-अलीगढ़ से आए एक मरीज को एडमिट करने से किया इंकार

-तीमारदार को मरीज के साथ हॉस्पिटल के बाहर बितानी पड़ी रात

BAREILLY: पांच नवंबर को एक महिला मरीज को पिछले तीन दिन से इलाज के लिए एडमिट न करने का आरोप झेल रहे मेंटल हॉस्पिटल के जिम्मेदार एक बार फिर विवादों में हैं। सीएमओ से लेकर डीएम तक से इस मामले में फटकार खाए जिम्मेदारों ने इलाज के लिए आए एक मरीज को फिर एडमिट करने से इंकार कर दिया। फ्राइडे को अलीगढ़ से आए इस मरीज को हॉस्पिटल के गेट से ही वापस कर दिया गया। गेट पर खड़े स्टाफ ने मरीज व संग आए तीमारदारों को अगले दिन आने की बात कर भगा दिया गया। मरीज व संग आए तीमारदार अगले दिन इलाज मिलने की आस में रात भर हॉस्पिटल के बाहर ही रहे।

ट्रांजिंट वार्ड में नहीं दी जगह

अलीगढ़ के गांव राजमऊ निवासी धमरपाल अपने ख्फ् साल के बीमार भाई उमेश को लेकर फ्राइडे दोपहर फ् बजे मेंटल हॉस्पिटल पहुंचे। ओपीडी खत्म होने के चलते स्टाफ ने उन्हें इलाज न मिलने की बात कही। धमरपाल ने जब बीमार भाई को एडमिट कराने की बात की तो स्टाफ ने उसे अगले दिन आने को कह टाल दिया। नियमानुसार ओपीडी खत्म होने के बाद शाम ब् बजे के बाद कोई भी पेंशेंट आए तो उस हॉस्पिटल कैंपस में बने ट्रांजिंट वार्ड में एडमिट करना होता है। रात भर एडमिट होने के बाद अगली सुबह ओपीडी में मरीज को दिखाकर डॉक्टर के निर्देश पर इलाज दिया जाता है।

लौटा दिए जाते हैं मरीज

मेंटल हॉस्पिटल में दूर दराज से आने वाले मरीजों को अक्सर लौटा देने के शिकायतें सुनने को मिली हैं। नए डायरेक्टर के आने के बाद हॉस्पिटल में एडमिट होने वाले मरीजों की तादाद में पहले से काफी कमी आई है। ट्रांजिंट वार्ड की सुविधा दिए जाने के बावजूद दूर दराज से आए बीमार मरीजों को यहां रात भर के लिए एडमिट नहीं किया जाता। फ्राइडे शाम हॉस्पिटल से लौटा दिए जाने पर धमरपाल बीमार भाई को लेकर बरेली की सड़कों पर रात गुजारी। सैटरडे सुबह वह बीमार भाई को लेकर हॉस्पिटल की ओपीडी लेकर पहुंचा। इस इस मामले में डायरेक्टर डॉ। एसके श्रीवास्तव से बात करने की कोशिश की गई तो उनसे संपर्क नहीं हुआ।