आईएमए ने जनरल बॉडी मीटिंग में लिया फैसला, देश भर में होगा आंदोलन
निकाली विरोध रैली, मांगे न मानी तो 6 मार्च को इमरजेंसी सर्विस भी बंद
BAREILLY: कानपुर में मेडिकल स्टूडेंट्स की पिटाई से प्रदेश भर के डॉक्टर्स की नाराजगी अब तीखे तेवर दिखाने लगी है। प्रदेश में मेडिकोज के बाद अब डॉक्टर्स भी सड़कों पर उतर, सपा विधायक व शासन के खिलाफ नाराजगी दिखा रहे हैं। ट्यूजडे को बरेली में भी आईएमए के सदस्यों ने मेडिकल स्टूडेंट्स को रिहा न किए जाने पर गुस्सा जाहिर किया। डॉक्टर्स ने आईएमए भवन से विरोध रैली निकाल चौकी चौराहा होते हुए अयूब खां तक का सफर तय किया। इस दौरान हाथों में बैनर लिए डॉक्टर्स ने सपा विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
जीबीएम में हड़ताल जारी का फैसला
आईएमए भवन में ट्यूजडे को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बरेली ब्रांच की जनरल बॉडी मीटिंग बुलाई गई। दोपहर क्ख् से ख् बजे तक चली मीटिंग में आगे की रणनीति पर प्लान ऑफ एक्शन तैयार किया गया। आईएमए प्रेसीडेंट डॉ। जीएस खंडूजा ने बताया कि इस आंदोलन की बागडोर अब आईएमए की नेशनल एसोसिएशन ने ले ली है। एसोसिएशन ने कहा है कि जब तक मेडिकल स्टूडेंट्स को रिहा नहीं किया जाएगा, आईएमए की अनिश्चित कालीन हड़ताल जारी रहेगी।
म् को इमरजेंसी सेवा भी ठप्प
आईएमए की ओर से जारी हड़ताल जल्द ही और भी बड़ा रूप लेने वाली है। आईएमए ने मेडिकोज स्टूडेंट्स को भ् मार्च तक रिहा न किए जाने पर इमरजेंसी सर्विस भी बंद करने की चेतावनी दी है। शासन ने अगर म् मार्च की सुबह तक मांगे ना मानी तो, देश भर के प्राइवेट हॉस्पिटल्स में ओपीडी के साथ इमरजेंसी सर्विस को भी एक दिन के लिए ठप्प रखा जाएगा। ऐसा होने पर देश भर में मेडिकल व्यवस्था के बुरी तरह चरमराने के आसार हैं।
आईडीए भी आया साथ
डॉक्टर्स की हड़ताल में अब इंडियन डेंटल एसोसिएशन बरेली ब्रांच भी समर्थन में आ गया है.आईडीए बरेली के अध्यक्ष डॉ.राहुल वोरा ने बताया कि मेडिकल स्टूडेंट्स के साथ हुई घटना के विरोध में वे आईएमए के साथ हैं। उन्होंने बताया कि सभी डेंटल क्लीनिक बंद रखे जाएंगे।
आईएमए ने जांचे शहर के हॉस्पिटल
प्रदेश सरकार के रवैये से नाराज आईएमए देश भर में अपनी हड़ताल को शुरू करने जा रही है। हड़ताल को कामयाब बनाने के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल व नर्सिंग होम की भागीदारी के लिए कोशिशें की जा रही हैं। ओपीडी बंद रखने का फैसला होने के बावजूद शहर के कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल्स में ओपीडी चलती रही हैं। डॉ। खंडूजा ने बताया कि ऐसे में ट्यूजडे को आईएमए टीम ने कुछ हॉस्पिटल्स में हड़ताल का असर देखा। वहीं दूसरी ओर डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में पेशेंट्स की तादाद ट्यूजडे को भी काफी रही।