जज की वाइफ को एक्सपायर्ड इंजक्शन लगाने का मामला
नवंबर महीने में ही खारिज कर दिया गया था एक्सपायर्ड स्टॉक
बावजूद इसके हॉस्पिटल में खपाया जा रहे थे इंजेक्शन व दवाएं
BAREILLY: बीते संडे को जज की वाइफ को एक्सपायर्ड इंजेक्शन लगाने के मामले में एक नया चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जो इंजेक्शन लगाया जा रहा था वह एक्सपायर्ड तो था ही उसे नवंबर ख्0क्ख् में ही दवा के स्टॉक से हटाए जाने का फरमान जारी किया गया था। बावजूद इसके न सिर्फ इस इंजेक्शन को स्टॉक में जगह दी गई बल्कि इसे पेशेंट्स को लगाकर खपाया भी जाता रहा। एक्सपायर्ड और खारिज कर दिए गए इंजेक्शन व दवाओं को हॉस्पिटल में खपाने के खुलासे पर जिम्मेदारों को जवाब देते नहीं बन रहा।
इलाज में धोखा
जिंदगी और मौत के बीच झूलते ऐसे पेशेंट्स जिनके लिए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल ही आखिरी उम्मीद है उन्हें कारगर इलाज के नाम पर धोखा जा रहा है। हॉस्पिटल के दवा स्टोर में जो दवाएं व इंजेक्शन हैं उनमें एक्सपायर्ड दवाओं का भी स्टॉक बरकरार है। हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने जज की वाइफ को लगाए जा रहे एक्सपायर्ड इंजेक्शन को डेढ़ साल पहले खारिज किए जाने की बात कही है। हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन की हामी से दवा स्टोर में बड़े लेवल पर एक्सपायर्ड दवाओं के यूज की आशंका सच साबित हाे रही है।
ख्8 को होगी मजिस्ट्रेट जांच
जज की वाइफ से जुड़ा मामला होने के चलते इलाज में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। डीएम के मामले में संज्ञान लेने और एडीएम सिटी से जांच की कवायद शुरू होने के बाद अब इस लापरवाही की मजिस्ट्रेट जांच भी होगी। सीएएमस डॉ। आरसी डिमरी ने बताया कि ख्8 जून को मजिस्ट्रेट जांच के लिए टीम हॉस्पिटल में आएगी। मेडिकल स्टाफ से लेकर डॉक्टर्स लेवल तक हुई लापरवाही और एक्सपायर्ड दवा के गोरखधंधे ने हॉस्पिटल में इलाज पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इंजेक्शन भी था गलत
डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में पेशेंट की जान बचाने के लिए किया जाने वाला इलाज कितना भरोसेमंद है इसकी कलई जज की वाइफ के साथ हुई लापरवाही से उजागर हो गई है। लापरवाहों ने न सिर्फ एक्सपायर्ड और डेढ़ साल पहले स्टॉक से हटाए जाने वाले आदेश के इंजेक्शन लगा रहे थे। बल्कि इंजेक्शन भी किसी और मर्ज का था। लापरवाह डॉक्टर व स्टाफ जिस एक्सपायर्ड इंजेक्शन को लगा रहे थे वह मैनिटॉल था जो सिर में चोट लगने या सूजन होने पर लगाया जाता है।
जो इंजेक्शन लगाया जा रहा था वह किसी और मर्ज का था और इसे नवंबर ख्0क्ख् में ही स्टॉक से हटाने को कहा गया था। यह कैसे स्टॉक में रहा इसकी जांच होगी। वहीं ख्8 जून को मजिस्ट्रेट जांच में इस पर भी खोजबीन होगी। - डॉ। आरसी डिमरी, सीएमएस