यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटर के एग्जाम्स की तैयारियां शुरू

केंद्र निर्धारण में नकल माफियाओं की सेटिंग होने की पूरी संभावना

BAREILLY: यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटर के एग्जाम्स की तैयारियां शुरू हो गई हैं। एग्जाम सेंटर बनाने के प्रोसेस से जमीनी तौर पर तैयारियां का आगाज मंडे से शुरू हो जाएगा। आलाअधिकारी से लेकर शासन तक इस बार एग्जाम्स में हर खेल से निपटने के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था करने का दावा कर रहे हैं। लेकिन केंद्र निर्धारण नीति में ऐसी कोई नीति ही नहीं बनी जो बोर्ड एग्जाम में शिक्षा माफियाओं के खेल पर लगाम लगा सके। एक बात तो तय मानी जा रही है केंद्र निर्धारण में नकल माफियाओं की सेटिंग की तूती बोलेगी।

इस बार स्टूडेंट्स होंगे कम

इस वर्ष बोर्ड एग्जाम में अपीयर होने वाले स्टूडेंट्स की संख्या लास्ट ईयर के मुकाबले कम होगी। इसका श्रेय ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन को जाता है। माना जा रहा है कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की वजह से कॉलेज केवल वे ही स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन करा पाए जो उनके यहां पर इनरोल्ड हैं। ऐसे में विभाग फर्जी स्टूडेंट्स को एग्जाम से पहले ही रोकने के लिए अपनी पीठ भी थपथपा रहा है। इस बार हाईस्कूल में करीब भ्7,9भ्ख् स्टूडेंटस और इंटरमीडिएट में करीब ब्म्,7भ्म् स्टूडेंट्स एग्जाम में अपीयर होंगे। लास्ट ईयर करीब क्ब्8 सेंटर्स बनाए गए थे क्योंकि स्टूडेंट्स कम हैं तो सेंटर्स तो नहीं बढ़ेंगे। मंडे सेंटर्स बनाने का प्रोसेस स्टार्ट हो जाएगा। इसके तहत पहले स्कूल्स से प्रपोजल मांगा जाता है। फिर स्थलीय निरीक्षण कर प्रस्तावित लिस्ट तैयार होती है। उसके बाद आपत्तियां मंगाई जाती हैं। जिन पर जिला समिति में सुनवाई होती है। इसमें इस बात का खास ख्याल रखा जाएगा कि पिछली बार के क्भ् डिबार स्कूल को केंद्र ना बनाए जाए।

केंद्र निर्धारण में दूरी तय नहीं

शासन ने क्म् अक्टूबर को केंद्र निर्धारण की नीति जारी की। नई नीति में एग्जाम सेंटर की दूरी तय नहीं है। बस नीति में यह दिया गया है कि केंद्र निकटतम दूरी में बनाए जाएं, लेकिन निकटतम कितने किलोमीटर तक होना चाहिए इसका कोई जिक्र नहीं है। यूपी बोर्ड एग्जाम में नकल माफियाओं का सारा खेल केंद्र निर्धारण में ही होता है। उनकी पहुंच अंदर तक होती है और जमकर केंद्र निर्धारण में हेरा-फेरी करते हैं। नकल कराने के लिए स्टूडेंट्स का ठेका लेते हैं। केंद्र बनाने में सेटिंग कर अपने चहेतों को मनचाहे सेंटर्स पर एग्जाम दिलाते हैं।

यह था नियम

इससे पहले केंद्र निर्धारण में सेंटर्स की दूरी हुआ करती थी। ग‌र्ल्स का सेंटर तो उनके ही स्कूल में होता है। विशेष परिस्थितियों में उनका सेंटर दूसरे स्कूल में बनाया जाता है, लेकिन वह भी नजदीक एरिया में ही होना चाहिए। इसके मुताबिक ग‌र्ल्स के लिए सेंटर फ् किलोमीटर की दूरी तक और ब्वॉयज के लिए सेंटर 8 किलोमीटर की दूरी से ज्यादा नहीं होने चाहिए।

पिछली बार भी हुआ था यही खेल

विभाग को नकल माफियाओं पर नकेल कसने की बात कह रहा है, लेकिन वह अपनी पुरानी गलतियों से सीख नहीं ले रहा। जो गलती लास्ट ईयर की थी वह इस बार भी सौ प्रतिशत दोहराने वाली है। लास्ट ईयर अधिकांश सेंटर्स ख्भ् किलोमीटर की दूरी पर बनाए गए थे। सिमरा बोरीपुर स्थित स्वतंत्रता सैनानी ठाकुर सिंह इंटर कॉलेज का सेंटर ख्म् किलोमीटर दूर बिशप मंडल इंटर कॉलेज में बनाया गया था। वहीं कुछ का सेंटर ख्भ् किलोमीटर की दूरी पर जीआईसी में भी बनाया गया था। जयनारायण इंटर कॉलेज के स्टूडेंट्स का सेंटर क्भ् किलोमीटर की दूरी पर लाल शर्मा इंटर कॉलेज, रिठौरा में बनाया गया था। वहीं खुसरो इंटर कॉलेज के स्टूडेंट्स का सेंटर ख्0 किलोमीटर मौलाना आजाद इंटर कॉलेज में बनाया गया था। ऐसे सेंटर्स की तो पूरी फेहरिस्त थी।

ये केंद्र निर्धारण के नियम हैं। शासन इसको तय करता है। मैं इसके बारे में कोई टिप्पणी नही करना चाहता। हमारा काम नियमों और निर्देशों का पालन करना है।

-आशुतोष भारद्वाज, डीआईओएस