-रीजनल हायर एजूकेशन ऑफिसर ने बीसीबी में की मीटिंग
- एडमिशन के वक्त स्टूडेंट्स से जमा कराया जाएगा एफिडेविट
- एंटी रैगिंग के तर्ज पर कैंपस में लगाए जाएंगे साइन बोर्ड
BAREILLY: यूजीसी की तरफ से यूनिवर्सिटी और कॉलेजेज में स्टूडेंट्स की 75 परसेंट अटेंडेंस कंपलसरी है। हाईकोर्ट ने भी इस संबंध में सख्त निर्देश जारी किए हैं। बावजूद इसके कॉलेजेज स्टूडेंट्स की अटेंडेंस को लेकर गंभीर नहीं हैं। कागजों पर तो अटेंडेंस पूरी होती है, लेकिन हकीकत यह है कि एडमिशन होने के बाद मैक्सिमम क्लासेस में ताला लग जाता है। इस वजह से एकेडमिक लेवल काफी गिरता जा रहा है। शासन ने इस प्रॉब्लम को गंभीरता से लिया है और कॉलेजेज को 75 परसेंट अटेंडेंस सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके लिए संडे को रीजनल हायर एजूकेशन ऑफिसर की अध्यक्षता में बीसीबी में सभी गवर्नमेंट और एडेड डिग्री कॉलेजेज के प्रिंसिपल्स की मीटिंग बुलाई गई। मीटिंग में अटेंडेंस सुनिश्चित करने के तरीकों पर गौर किया गया, जिसको नए सेशन से फॉलो किया जाना है।
Only 35% students comes college
कॉलेजेज में स्टूडेंट्स की संख्या कम होने की वजह से शासन की खूब फजीहत हो रही है। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि गवर्नमेंट और एडेड कॉलेजेज में स्टूडेंट्स एक बार एडमिशन लेने के बाद सीधे एग्जाम फॉर्म भरने और एग्जाम देने ही आता है। यह बात खुद रीजनल हायर एजूकेशन ऑफिसर एके गोयल ने कही। उन्होंने बताया कि ऑन एन एवरेज कॉलेज में महज 35 परसेंट स्टूडेंट्स ही प्रजेंट होते हैं।
Ragging की तर्ज पर एफिडेविट
अब एडमिशन के समय स्टूडेंट से अटेंडेंस के लिए एफिडेविट लिया जाएगा। अब तक रैगिंग के संबंध में ही ऐसा एफिडेविट लिया जाता था। इसके तहत स्टूडेंट को यह स्वीकार करना होगा कि अगर उसकी अटेंडेंस शॉर्ट होगी तो कॉलेज की तरफ से की जाने वाली कार्रवाई उसे मंजूर होगी। यही नहीं एडमिशन के लिए दी जाने वाली प्रॉस्पेक्टस में अब सभी कॉलेजेज को बोल्ड लेटर्स में 75 परसेंट कंपलसरी अटेंडेंस को मेंशन करना होगा। कैंपस में रैगिंग के साइन बोर्ड की तरह अटेंडेंस कंपलसरी का भी साइन बोर्ड लगाया जाएगा, ताकि स्टूडेंट अवेयर हो सकें और रेगुलर क्लास अटेंड कर सकें।
Atendence short तो एग्जाम से बाहर
नए सेशन से अगर स्टूडेंट की अटेंडेंस शॉर्ट हुई तो उसे एग्जाम से बाहर कर दिया जाएगा। एडमिट कार्ड नहीं दिया जाएगा। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद शासन इसको लेकर काफी गंभीर है। यही नहीं स्टूडेंट का स्कॉलरशिप फॉर्म भी रोक दिया जाएगा। एफिडेविट देने के बाद स्टूडेंट इस तरह की कार्रवाई से बच नहीं सकता है।
हर महीने online होगा रिकॉर्ड
स्टूडेंट के अब्सेंट होने के बावजूद कागजी अटेंडेंस दिखाकर कॉलेज मैनेजमेंट अब बच नहीं सकता। शासन के निर्देश पर उसे हर महीने स्टूडेंट्स का अटेंडेंस रिकॉर्ड अपने वेबसाइट पर ऑनलाइन करनी होगी। इसके लिए शासन की तरफ से कॉलेजेज को यूपीडेस्को द्वारा बनाया गया सॉफ्टवेयर दिया जाएगा। कॉलेज हर महीने स्टूडेंट्स की अटेंडेंस की फीडिंग करेंगे। इससे स्टूडेंट्स के मन में डर बैठेगा और वे रेगुलर क्लास अटेंड करेंगे।
