पीडब्ल्यूडी ने महीनों बाद भी पूरी नहीं किया मैटरनिटी विंग का टेंडर
पांच सीएचसी में से महज दो बनी, बजट जारी न होने से रुका काम
84 सबसेंटर्स बनाए जाने की कवायद सुस्त, महज 43 बनकर हुई हैंडओवर
BAREILLY:
प्रसूताओं को डिलीवरी और बेहतर इलाज देने की मंशा से कागजों में बनाया गया मैटरनिटी विंग हाल फिलहाल मूर्तरूप लेने में अभी वक्त लगेगा। डिस्ट्रिक्ट फीमेल हॉस्पिटल में बनाई जाने वाली सेहत महकमे की इस महत्वाकांक्षी योजना अपने शुभारंभ होने से पहले एक बार फिर लेटलतीफी का शिकार हो गई है। योजना को साकार करने के लिए जिस कार्यदायी संस्था पीडब्ल्यूडी को इसका जिम्मा सौंपा गया है, वही इस देरी के लिए जिम्मेदार है। महीनों बाद भी पीडब्ल्यूडी की ओर से मैटरनिटी विंग का टेंडर भी नहीं कराया जा सका है।
दो साल से लटकी योजना
फीमेल हॉस्पिटल में प्रसूताओं के इलाज व डिलीवरी के बाद उनकी बेहतर देखभाल के लिए मैटरनिटी विंग बनाए जाने का प्रपोजल ख्0क्ख्-क्फ् में मंजूर हुआ। मैटरनिटी विंग के लिए ख्0 करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट पास हुआ। योजना को हरी झंडी मिलने के बाद फीमेल हॉस्पिटल की पुरानी बिल्डिंग को तोड़े जाने का मामला लटक गया। महीनों बाद शासन ने पुरानी बिल्डिंग को तोड़ने का आदेश दिया। जिसके बाद नवंबर आखिर में पीडब्ल्यूडी को इसके टेंडर शुरू करने और जल्द निर्माण शुरू कराने के निर्देश मिले। लेकिन ढाई महीने बाद तक पीडब्ल्यूडी की ओर से टेंडर ही नहीं कराए जा सके। जबकि मैटरनिटी विंग के निर्माण की अवधि ही ख्0क्भ् में खत्म हो रही।
पांच में सिर्फ ख् सीएचसी बनी
शासन की ओर से बरेली मंडल की पांच कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर, सीएचसी का निर्माण होना है। ख्0क्ख्-क्फ् से पहले ही शासन की ओर से इन निर्माण कार्यो को मंजूरी मिली। लेकिन पिछले डेढ़ साल में पांच में से सिर्फ ख् सीएचसी का ही निर्माण कर उन्हें हेल्थ डिपार्टमेंट को हैंडओवर किया जा सका। जबकि शीशगढ़ सीएचसी के निर्माण की धनराशि खत्म होने के चलते काम अधर में ही लटक गया। नया बजट जारी न होने से यह काम पूरा न हो सका। वहीं फतेहगंज पश्चिमी व बिथरी चैनपुर सीएचसी के लिए शासन से निर्माण की आधी धनराशि ख्.ब्भ् करोड़ मिली। जिसमें से फतेहगंज पश्चिमी सीएचसी पर क्.8म् करोड़ व बिथरी चैनपुर सीएचसी के निर्माण पर क्.8फ् करोड़ रुपए खर्च हो गए। बजट की अगली किश्त जारी न होने से यह काम भी रूक गए।
दो साल में आधे भी न बने सबसेंटर्स
हेल्थ डिपार्टमेंट्स की ओर से ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इलाज की सुविधा मुहैया कराने को सब सेंटर्स बनाए जाने की कवायद भी सुस्त ही रही। बरेली में कुल 8ब् सब सेंटर्स के निर्माण के लिए साल ख्0क्ख्-क्फ् के दौरान मंजूरी मिली। एक सब सेंटर को बनाए जाने की अवधि म् महीने तय की गई। लेकिन करीब दो साल बीतने के बाद भी 8ब् में से सिर्फ ब्ख् सबसेंटर्स का ही निर्माण पूरा कर उन्हें हैंडओवर किया जा सका। बजट की कमी एक बार फिर आड़े आ गई। सीएमओ ऑफिस के जेई की ओर से बनाई गई इन तमाम निर्माण कार्यो की संशोधित रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है।
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मैटरनिटी विंग का जल्द निर्माण शुरू कराने को पीडब्ल्यूडी को निर्देश दिए हैं। टेंडर प्रोसेस पूरी होते ही काम शुरू होगा। बजट की कमी के चलते निर्माण कार्यो की प्रोग्रेस रूकी। शासन से बजट की अगली किश्त की मांग रखी गई है। - डॉ। विजय यादव, सीएमओ