(बरेली ब्यूरो)। जब किस्मत मिलाती है, तो थोड़ी देर तो लगाती है.यह कहावत बिल्कुल फिट बैठती है 65 साल के शेर सिंह पर। 45 साल पहले घर से रोजगार की तलाश में निकले और अब जाकर पारिवार से मिले।
जानकारी के मुताबिक शेर सिंह (65) निवासी जमरसों पोस्ट ऑफिस बगोटी थाना लोहाघाट जिला चंपावत, उत्तराखंड जिनके तीन भाई शेर सिंह, खीम सिंह, हुकुम सिंह, टीका सिंह हैैं। 17 जनवरी को मनोसमर्पण मनोसामाजिक सेवा समिति के अध्यक्ष शैलेश कुमार शर्मा व संस्था से जुड़ी निशि को शेरसिंह कुतुबखाना सडक़ पर बदहवास हालत में पड़े हुए मिले थे। शैलेश द्वारा 108 एम्बुलेंस के मदद से शेर सिंह को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। वहां इनका इलाज हुआ। ठीक होने पर इनको जिला समाज कल्याण अधिकारी के माध्यम से वृद्धाश्रम में भर्ती करा दिया जहां इनकी उचित देखभाल हो सके। शैलेश द्वारा शेरसिंह की काउंसलिंग करने पर शेरसिंह ने अपना पता बताया। उत्तराखंड परिवार के मुकुल भट्ट और अमित पन्त ने शेरसिंह का पता खोजने में मदद की। इनके परिजनों को शेरसिंह के बारे में सूचित किया।
शेरसिंह के बड़े भाई खीमसिंह और परिवार के जीत सिंह, अमर सिंह शहर में शेरसिंह को लेने आये और अपने साथ घर ले गए। शेरसिंह से मिलकर बड़े भाई खीमसिंह की आँखें नम हो गर्ई। खीमसिंह ने बताया कि 45 वर्ष पूर्व शेरसिंह काम की तलाश में घर से निकला था। फिर वापस नहीं लौटा। परिवार ने शेरसिंह को खोजने की बहुत कोशिश की किन्तु वह नही मिला। पारिवार ने उसे मृत मान लिया था।