Biometric machine की भी है योजना
स्टूडेंट्स की अटेंडेंस का प्रॉपर रिकॉर्ड रखने के लिए शासन की तरफ से बायोमैट्रिक मशीन लगाने की भी योजना है। रीजनल हायर एजूकेशन ऑफिसर एके गोयल ने बताया कि क्लासेस के बाहर मशीन लगाई जाएंगी, ताकि स्टूडेंट के साथ टीचर भी अपनी अटेंडेंस लगा सकें। लेकिन फिलहाल ये तत्काल लागू करने की प्रोसेस में नहीं है। कॉलेजेज में स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा होने की वजह से अभी इस योजना में डिले हो रहा है।
Subject combination पर जोर
आरयू का कोई अपना सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन नहीं है। हर सब्जेक्ट की अपनी सीटें हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा हो जाती है। किसी सब्जेक्ट में सैकड़ों स्टूडेंट्स हैं तो किसी में महज 25. ऐसे में मीटिंग में स्टूडेंट्स की स्ट्रेंथ बराबर करने के लिए सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन पर जोर दिया गया। प्रिंसिपल डॉ। आरपी सिंह ने बताया कि इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर आरयू को भेजा जाएगा। किसी भी यूनिवर्सिटी का मॉडल उठाकर लागू किया जा सकता है। इससे एग्जाम को मैनेज करने में काफी मदद मिलेगी। सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन लागू होने से स्टूडेंट्स बराबर बंट जाएंगे। एग्जाम कम दिनों में ही खत्म हो जाएगा। उन्हें बिठाने में भी दिक्कत नहीं आएगी।
Teachers को भी दी सीख
रीजनल हायर एजूकेशन ऑफिसर ने लगे हाथ टीचर्स को भी नसीहत दे डाली। उन्होंने हिदायत दी कि क्लास भरी हो या फिर खाली टीचर्स को हर सिचुएशन में क्लास अटेंड करना होगा। स्टूडेंट्स के साथ उनकी भी अटेंडेंस काउंट की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रिंसिपल का कोई भी अवकाश नहीं होता। वैकेशन में कॉलेज का ऑफिस खुला होना चाहिए।
Infrastructure की सताने लगी चिंता
स्टूडेंट्स की अटेंडेंस सुनिश्चित करने को लेकर प्रिंसिपल्स को इंफ्रास्ट्रक्चर की चिंता सताने लगी है। कई प्रिंसिपल्स ने बताया कि कॉलेजेज कई वर्ष पहले स्थापित किए गए हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स की संख्या तो दो से तीन गुना हो कई है, लेकिन क्लास रूम्स अब भी उतने ही हैं। वहीं कई वर्षो से टीचर्स की भर्तियां नहीं हुई हैं। टीचर्स की संख्या भी घट कर आधी हो गई है। यूजीसी के निर्देश के अनुसार टीचर स्टूडेंट्स रेशियो 1:40 होना चाहिए। ऐसे में सभी स्टूडेंट्स पढ़ने आएंगे तो उनको कहां बिठाएंगे। उन्हें पढ़ाने के लिए टीचर्स ही नहीं मिलेंगे।
अब 70 वर्ष तक पढ़ाएंगे teachers
रिटायरमेंट के बाद भी टीचर्स करीब 8 वर्ष तक कॉलेज में पढ़ाते रहेंगे। एके गोयल ने स्टेट गवर्नमेंट के जीओ का हवाला देते हुए यह निर्देश जारी किया। उन्होंने बताया कि म्ख् वर्ष में रिटायर होने के बाद अगर किसी टीचर की इच्छा है तो वह और 8 वर्ष तक पढ़ा सकता है। ऐसे में टीचर्स की कमी पर काफी हद तक लगाम लगाया जा सकता है। इस जीओ से उन टीचर्स में खुशी की लहर जाग उठी जो रिटायर होने वालों के कतार में हैं।