटने की मजबूरी। इंतजाम होने के बावजूद हॉस्पिटल के जिम्मेदार ऐसे लेट से आने वाले पेशेंट्स को बाहर से बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं।
देखने भी नहीं अाए जिम्मेदार
कानपुर के रहने वाले ख्0 साल का दुलारे मेंटली सिक है। कानपुर के ही एक प्राइवेट मेंटल हॉस्पिटल में उसका पिछले साल से इलाज चल रहा था। तबियत ज्यादा बिगड़ने के चलते थर्सडे को उसके परिजन लेकर मेंटल हॉस्पिटल पहुंचे। करीब रात 8 बजे पहुंचे परिजनों को हॉस्पिटल के गेट पर ही रोक दिया गया। परिजनों का कहना था कि सूचना दिए जाने के बावजूद उन्हें अंदर नहीं आने दिया गया। न ही किसी डॉक्टर ने आकर
पेशेंट की जांच की। इतना ही नहीं उन्हें वापस जाने और सुबह आने को कहा गया।
ट्रांजिट विभ्ाग पर ताले
हॉस्पिटल में कुछ साल पहले ट्रांजिट विभाग खोलने की मुहिम शुरू हुई थी। मंशा थी शाम भ् बजे के बाद हॉस्पिटल में दूर दराज के एरिया या फिर किसी और जिले से आने वाले पेशेंट्स को रात भर के लिए जगह मिल सकें। रात भर पेशेंट को रखकर अगले दिन सुबह ओपीडी में दिखाने और इलाज की प्रोसेस शुरू की जाती थी। लेकिन पिछले काफी समय से शाम या देर रात आने वाले पेश्ेांट्स को गेट में आने से ही रोक दिया जा रहा है। फ्राइडे शाम को भी शाम भ् बजे के बाद पहुंचे एक पेशेंट को घंटों तक गेट पर खड़ा रखा गया। जिम्मेदारों से इस बारे में सवाल करने के बाद देर रात पेश्ेांट को हॉस्पिटल में रखा गया।
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पेशेंट्स शाम भ् बजे के बाद या देर रात आए तो ट्रांजिट विभाग में रखने की व्यवस्था है। पेशेंट्स को गेट परसे ही वापिस लौटाने की कोई सूचना मेरे संज्ञान में नहीं आ पाई। ऐसे पेशेंट्स को रात भर ट्रांजिंट विभाग में रखकर सुबह उनके इलाज की प्रोसेस शुरू की जाती है।
- डॉ। विजय सिंह, डायरेक्टर
डेढ़ साल पहले ट्रांजिट विभाग शुरू किया गया था। तब ब्-भ् साइकियाट्रिस्ट हुआ करते थे। अब सिर्फ एक ही साइकियाट्रिस्ट है। ऐसे में बिना एक्सपर्ट के पेशेंट को नही ले पाते। लेकिन पेशेंट की मजबूरी देखते हुए बाद में उसे एडमिट कर लिया गया।
- डॉ। राजीव अग्रवाल, इंचार्ज
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सीजेएम ने किया दौरा
सिटी स्टेशन के सीजेएम रत्नेश कुमार श्रीवास्तव ने फ्राइडे को मेंटल हॉस्पिटल का दौरा किया। मेंटल हॉस्पिटल के प्रमुख होने के नाते उन्होंने यहां की व्यवस्था परखी। सीजेएम ने हॉस्पिटल में पेशेंट्स को दिए जाने वाले खाने की क्वालिटी को बारीकी से परखा। वहीं कई खाने के सैंपल लेकर जांच के लिए भिजवाए। उन्होंने पेशेंट्स को तौलकर दिए जाने वाले फूड आयटम्स के बाट की असलियत भी परखी। इसके बाद उन्होंने फूड स्टॉक का रजिस्टर जांच के लिए मंगवाया लेकिन हॉस्पिटल का स्टाफ यह अवेलेबल नहीं करा पाए। सीजेएम ने स्टाफ व जिम्मेदारों को कड़े निर्देश दिए।