बरेली (ब्यूरो)। आंवला में संचालित निजी हॉस्पिटल्स में लापरवाहियां एक के बाद एक लगातार सामने आती जा रही हैं। कुछ ही दिन पूर्व श्री श्याम हॉस्पिटल में डेंगू के उपचार के लिए लाई गई लडक़ी को गलत उपचार देने का आरोप उस के परिजन ने लगाया था। हालत बिगडऩे पर उसे बरेली के एक हॉस्पिटल में ले जाया गया था, जहां पहुंचने पर उस ने दम तोड़ दिया था। जांच में फर्जीवाड़ा मिलने पर अस्पताल संचालक के विरुद्ध एफआईआर भी हुई थी, लेकिन वह फरार हो गया था। अब संडे को यहां के एक हॉस्पिटल में एक प्रसूता की मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने जम कर हंगामा किया।
यह है मामला
नगर के मोहल्ला खेड़ा निवासी धर्मवीर पुत्र श्यामलाल के अनुसार उन के भाई कांता प्रसाद का विवाह डेढ़ वर्ष पहले हुआ था। उसकी पत्नी रिंकी को घर पर ही नॉर्मल डिलीवरी के दौरान सुबह 6:30 बजे पुत्री का जन्म हुआ था। इस दौरान प्लेसेंटा अंदर रह जाने के कारण उस की हालत खराब होने लगी, जिस पर उसे पुरैना स्थित मेडिकेयर हॉस्पिटल एवं ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया। वहां पर उसे एडमिट करने के बाद ट्रीटमेंट स्टार्ट कर दिया गया। परिजनों ने बताया कि महिला कंपाउंडर ने डॉक्टर के कहने पर रिंकी को इंजेक्शन लगाया, जिस के बाद उस की हालत खराब होती चली गई। अतत: शाम 4:30 बजे उसकी डेथ हो गई।
मौके से खिसक लिया स्टाफ
रिंकी की मृत्यु होने के बाद हॉस्पिटल में हडक़ंप मच गया। देखते ही देखते सारा स्टाफ वहां से खिसक गया। इस पर पीडि़त परिवार के लोग हॉसिपटल पर हंगामा करने लगे। उन का आरोप था कि वहां पर अप्रशिक्षित स्टाफ को नियुक्त कर लिया गया है। आरोप लगाया कि उपचार में लापरवाही बरती गई, जिसके कारण ही उन के परिवार की बहू की जान गई। इस बीच खेड़ा निवासी सभासद रामवीर प्रजापति ने फोन से पुलिस को सूचना दी, जिस पर प्रभारी निरीक्षक ओपी गौतम फोर्स के साथ वहां पहुंचे। पुलिस को देख पीडि़त पक्ष आरोपितों पर कार्रवाई कर उन्हें अरेस्ट करने की मांग करने लगा। इस पर परिवार को सांत्वना देते हुए कोतवाली प्रभारी ने शव का पंचनामा भर कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। उन्होंने बताया कि पीडि़त परिवार ने अभी कोई तहरीर नहीं दी है। उस के मिलते ही एफआईआर पंजीकृत कर कार्रवाई की जाएगी।
जांच में मिला था फर्जीवाड़ा
इससे कुछ ही दिन पूर्व बच्ची की डेथ के मामले में श्री श्याम हॉस्पिटल के संचालक के खिलाफ एसडीएम से शिकायतें की गई थीं एसडीएम डॉ वेद प्रकाश मिश्रा ने स्वास्थ्य विभाग से मामले की जांच करने को कहा था, जिस पर आयुर्वेदिक चिकित्सालय आंवला के चिकित्सा प्रभारी डॉ। इंद्रजीत को जांच सौंपी गई थी। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में अस्पताल को पूरी तरह से अवैध बताते हुए श्री श्याम हॉस्पिटल के संचालक पर भी कोई वैध डिग्री न होने की बात कही थी, जिस के बाद उस के संचालक के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया था।
युवती की भी हो चुकी है मौत
कुछ समय पहले ही आंवला तहसील के ताडग़ंज निवासी धर्मपाल सिंह ने पुलिस से कंप्लेंट की थी। उस में कहा था कि उन की पुत्री रचना(20) और नैंसी(19) को बुखार हो गया था। वे दोनों को दवा दिलाने के लिए पुरैना बस स्टैंड के पास स्थित प्राइवेट अस्पताल पर ले गए। डॉक्टर ने बताया कि बेटियों को वायरल फीवर है, एडमिट करना पड़ेगा। धर्मपाल के अनुसार इस पर उन्होंने दोनों को वहां पर भर्ती करा दिया। तीन दिन तक उपचार जारी रहा, लेकिन स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं आया। हालत बिगड़ती देख वह बेटियों को बरेली के निजी अस्पताल ले गए। वहां पर डॉक्टर का कहना था कि दवाओं की अधिक डोज देने से लीवर में इन्फेक्शन हो गया है। भर्ती करने के कुछ ही घंटे बाद रचना की मृत्यु हो गई। धर्मपाल के अनसार बाद में पता चला कि आंवला का वह अस्पताल फर्जीवाड़ा कर चलाया जा रहा था।
फर्जी हॉस्पिटलों की लंबी फेहरिस्त
नगर में ऐसे हॉस्पिटल्स की लंबी लिस्ट है। इन में आए दिन कोई न कोई ऐसा मामला सामने आता रहता है। ऐसा नहीं कि इस को ले कर लोगों ने कंप्लेंट नहीं की, लेकिन इस के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के कानों पर जूं नहीं रेंगती। कभी विभाग की ओर से टीम आ भी जाए तो सूचना पहले से लीक हो जाती हैं, जिस पर झोलाछाप क्लीनिक बंद कर खिसक लेते हैं। विभागीय लापारवाही का लाभ उठा कर ये लोग धड़ल्ले से लोगों की जान से खिलवाड़ करते हुए अपनी जेबें भरने में लगे हैं।
बोले अधिकारी
घटना के विषय में उच्च अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। उन के निर्देश के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
-डॉ। इंतजार हुसैन, सीएचसी प्रभारी