-शहर में अमन-चैन बनाए रखने के लिए एसएसपी ने संजय कम्युनिटी हॉल में एक कदम अमन की ओर नाम से कार्यक्रम का किया आयोजन
-सभी धर्मो के प्रतिनिधि, पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी, शिक्षा जगत, उद्योग जगत के प्रतिनिधि और आम लोग इक्ट्ठा हुए
BAREILLY : ये शहर है अमन का, यहां कि फिजा है निराली, लेकिन वक्त बे वक्त अमन के दुश्मन शहर को हिंसा की आग में झोकने का पुरजोर प्रयास करते हैं। महज चंद लोगों ही फिजा में जहर घोलने का काम करते हैं। अगर पुलिस-प्रशासन सख्त रवैया अपना ले तो कोई भी अमन-चैन में खलल नहीं डाल सकता। जी हां, 'एक कदम अमन की ओर' कार्यक्रम में यही बातें सामने निकलकर आई। एसएसपी की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में सभी धर्मो के प्रतिनिधि, पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी, शिक्षा, उद्योग जगत के प्रतिनिधि और प्रबुद्ध लोग उपि1स्थत रहे।
लघु नाटक से िदया संदेश
लेखक व समाजसेवी जेसी पॉलीवाल के निर्देशन में हम होंगे कामयाब नाटक का मंचन किया गया। इससे संदेश दिया गया कि अफवाहों पर बिल्कुल ध्यान ना दें। नाटक में हिंदू पात्रों के रोल मुस्लिम और मुस्लिम पात्रों के रोल हिंदू कलाकारों ने निभाए।
तो नहीं होगा बवाल
मंच से पब्लिक के रहनुमाओं को भी बुलाया गया था। किला के एडवोकेट दिव्य चतुर्वेदी ने कहा आओ सब मानव बन जाएं। बौद्ध धर्म के महंत धाम तेजंकर दीप, बौद्ध विहार ने कहा कि एसएसपी ने पहली बार अच्छी शुरुआत की, लेकिन इसमें देर हो गई है। अमन में रुकावट पैदा करने वाले लोगों से अगर पुलिस दोस्ती करना बंद कर दे तो देश अमन की ओर होगा।
हम सबसे पहले इंसान हैं
सनातन धर्म के तुलसीमठ के कमल नयन दास जी ने कहा कि पुलिस इज बाई द पीपुल, फॉर द पीपुल और ऑफ द पीपुल। हम सबसे पहले इंसान हैं। उन्होंने लाउडस्पीकर पर रोक लगाने की मांग की। जीआरएम स्कूल के आरके जौली ने कहा कि बच्चे पढ़ते हैं तो वो नहीं जानते कि टीचर किस धर्म का है।
शहर पर फसाद के दाग लग रहे हैं
मुस्लिम धर्म की ओर से मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि अफसोस है कि शहर पर फसाद के दाग लग रहे हैं। अच्छा इंसान वही है, जिसकी जुबान और हाथ दूसरे के लिए उठें। खानकाहे नियाजिया के शब्बू मियां की जगह प्रतिनिधि कर रहे कासिम नियाजी ने कहा कि दरगाह पर आने वाले से नाम नहीं पूछा जाता है। मुल्क के अमन की शुरुआत बरेली से क्यों नहीं। दरगाह आला हजरत के प्रतिनिधि नासिर कुरैशी ने कहा सभी को अमन-चैन की बात करनी चाहिए। उद्योगपतियों की प्रतिनिधि भारतभूषण शील ने कहा कि बरेली शहर का हर शख्स एक कदम बढ़ाए तो क्भ् लाख कदम बढ़ जाएंगे।
इंसान दो तरह के होते हैं
कार्यक्रम में एसएसपी जे रविंद्र गौड ने कहा कि लोग पुलिस पर आरोप लगाते हैं, लेकिन कोई पुलिस के बारे में नहीं सोचता। पुलिस लोगों को दो नजरों से देखती है, एक वो जो अच्छे इंसान होते हैं और एक वो अच्छे इंसान नहीं होते हैं। अच्छे का मतलब जो नियमों का पाल करता है और जो कानून का पालन नहीं करते वो अच्छे नहीं हैं। जो व्यवहार मां-बाप अपने बच्चों के साथ करते हैं वहीं व्यवहार दूसरों के साथ करने लगें तो कभी दंगा ही नहीं होगा। डीआईजी ने कहा कि दंगा होने से शहर दस साल पीछे चला जाता है।
पुलिस पर जमकर लगे आरोप
कार्यक्रम के दौरान पब्लिक से भी अमन-चैन बरकरार रखने के बारे में पूछा गया तो कई लोगों ने पुलिस पर ही आरोप मढ़ने शुरू कर दिए। किसी ने कहा कि पुलिस पक्षपात करती है। अगर पुलिस चाहें तो कभी बवाल नहीं हो सकता है। पुलिस अमीरों की सुनती है, लेकिन गरीबों की नहीं। किसी ने कहा कि धर्म के ठेकेदार अगर चाहें तो कभी बवाल नहीं होगा। एक शख्स ने कलेक्ट्रेट में शिकायत पेटी लगाने की मांग की। कार्यक्रम में कुछ अपराधी भी भीड़ में मौजूद रहे तो कभी पानी के लिए भी मारा-मारी मची।