एक्सपायरी दवाओं व इंजेक्शन के रिकॉ‌र्ड्स के लिए वीकली होगी जांच

सभी वॉर्डो के इंचार्जो को दिए स्टॉक का डाटा मेंटेन करने के निर्देश

एक्सपायरी की तारीख से तीन महीने पहले ही दवाएं स्टॉक से होंगी खाली

BAREILLY: एक्सपायरी इंजेक्शन मामले में अपनी साख पर एक और दाग लगाने के बाद डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के जिम्मेदार आखिरकार चेत रहे हैं। स्टोर में एक्सपायरी दवाओं को ठिकाने लगाने की पुरानी प्रोसेस को फिर से रिवाइव किया गया है। मेडिसिन स्टोर में रखी दवाओं की एक्सपायरी डेट चेक कराए जाने के अलावा उनका रजिस्टर में रिकॉर्ड भी मेंटेन किया जा रहा है। वहीं स्टोर में दवाओं के लिए जिम्मेदार लोगों पर जवाबदेही भी बढ़ाई गई है, जिससे फिर कभी एक्सपायरी दवा या इंजेक्शन के मरीज तक पहुंचने जैसे केसेज पर लापरवाहों पर कार्रवाई हो और ऐसी चूकों को हादसों में बदलने से रोका जा सके।

Double entry system

हॉस्पिटल के स्टोर में आने वाली दवाओं व इंजेक्शन का रिकॉर्ड रखने के लिए दो रजिस्टर पर एंट्री की जाती है। पहली स्टॉक बुक पर और दूसरी एक्सपायरी रजिस्टर पर। स्टॉक बुक में दवाओं के नाम और उनके स्टॉक के बारे में जानकारी रखी जाती है। वहीं एक्सपायरी रजिस्टर में दवा या इंजेक्शन के एक्सपायर होने का रिकॉर्ड रखा जाता है। सीएमएस ने अब दोनों ही रजिस्टर में दवाओं व इंजेक्शन के एक्सपायरी डेट मेटेंन करने के निर्देश दिए हैं, जिससे एक्सपायरी दवाओं के स्टॉक में रहने की कोई भी गुंजाइश बाकी न रहे।

तीन महीने पहले खाली स्टॉक

हॉस्पिटल के मेडिसिन स्टॉक में जिन दवाओं व इंजेक्शन को जगह मिलती हैं, उनके स्टॉक के साथ ही एक्सपायरी डेट को समय-समय पर परखा जाता है। हॉस्पिटल की ओर से स्टोर में जिन दवाओं या इंजेक्शन की मियाद खत्म होने वाली होती है, उससे तीन महीने पहले ही दवा को स्टॉक से हटाने का नियम है। स्टॉक से एक्सपायर होने में तीन महीने शेष रहने वाली इन दवाओं या इंजेक्शन को सीएचसी-पीएचसी या नजदीक के दूसरे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में खपाने के लिए भेजा जाएगा। इससे एक्सपायरी की डेट रहते दवाओं का यूज भी हो जाएगा और स्टॉक से ऐसी दवाओं को हटा उनका नया स्टॉक रखा जा सकेगा।

हर हफ्ते रिकॉर्ड की जांच

मेडिसिन स्टोर में रखी दवाओं व इंजेक्शन के स्टॉक की हर हफ्ते रिपोर्ट परखी जाएगी। एक्सपायरी रजिस्टर में दवाओं व इंजेक्शन के अवेलेबेल स्टॉक, मांग के मुताबिक उनके नए स्टॉक की जरूरत और उनकी मियाद का रिकॉर्ड देखा जा रहा है। सीएमएस ने स्टोर इंचार्ज व अन्य जिम्मेदारों को इसका वीकली रिकॉर्ड जांचने और इसकी रिपोर्ट देने के निर्देश जारी किए हैं। जिससे कि हर एक हफ्ते में उन दवाओं व इंजेक्शन की जानकारी ली जा सके, जिनकी एक्सपायरी में तीन या इससे कम महीने ही रह गए हों।

इंचार्ज पर भी डाली जिम्मेदारी

दवाओं व इंजेक्शन की एक्सपायरी डेट में किसी भी तरह की गलती या फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सीएमएस ने वॉर्डो के इंचार्जो को भी जिम्मेदारी सौंपी है। हॉस्पिटल की ओपीडी से लेकर सभी वॉर्ड की जिम्मेदारी क्7 डॉक्टर्स को दी गई है। सभी इंचार्ज और उनके स्टाफ को अपने वॉर्ड में यूज हो रही दवाओं व इंजेक्शन के एक्सपायरी डेट का ब्यौरा रखने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही चीफ फार्मासिस्ट को सभी वॉर्ड में भेजी जा रही दवाओं की सप्लाई व उनकी एक्सपायरी का ब्यौरा रखने को कहा गया है।

हॉस्पिटल के स्टोर में दवाओं व इंजेक्शन का हर हफ्ते रिकॉर्ड देखने व मेंटेन करने के निर्देश दिए गए हैं। एक्सपायरी से तीन महीने पहले ही दवाओं को स्टोर से हटाकर अन्य हॉस्पिटल व सीएचसी-पीएचसी में सप्लाई किया जा रहा है। सभी वॉर्ड इंचार्ज को भी अपने यहां दवाओं के एक्सपायरी के रिकॉर्ड जांचने को कहा गया है।

- डॉ। आरसी डिमरी, सीएमएस