एमडीआर वार्ड मई में होगा शुरू, मरीजों को नहीं जाना होगा लखनऊ-मेरठ
डिजिटल एक्स-रे मशीन जून तक होगी इंस्टॉल, एक्सपर्ट टीम ने किया मुआयना
BAREILLY:
गर्मी के तल्ख तेवरों ने भले ही बीमारियों को मजबूती देकर मरीजों को बेबस कर दिया हो, लेकिन
डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में इस गर्मी मरीजों को बड़ी राहत मिलने वाली है। अगले एक महीने में जानलेवा बीमारी एमडीआर टीबी की चपेट में आने वाले मरीजों को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में ही इलाज की सुविधा नसीब हो जाएगी। वहीं एक्सीडेंट या चोट लगने पर एक्स-रे जांच के लिए लंबी लाइन में खड़े रहने वाल घायल मरीजों को भी राहत मिलने वाली है। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में नई डिजिटल एक्स-रे मशीन लगने वाली है। जिससे मरीजों को न सिर्फ पहले से साफ बल्कि जल्द जांच रिपोर्ट मिल सकेगी। जून के पहले पखवाड़े में ही नई डिजिटल मशीन के इंस्टॉल होने की उम्मीद है।
क्भ् लाख से तैयार एमडीआर वार्ड
मेडिकल हब होने के बावजूद बरेली में जानलेवा बीमारी एमडीआर यानि मल्टी ड्रग रजिस्टेंस टीबी के मरीजों के इलाज की सुविधा नहीं है। बरेली में एमडीआर के मरीजों की पहचान होते ही उन्हें इलाज के लिए लखनऊ या मेरठ भेजा जाता है। जहां एमडीआर वार्ड हैं। लेकिन डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में ही टीबी वार्ड के नजदीक क्भ् लाख की लागत से एमडीआर वार्ड का निर्माण चल रहा है। दो दिन पहले एडी हेल्थ डॉ। सुबोध शर्मा ने इसका इंस्पेक्शन कर इसे मई आखिर तक शुरू कराने के निर्देश दिए हैं। एमडीआर वार्ड में क्8 बेड की सुविधा होगी। जिसमें क्ख् बेड मेल वार्ड में और म् फीमेल वार्ड में होंगे।
भ् एक्सपर्ट की निगाह में होगा इलाज
नॉर्मल टीबी से एमडीआर टीबी के शिकार हुए मरीजों के लिए इस बीमारी के खिलाफ जंग आसान नहीं होती। एमडीआर के शिकार टीबी मरीजों में जीवित बचने की गुंजाइश फ्0 से ब्0 फीसदी ही रहती है। वहीं हर दिन इस इलाज पर मरीज का कम से कम ख्भ्0 रुपए का खर्च होता है। प्राइवेट हॉस्पिटल्स में यह खर्च लाखों में भी चला जाता है। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एमडीआर का इलाज शुरू होने से बरेली के अलावा आस पास के जिलों मरीजों को इसका फायदा मिलेगा। इन मरीजों के इलाज की जिम्मेदारी भ् डॉक्टर्स के जिम्मे होगी। जिनमें साइकियाट्रिस्ट, चेस्ट फिजिशियन, एमडी मेडिसिन, गायनोकोलॉजिस्ट और पैथोलॉजिस्ट शामिल हैं।
एक मिनट में एक जांच रिपोर्ट
डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में करीब ब्0 लाख की लागत से नई डिजिटल एक्स-रे मशीन को इंस्टॉल कराया जाना है। तीन दिन पहले हॉस्पिटल में एक्स-रे मशीन इंस्टॉल करने के लिए एक टेक्निकल टीम पहुंची थी। मौजूदा समय में हॉस्पिटल के एक्स-रे विभाग में एक ही मैनुअल एक्स-रे मशीन है, जो बेहद पुरानी पड़ चुकी है। पिछले ब् महीनों में इस पुरानी मशीन से क्0,क्9क् एक्स-रे निकाले गए। लगातार दबाव बढ़ने से मरीजों को जांच रिपोर्ट मिलने में देरी होती है। नई डिजिटल मशीन से एक्स-रे रिपोर्ट मिलते ही मरीजों को हाथों-हाथ ही जांच रिपोर्ट मिल जाएगी। नई डिजिटल मशीन से क्0 मिनट में ही क्0-क्ख् एक्स-रे रिपोर्ट मिल जाएंगी। डिजिटल मशीन से होने वाली जांच मुफ्त में होगी, साथ ही इसकी रिपोर्ट नॉर्मल रिपोर्ट से ज्यादा साफ रहेगी।
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एडी हेल्थ ने एमडीआर वार्ड का दौरा किया है। मई आखिर तक एमडीआर वार्ड में मरीजों का इलाज शुरू होने की उम्मीद है। वहीं डिजिटल एक्स-रे मशीन के लिए टेक्निकल टीम आई थी। जून तक नई मशीन के इंस्टॉल होते ही जांच शुरू हो जाएगी। - डॉ। डीपी शर्मा, सीएमएस